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जबलपुरः गौशालाओं का बुरा हाल, भूख और बीमारी से 15 दिनों में 5 गायों की मौत - नयानगर गौशाला 5 गायों की मौत

जबलपुर जिले के शहपुरा ब्लॉक की नयानगर ग्राम पंचायत में बनी गौशाला में पिछले 15 दिनों में 5 गायों की मौत हो गई है. गौशाला में गायों के लिए भूसे की व्यवस्था नहीं है. जिससे कई गायों ने भूख से दम तोड़ दिया. जबकि कुछ की बीमारी के चलते मौत हो गई.

Nayanagar Gram Panchayat Goshala
नयानगर ग्राम पंचायत गोशाला
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Published : Sep 7, 2020, 10:39 AM IST

जबलपुर। शहपुरा ब्लॉक की नयानगर ग्राम पंचायत में कांग्रेस कार्यकाल में बनाई गई गौशालाओं में भूख और बीमारी के चलते 5 गायों की मौत गई. मुख्यमंत्री गौ सेवा योजना के तहत तत्कालीन कमलनाथ सरकार द्वारा प्रदेशभर में 1300 गौशालाएं बनवाई गई थीं, लेकिन जैसी ही सरकार बदली इन गौशालाओं के हालत भी बदल गए हैं. ना तो अब यहां गायों की संख्या के हिसाब से भूसे की उपलब्धता है और ना गायों के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं. जिसका परिणाम ये हुआ कि महज 15 दिनों के भीतर ही 5 गायों ने दम तोड़ दिया.

गौशाला में गायों ने तोड़ा दम

गांव के सरपंच का कहना है कि सरकार समय पर राशि उपलब्ध नहीं करा रही है. जिससे परेशानियां हो रहीं हैं. कोई जिम्मेदार अधिकारी भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है. गौशालाओं में देख-रेख के लिए एक डॉक्टर को भी नियुक्त किया गया है. जब डॉक्टर से इस बारे में पूछा गया तो डॉक्टर ने निमोनिया का हवाला देते हुए एक गाय की मौत का कारण बता दिया.

जबकि ग्रामीणों का कहना है कि गौशाला में पैसा तो आ रहा है, लेकिन सरपंच और अधिकारी मिलकर इसकी बंदरबांट कर रहे हैं. गोवंश भूख के कारण दम तोड़ रहे हैं. गोवंश की मौत के बाद शवों को नदी किनारे फेंकने से वे सड़ रहे हैं.

जिसकी दुर्गंध पूरे गांव में फैल रही है और संक्रामक बीमारियों का खतरा बना हुआ है. ग्रामीणों ने मांग की है कि गोवंश की मौत के लिए जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.

जबलपुर। शहपुरा ब्लॉक की नयानगर ग्राम पंचायत में कांग्रेस कार्यकाल में बनाई गई गौशालाओं में भूख और बीमारी के चलते 5 गायों की मौत गई. मुख्यमंत्री गौ सेवा योजना के तहत तत्कालीन कमलनाथ सरकार द्वारा प्रदेशभर में 1300 गौशालाएं बनवाई गई थीं, लेकिन जैसी ही सरकार बदली इन गौशालाओं के हालत भी बदल गए हैं. ना तो अब यहां गायों की संख्या के हिसाब से भूसे की उपलब्धता है और ना गायों के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं. जिसका परिणाम ये हुआ कि महज 15 दिनों के भीतर ही 5 गायों ने दम तोड़ दिया.

गौशाला में गायों ने तोड़ा दम

गांव के सरपंच का कहना है कि सरकार समय पर राशि उपलब्ध नहीं करा रही है. जिससे परेशानियां हो रहीं हैं. कोई जिम्मेदार अधिकारी भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है. गौशालाओं में देख-रेख के लिए एक डॉक्टर को भी नियुक्त किया गया है. जब डॉक्टर से इस बारे में पूछा गया तो डॉक्टर ने निमोनिया का हवाला देते हुए एक गाय की मौत का कारण बता दिया.

जबकि ग्रामीणों का कहना है कि गौशाला में पैसा तो आ रहा है, लेकिन सरपंच और अधिकारी मिलकर इसकी बंदरबांट कर रहे हैं. गोवंश भूख के कारण दम तोड़ रहे हैं. गोवंश की मौत के बाद शवों को नदी किनारे फेंकने से वे सड़ रहे हैं.

जिसकी दुर्गंध पूरे गांव में फैल रही है और संक्रामक बीमारियों का खतरा बना हुआ है. ग्रामीणों ने मांग की है कि गोवंश की मौत के लिए जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.

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