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तीन माह में 22 नवजात बच्चों की मौत, कमिश्नर ने तलब की पूरे मामले की रिपोर्ट

रानी दुर्गावती लेडी एल्गिन अस्पताल में डिलीवरी के दौरान पिछले तीन माह में करीब 22 नवजात बच्चों की मौत हो गई है. मामला सामने आने के बाद कमिश्नर ने रिपोर्ट तलब की है.

22 baby die
22 गर्भस्थ शिशुओं की मौत
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Published : Nov 29, 2019, 9:09 PM IST

जबलपुर। रानी दुर्गावती लेडी एल्गिन अस्पताल में बीते 3 माह में डिलीवरी के दौरान 22 नवजात बच्चों की मौत होने का मामला सामने आया है. पूरे मामले पर जबलपुर संभाग के कमिश्नर ने रिपोर्ट तबल की है. जानकारी के मुताबिक लेडी एल्गिन अस्पताल में बीते 3 माह में 54 शिशुओं का जन्म हुआ, लेकिन इनमें से 22 शिशु ऐसे थे, जिनकी धड़कन डिलीवरी से पहले चल रही थी, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका.

अस्पताल में गर्भस्थ शिशु की मौत के इस आंकड़े को प्रशासन ने गंभीरता से लिया है और मामले की जांच के आदेश भी दिए हैं. लापरवाही की आशंका और बच्चों की मौत का सही कारण जानने के लिए जबलपुर संभाग कमिश्नर राजेश बहुगुणा ने अस्पताल प्रबंधन से इस मामले की रिपोर्ट मांगी है.

22 गर्भस्थ शिशुओं की मौत

इधर अस्पताल प्रबंधन का कहना है, कि इसके पीछे डॉक्टर की कोई लापरवाही नहीं है, बल्कि ऐसी मौतों के पीछे गर्भवती महिलाओं के कमजोर होने और उनके परिजनों द्वारा ऑपरेशन की अनुमति देर से दिए जाने की वजह हो सकती है, फिलहाल संभाग आयुक्त के निर्देश पर मामले की जांच शुरू कर दी गई है.

अस्पताल प्रबंधन की माने तो उनके पास हॉस्पिटल में होने वाली हर डिलीवरी के डाटा और उनकी केस हिस्ट्री भी मौजूद है, जिसके मद्देनजर बच्चों की मौत की जांच करवाई जाएगी और अगर कोई कमी पाई जाती है, तो उसे ठीक किया जाएगा.

जबलपुर। रानी दुर्गावती लेडी एल्गिन अस्पताल में बीते 3 माह में डिलीवरी के दौरान 22 नवजात बच्चों की मौत होने का मामला सामने आया है. पूरे मामले पर जबलपुर संभाग के कमिश्नर ने रिपोर्ट तबल की है. जानकारी के मुताबिक लेडी एल्गिन अस्पताल में बीते 3 माह में 54 शिशुओं का जन्म हुआ, लेकिन इनमें से 22 शिशु ऐसे थे, जिनकी धड़कन डिलीवरी से पहले चल रही थी, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका.

अस्पताल में गर्भस्थ शिशु की मौत के इस आंकड़े को प्रशासन ने गंभीरता से लिया है और मामले की जांच के आदेश भी दिए हैं. लापरवाही की आशंका और बच्चों की मौत का सही कारण जानने के लिए जबलपुर संभाग कमिश्नर राजेश बहुगुणा ने अस्पताल प्रबंधन से इस मामले की रिपोर्ट मांगी है.

22 गर्भस्थ शिशुओं की मौत

इधर अस्पताल प्रबंधन का कहना है, कि इसके पीछे डॉक्टर की कोई लापरवाही नहीं है, बल्कि ऐसी मौतों के पीछे गर्भवती महिलाओं के कमजोर होने और उनके परिजनों द्वारा ऑपरेशन की अनुमति देर से दिए जाने की वजह हो सकती है, फिलहाल संभाग आयुक्त के निर्देश पर मामले की जांच शुरू कर दी गई है.

अस्पताल प्रबंधन की माने तो उनके पास हॉस्पिटल में होने वाली हर डिलीवरी के डाटा और उनकी केस हिस्ट्री भी मौजूद है, जिसके मद्देनजर बच्चों की मौत की जांच करवाई जाएगी और अगर कोई कमी पाई जाती है, तो उसे ठीक किया जाएगा.

Intro:जबलपुर
संभाग के सबसे बड़े रानी दुर्गावती लेडी एल्गिन अस्पताल में बीते 3 माह में डिलीवरी के दौरान 22 गर्भस्थ शिशुओं की मौत होने की बात सामने आई है।यही वजह है कि जबलपुर संभाग के कमिश्नर ने भी इस पूरे मामले की रिपोर्ट अपने पास तलब की है।


Body:जानकारी के मुताबिक लेडी एल्गिन अस्पताल में बीते 2 माह में 54 शिशुओं का जन्म हुआ लेकिन इनमें से 22 गर्भस्थ शिशु ऐसे थे जिनकी धड़कने डिलीवरी से पहले चल रही थी।अस्पताल में गर्भस्थ शिशु की मौत के इस आंकड़े को प्रशासन ने गंभीरता से लिया है और मामले की जांच के आदेश भी दिए हैं।इलाज में लापरवाही की आशंका के मद्देनजर और बच्चों की मौत का सही कारण जानने के लिए जबलपुर संभाग कमिश्नर राजेश बहुगुणा ने भी अस्पताल प्रबंधन से इस मामले की रिपोर्ट मांगी है।


Conclusion:इधर अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि इसके पीछे डॉक्टर की कोई लापरवाही नहीं है बल्कि ऐसी मौतों के पीछे गर्भवती महिलाओं के कमजोर होने और उनके परिजनों द्वारा ऑपरेशन की अनुमति देर से दिए जाने की वजह हो सकती है।लेकिन संभाग आयुक्त के निर्देश पर घटनाओं की जांच शुरू कर दी गई है। अस्पताल प्रबंधन की मानें तो उनके पास अस्पताल में होने वाली हर डिलीवरी के डाटा और उनकी केस हिस्ट्री भी मौजूद है जिन के मद्देनजर गर्भस्थ शिशु की मौत की जांच भी करवाई जाएगी और अगर कोई कमी पाई जाती है तो उसे ठीक किया जाएगा।
बाइट.1-डॉ संजय मिश्रा...... चिकित्सक,लेडी एल्गिन अस्पताल
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