जबलपुर। शहर में सेना के 20 जवानों को वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. जबलपुर जीआरसी (ग्रेनेडियर्स रेजिमेंटल सेंटर) में पीबीसी परेड ग्राउंड में सैनिक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. इस आयोजन में सेना की मध्य कमान के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल आईएस घुमन शामिल हुए. इस दौरान दो जवानों के मरणोपरांत तो वहीं 18 जवानों को लेफ्टिनेंट जनरल आईएस घुमन द्वारा ये सम्मान पदक दिया गया.
इस दौरान आईएस घुमन ने संबोधन भी किया, उनका कहना है कि 'इन दिनों भारत की चीन सीमा पर चीन से तनातनी चल रही है, लेकिन यह भारत की सफलता ही है कि हमने चीन को भी पीछे जाने के लिए मजबूर कर दिया है, लेकिन जनरल घुमन का कहना है कि 'हमें लड़ाई के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए और जिस तरीके का शौर्य अभी तक हमारे सैनिकों ने दिखाया है वह आगे भी वे दिखाएंगे.'
2 सैनिकों को मरणोपरांत और 18 सैनिकों को सम्मान
इस कार्यक्रम में आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल आईएस घुम्मन ने अलग-अलग रेजीमेंट के बीच सैनिकों को वीरता पदक दिया. इसके अलावा 11 अन्य सैनिकों को विशिष्ट सेवाओं के लिए और 15 सेना इकाइयों को भी प्रशस्ति पत्र दिए गए. नायक रवि रंजन सिंह को मरणोपरांत और सिपाही रोहित कुमार यादव को भी मरणोपरांत सम्मानित किया गया.
इन 18 सैनिकों का सम्मान
इसके अलावा कर्नल मनोज कुमार भारद्वाज, मेजर विनायक विजय, मेजर आशुतोष तोमर, मेजर निर्णय सुरेंद्र, मेजर भानु प्रताप सिंह, मेजर अजय कुमार, कैप्टन पियूष शर्मा, कैप्टन रंजीत कुमार, कैप्टन सिद्धार्थ दास, कैप्टन रमन तिवारी, हवलदार पवन, हवलदार हरि वीर सिंह, हवलदार सुनील सिंह, हवलदार ललितानाजूबा, हवलदार सुमित सिंह, नायक समय लाल सिंह, नायक सुरेंद्र सिंह और पैराट्रूपर हरि विनायक को भी वीरता पदक दिए गए.
सुनाई गई सैनिकों की वीरता की कहानी
इनमें से कई जाबाजों ने आतंकवादियों को सीधी लड़ाई में मार गिराया है, कुछ लोग तो ऐसे भी हैं जिन्होंने दो-दो आतंकवादियों को अपनी गोली का निशाना बनाया. वहीं कुछ सैनिकों को चोट भी आई, लेकिन भी पीछे नहीं हटे इनकी कहानी पहले सुनाई गई उसके बाद इन्हें सम्मानित किया गया.
ऐसा स्वागत नहीं देखा होगा ! जमीन पर पैर रखते ही बिछ गई हथेलियां
सैनिकों का सम्मान समारोह भव्य था, इसमें सैनिकों ने परेड का प्रदर्शन किया और शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई. वहीं अधिकारियों और इनके अपनों के बीच इन्हें ये सम्मान दिया गया.