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जानवरों को गर्मी से बचाने के लिए चिड़ियाघर प्रबंधन ने किये विशेष इंतजाम

एमपी के इंदौर में समय कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय बंद है लेकिन तेज गर्मी से वन्य प्राणियों को बचाने के लिए चिड़ियाघर प्रबंधन ने विशेष इंतजाम किए हैं. वन्यजीवों के बाड़ों और पिंजरों में कृत्रिम वाटर बॉडीज बनाई गई हैं.

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कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय
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Published : Apr 20, 2021, 8:18 PM IST

इंदौर। कोरोना महामारी के चलते शहर में लगाए गए लॉकडाउन के चलते इस समय कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय बंद है लेकिन तेज गर्मी से वन्य प्राणियों को बचाने के लिए चिड़ियाघर प्रबंधन ने विशेष इंतजाम किए हैं. वन्यजीवों के बाड़ों और पिंजरों में कृत्रिम वाटर बॉडीज बनाई गई हैं. इसके अलावा कई जगह शेड बनाए गए हैं और बड़े जानवरों के पिंजरे और बाड़ों में कूलर भी लगाए गए हैं.

गर्मी से जानवर परेशान.

हर साल की जाती है विशेष व्यवस्था
जानवरों को गर्मी से राहत देने के लिए चिड़ियाघर प्रबंधन द्वारा हर साल कई उपाय किए जाते हैं. इस वर्ष भी यह कदम उठाए जा रहे हैं. कूलर व फव्वारे की बौछार से तपती गर्मी में जानवरों को राहत पहुंचाई जा रही है. जानवर और पक्षियों को धूप से बचाने के लिए पिंजरे के आसपास नेट और घास के पर्दे लगाए जा रहे हैं. पक्षियों को ठंडक पहुंचाने के लिए खस के पट्टे भी लगाए गए हैं. इन पर्दों पर पानी का लगातार छिड़काव होता रहता है.

सांपों के लिए की गई है व्यवस्था
कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय के प्रभारी डॉ. उत्तम यादव के अनुसार प्राणी संग्रहालय में मौजूद स्नेक हाउस में रहने वाले सांपों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है. जिसमें उनके पिंजरे में पानी के छोटे-छोटे कुंड तैयार किए गए हैं. साथ ही कूलर के माध्यम से नमी बनाए रखने की भी कोशिश की जा रही है. स्नेक हाउस के सभी सापों के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं. उनकी आवश्यकता अनुसार उनके पिंजड़ों में नमी बनाए रखने की भी कोशिश की जा रही है.

इंदौर चिड़ियाघर में आए तीन नन्हे मेहमान, 16 हुई शेरों की संख्या

जानवरों के खाने में भी किया गया बदलाव
तेज गर्मी के चलते कई बार जानवरों को तकलीफ होती है. गर्मी से बचाने के लिए एक और जहां पिंजरो में पानी और पर्दों की व्यवस्था की गई है. वहीं जानवरों के खानपान में भी बदलाव किया गया है. मुख्य तौर पर जानवरों को लिक्विड फूड दिया जा रहा है. ताकि उनके शरीर में पानी की कमी न रहे. गर्मी के मौसम में कई बार जानवर खाली पेट रहने और गर्माहट के कारण उग्र हो जाते हैं. इसी को देखते हुए उनके खानपान में भी बदलाव किया जाता है. ताकि उन्हें पर्याप्त मात्रा में पोषण मिलता रहे. खानपान के साथ-साथ पिंजरों में ठंडक बनाए रखने के लिए पानी और फव्वारे के इंतजाम किए गए हैं. आने वाले दिनों में आवश्यकता पड़ने पर इनकी संख्या और भी बढ़ाई जा सकती है.

इंदौर। कोरोना महामारी के चलते शहर में लगाए गए लॉकडाउन के चलते इस समय कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय बंद है लेकिन तेज गर्मी से वन्य प्राणियों को बचाने के लिए चिड़ियाघर प्रबंधन ने विशेष इंतजाम किए हैं. वन्यजीवों के बाड़ों और पिंजरों में कृत्रिम वाटर बॉडीज बनाई गई हैं. इसके अलावा कई जगह शेड बनाए गए हैं और बड़े जानवरों के पिंजरे और बाड़ों में कूलर भी लगाए गए हैं.

गर्मी से जानवर परेशान.

हर साल की जाती है विशेष व्यवस्था
जानवरों को गर्मी से राहत देने के लिए चिड़ियाघर प्रबंधन द्वारा हर साल कई उपाय किए जाते हैं. इस वर्ष भी यह कदम उठाए जा रहे हैं. कूलर व फव्वारे की बौछार से तपती गर्मी में जानवरों को राहत पहुंचाई जा रही है. जानवर और पक्षियों को धूप से बचाने के लिए पिंजरे के आसपास नेट और घास के पर्दे लगाए जा रहे हैं. पक्षियों को ठंडक पहुंचाने के लिए खस के पट्टे भी लगाए गए हैं. इन पर्दों पर पानी का लगातार छिड़काव होता रहता है.

सांपों के लिए की गई है व्यवस्था
कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय के प्रभारी डॉ. उत्तम यादव के अनुसार प्राणी संग्रहालय में मौजूद स्नेक हाउस में रहने वाले सांपों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है. जिसमें उनके पिंजरे में पानी के छोटे-छोटे कुंड तैयार किए गए हैं. साथ ही कूलर के माध्यम से नमी बनाए रखने की भी कोशिश की जा रही है. स्नेक हाउस के सभी सापों के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं. उनकी आवश्यकता अनुसार उनके पिंजड़ों में नमी बनाए रखने की भी कोशिश की जा रही है.

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जानवरों के खाने में भी किया गया बदलाव
तेज गर्मी के चलते कई बार जानवरों को तकलीफ होती है. गर्मी से बचाने के लिए एक और जहां पिंजरो में पानी और पर्दों की व्यवस्था की गई है. वहीं जानवरों के खानपान में भी बदलाव किया गया है. मुख्य तौर पर जानवरों को लिक्विड फूड दिया जा रहा है. ताकि उनके शरीर में पानी की कमी न रहे. गर्मी के मौसम में कई बार जानवर खाली पेट रहने और गर्माहट के कारण उग्र हो जाते हैं. इसी को देखते हुए उनके खानपान में भी बदलाव किया जाता है. ताकि उन्हें पर्याप्त मात्रा में पोषण मिलता रहे. खानपान के साथ-साथ पिंजरों में ठंडक बनाए रखने के लिए पानी और फव्वारे के इंतजाम किए गए हैं. आने वाले दिनों में आवश्यकता पड़ने पर इनकी संख्या और भी बढ़ाई जा सकती है.

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