इंदौर। इन दिनों सोशल मीडिया समेत धार्मिक चैनलों पर संत और महंतों की सक्रियता तेजी से बढ़ी है. सीहोर के पंडित प्रदीप मिश्रा के बाद छतरपुर के बागेश्वर धाम सरकार (Bageshwar dham sarkar) के युवा संत पंडित धीरेंद्र शास्त्री भी अपने भक्तों के बीच खासे लोकप्रिय हैं. बेबाक प्रवचन के कारण पंडित शास्त्री को लंदन में ब्रिटिश सांसदों के बीच प्रवचन करने का आमंत्रण मिला है. लिहाजा इन दिनों वे अंग्रेजी सीख रहे हैं. इतना ही नहीं उनके भक्तों के बीच चर्चा यह भी है कि पंडित शास्त्री एक कथा की दक्षिणा एक करोड़ रुपए लेते हैं. (Pandit Dhirendra Shastri interview)
कनकेश्वरी धाम में चल रही है कथा : इन दिनों पंडित धीरेंद्र शास्त्री इंदौर के कनकेश्वरी धाम में स्थित मंदिर परिसर में 9 दिन तक चलने वाली राम कथा में लीन हैं. उनकी कथा में वे भक्तों के मन की बात जान लेने के कारण चर्चा में हैं. हालांकि आज प्रेस चर्चा के दौरान जब ईटीवी भारत ने मूल समस्याओं से जुड़े कई सवाल सार्वजनिक रूप से पूछ लिए तो जवाब देने के दौरान पंडित धीरेंद्र शास्त्री असहज नजर आए. (Dhirendra Shastri katha in inodre)
सवाल: साधु संत इन दिनों में जीने की राह बता रहे हैं, लेकिन जब भीषण कोरोना की महामारी थी तब भक्त मदद का इंतजार करते रह गए ?
जवाब: उस समय हमने बागेश्वर धाम में ऑनलाइन हवन किया था. क्या आपने किया नहीं किया होगा इसलिए कहते हैं रामकथा रोज पढ़ो, नित्य हवन करो, गोमूत्र का पालन करो, आपदा तो तब भी आई जब भगवान राम और कृष्ण थे, लेकिन साधु संत यदि गुरु जीवन में रहेंगे तो लोगों के बीच आपदा से लड़ने का आत्मबल आएगा.
सवाल: मंत्र चिकित्सा से भी क्या उपचार संभव है ?
जवाबः साइंस जहां खत्म होता है, आध्यत्म वहीं से शुरू होता है. मंत्र चिकित्सा को तपस्या को यदि किसी विशेष माध्यम से शरीर में पहुंचाया जाए, तो जिस तरह दवाई बीमारी को खत्म करती है. उसी तरह मंत्र चिकित्सा भी कारगर है.
सवालः महाराज बुलडोजर की कार्रवाई से आप सहमत हैं ?
जवाबः लव जिहाद करने वाले अपना नाम कुछ बताते हैं और बहुसंख्यक वर्ग की बेटियों को ले जाते हैं तो क्या कोई चुप बैठेगा इसलिए बहन बेटियों के रक्षा के लिए यदि हम बुलडोजर रख रहे हैं तो आप क्रेन रख लो जब हम बुलडोजर चलाएंगे तब तुम तैयार रहना. ऐसा काम ही नहीं करें तो बुलडोजर की जरूरत ही नहीं पड़ेगी.
सवालः बहुसंख्यक लोगों का संगठित होना अब कितना जरूरी है ?
जवाबः जिस तरह 32 दांतों के जरिए व्यवस्थित तरीके से खाना चलाया जा सकता है, जिसे आसानी से बचाया जा सकता है. सनातन धर्म के सभी लोगों को संगठित होना जरूरी है.
सवालः हनुमान चालीसा को राजनीति से जोड़ना उचित है क्या ?
जवाबः राजनीति और हनुमान चालीसा दोनों अलग विषय हैं. यदि हनुमान चालीसा को राजनीति में लाया जाएगा तो यह देश का दुर्भाग्य है. हमारा राजनीति से कोई लेना देना नहीं है. जहां तक हनुमान चालीसा का सवाल है, तो यह एक पावर हाउस है, जिसके पास जितने पावर का ट्रांसफार्मर होगा. उतनी एनर्जी उसको मिल जाएगी.
सवालः प्रधानमंत्री से आपको कुछ मांगने का मौका मिला तो क्या मांगेंगे ?
जवाबः यदि प्रधानमंत्री कुछ देना चाहे तो देश के बच्चों के लिए अच्छे गुरुकुल दें, जिससे कि भारत का भविष्य संवर सके.