इंदौर। 21 जून यानि कल विश्व योग दिवस (International Yoga Day 2021) मनाया जाएगा. इस दिन से पहले इंदौर में तीसरी कक्षा में पढ़ने वाली 2 बहनों द्वारा लॉकडाउन की अवधि में बनाई गई पेंटिंग्स और पुस्तक का विमोचन किया गया है. 8 साल की इन बच्चियों ने योग को प्रकृति से जोड़कर बेहतरीन पेंटिंग्स बनाई हैं. इन बच्चियों के नाम देवयानी और शिवरंजनी हैं और इन दोनों ने योग के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए यह आकर्षक चित्र तैयार किए हैं. इन चित्रों में जंगल, पेड़-पौधे, वन्य जीवों के बीच इंसानों के योग करने के चित्र दर्शाए गए हैं. इन पेंटिग्स का विमोचन इंदौर एयरपोर्ट पर पूर्व महापौर मालिनी गौड़ और पद्मश्री जनक पलटा की मौजूदगी में किया गया है.
- पसंद आने पर यात्री खरीद सकते हैं पेंटिंग्स
कार्यक्रम के दौरान एयरपोर्ट डायरेक्टर आर्यमा सान्याल ने बताया कि इंदौर शहर में ही तीसरी कक्षा में बढ़ने वाली दोनों बहनों ने सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar Steps) को लेकर एक पुस्तक बनाई है. जिसका आज एयरपोर्ट पर विमोचन किया गया है. उन्होंने कहा कि योग मुद्राओं, योग आसनों (Yoga Mudra Asana) के ऊपर उन बच्चों ने सुंदर चित्रकला बनाई है. इन पेंटिंग्स को एयरपोर्ट पर इसलिए लगाया गया है ताकि यहां से गुजरने वाले यात्री भी योग दिवस के सदर्भ पर उसका आनंद ले पा , विभिन्न-विभिन्न योग आसन जो काफी रोचकता के साथ बच्चों ने दर्शाएं हैं उसे देख पाए. यह अगले 15 दिन तक यहां लगे रहेंगे, यदि किसी यात्री को वह पेंटिंग्स पसंद आती हैं तो वह उसे खरीद भी सकता है.
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- कल है योग दिवस
हर साल 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है. इस दिन बड़े पैमाने पर कार्यक्रम आयोजित होते हैं, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते ज्यादातर कार्यक्रम डिजिटल, वर्चुअल और इलेक्ट्रॉनिक मंच के माध्यम से ही होंगे. हर साल की तरह प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी योग का महत्व समझाने और इसके लिए लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से देश को संबोधित करेंगे. इस साल 'Yoga For Wellness’ योग दिवस की थीम रखी गई है.
- मानव सभ्यता से योग का संबंध
मान्यता के अनुसार, मानव सभ्यता की शुरुआत से ही योग किया जाता रहा है. योग के विज्ञान की उत्पत्ति हजारों वर्ष पहले धर्मों और आस्था के जन्म लेने से भी काफी पहले हो चुकी थी. योग विद्या के अनुसार शिव को पहले योगी, आदियोगी यानि पहले योगगुरू के रूप में माना जाता है. योग एक संस्कृत शब्द है. ऋग्वेद में की गई इसकी व्याख्या के अनुसार, योग एक ऐसी शक्ति है जिससे हम अपने मन, मस्तिष्क और शरीर को एक सूत्र में पिरो सकते हैं.