इंदौर। इंदौर का राजवाड़ा और यहां के राजश्री वैभव की बात हो या अहिल्याबाई होल्कर से लेकर लता मंगेशकर और किशोर कुमार की उपलब्धियां. अब सब कुछ डाक टिकटों में नजर आ रहा है. जो यहां की दुर्लभ धरोहर को अमिट बनाए हुए है. आज वर्ल्ड फिलेटली डे के अवसर पर आयोजित किये जा रहे और राष्ट्रीय डाक सप्ताह के अंतर्गत इंदौर जीपीओ में लगाई गई फिलेटली प्रदर्शनी में ये तमाम धरोहर एक साथ नजर आईं. इसे देखकर लोग गौरान्वित महसूस कर रहे हैं.
मालवा-निमाड़ की धरोहर से रूबरू : इंदौर रीजन की पोस्टमास्टर जनरल प्रीति अग्रवाल का कहना है कि डाक विभाग ने हमेशा से इंदौर की राजसी परंपरा से लेकर यहां के खान-पान चर्चित व्यक्तित्व ऐतिहासिक इमारतें और यहां की हर उल्लेखनीय धरोहर को डाक टिकट और डाक आवरण के माध्यम से प्रमुखता दी है, जिससे कि आने वाली पीढ़ियां मालवा-निमाड़ की धरोहर से रूबरू हो सकें. उन्होंने बताया कि पहली बार फिलेटली के माध्यम से 1947 से लेकर अब तक की तमाम डाक टिकट प्रदर्शनी में प्रदर्शित की गई हैं.
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फिलेटली सदस्यों ने लगाई प्रदर्शनी : डाक टिकटों में इंदौर का राजवाड़ा, यहां का गैर उत्सव, लता मंगेशकर, किशोर कुमार आईआईएम बिल्डिंग, अंबेडकर जन्मस्थली महू के अलावा यहां की प्रमुख फसल आलू समेत कलात्मक छपाई और झाबुआ की गुड़िया को भी स्थान दिया गया है. दरअसल, डाक टिकट और डाक आवरण डाक टिकट कलेक्ट करने वाले फिलेटली सदस्यों द्वारा प्रदर्शनी में प्रदर्शित की गई है. डाक टिकट के संग्रह में 1947 से लेकर अब तक जारी हुए डाक टिकट प्रदर्शित किए गए हैं. इसके अलावा करोड़ों रुपए के कहे जाने वाले ऐसे डाक टिकट जो पहली बार आजादी के बाद उपयोग किए गए, उन्हें भी डाक टिकट में जगह दी गई है.