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इंस्पेक्टर की मौत के बाद पत्नी का पेंशन बंद, शिकायत के बाद एसपी ने दिया जांच का भरोसा

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Published : Jul 2, 2019, 11:45 PM IST

पुलिस विभाग में पदस्थ रहे इंस्पेक्टर की मौत के बाद उसकी पत्नी की पेंशन बंद हो गई. जिसकी शिकायत महिला ने एसपी से की है.

एसपी कार्यालय

इंदौर। पुलिस विभाग में पदस्थ रहे इंस्पेक्टर की मौत के बाद उसकी पत्नी की पेंशन बंद हो गई. जिसकी शिकायत लेकर इंस्पेक्टर की विधवा पुलिस अधीक्षक के पास पहुंच गयी. तब जाकर एसपी ने जांच कराने का आश्वासन दिया है.


पुलिस विभाग में पदस्थ रहे एनके सुमन की मौत साल 2000 में हो गई थी. उसके कुछ दिनों तक उनके खाते में पुलिस विभाग से पेंशन आती रही. खाते से पैसे निकालने और जमा करने की जिम्मेदारी बेटों के ऊपर रहती थी, लेकिन कुछ समय पहले महिला के खाते में अचानक पेंशन आना बंद हो गई. जिससे उनका खाता भी खाली हो गया.

महिला की पेंशन हुई बंद


इस बात की शिकायत करने बुजुर्ग महिला अपनी बेटी के साथ पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंची. महिला ने सिर्फ पेंशन चालू करने के लिए ही आवेदन दिया है. साथ ही परिवार पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं करने की बात कही है.


इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक ने जांच की बात कही है. पेंशन धारक को समय-समय पर जिंदा रहने का प्रमाण देना होता है. वहीं, महिला की बेटी के अनुसार वह समय-समय पर दस्तावेज देती रही है और खाता बंद होने की शिकायत उन्होंने पुलिस समेत कोषालय ग्वालियर में भी की थी. इसके बाद भी विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

इंदौर। पुलिस विभाग में पदस्थ रहे इंस्पेक्टर की मौत के बाद उसकी पत्नी की पेंशन बंद हो गई. जिसकी शिकायत लेकर इंस्पेक्टर की विधवा पुलिस अधीक्षक के पास पहुंच गयी. तब जाकर एसपी ने जांच कराने का आश्वासन दिया है.


पुलिस विभाग में पदस्थ रहे एनके सुमन की मौत साल 2000 में हो गई थी. उसके कुछ दिनों तक उनके खाते में पुलिस विभाग से पेंशन आती रही. खाते से पैसे निकालने और जमा करने की जिम्मेदारी बेटों के ऊपर रहती थी, लेकिन कुछ समय पहले महिला के खाते में अचानक पेंशन आना बंद हो गई. जिससे उनका खाता भी खाली हो गया.

महिला की पेंशन हुई बंद


इस बात की शिकायत करने बुजुर्ग महिला अपनी बेटी के साथ पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंची. महिला ने सिर्फ पेंशन चालू करने के लिए ही आवेदन दिया है. साथ ही परिवार पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं करने की बात कही है.


इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक ने जांच की बात कही है. पेंशन धारक को समय-समय पर जिंदा रहने का प्रमाण देना होता है. वहीं, महिला की बेटी के अनुसार वह समय-समय पर दस्तावेज देती रही है और खाता बंद होने की शिकायत उन्होंने पुलिस समेत कोषालय ग्वालियर में भी की थी. इसके बाद भी विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

Intro:पुलिस विभाग में पदस्थ रहे इंस्पेक्टर की मौत के बाद इंस्पेक्टर की पत्नी की पेंशन बंद हो गई पेंशन खाता बंद होने की शिकायत लेकर महिला पुलिस अधीक्षक के पास पहुंची और शिकायत की जिसके बाद पुलिस ने पूरे मामले की जांच के निर्देश जारी किए हैं


Body:पुलिस विभाग में जीवंत नौकरी करने वाले इंस्पेक्टर के पद पर पदस्थ रहे एनके सुमन नामक व्यक्ति की वर्ष 2000 में मौत हो गई थी उसके बाद कुछ दिनों तक उनके खाते में पुलिस विभाग से पेंशन आती रही, खाते से पैसे निकलने और जमा करने की जिम्मेदारी बेटो के ऊपर रहती थी लेकिन कुछ समय पहले महिला के खाते में अचानक पेंशन आना बंद हो गई और खाता भी खाली हो गया, इस बात की शिकायत करने बुजुर्ग महिला अपनी बेटी के साथ आज पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंची और अपनी शिकायत दर्ज कराई हालांकि महिला ने सिर्फ पेंशन चालू करने के लिए ही आवेदन दिया साथ ही परिवार पर किसी तरह की कार्रवाई न करने की बात कही हालांकि पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक ने मामले की जांच पुलिस अधीक्षक को सौंप दी है जिस इंस्पेक्टर ने पूरा जीवन पुलिस की नोकरी में खपा दिया उस विभाग ने बिना प्रमाणित किए ही इंस्पेक्टर की पेंशन बंद कर दी हालांकि पेंशन धारक को वक्त वक्त पर जीवत रहने का प्रमाणित करने हेतु कुछ आवश्यक दस्तावेज भी देना होते हैं महिला की बेटी के अनुसार वह समय-समय पर दस्तावेज देते आए हैं और खाता बंद होने की शिकायत उन्होंने पुलिस समेत कोषालय ग्वालियर में भी की थी इसके बावजूद कोई कार्रवाई विभाग के द्वारा नहीं की गई

बाईट - कांति, पीड़िता की बेटी
बाईट - सूरज वर्मा, पुलिस अधीक्षक, इंदौर


Conclusion:सभी दूर से थक हार कर महिला ने मंगलवार को पुलिस अधीक्षक के सामने अपनी पीड़ा सुनाई हालांकि पुलिस अधीक्षक के द्वारा मामले में जांच शुरू कर कार्रवाई करने की बात कही जा रही है
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