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"परिवार का Remdesivir Black Marketing से कोई लेना देना नहीं", जांच के निर्देश

इंजेक्शन बेचने और कालाबाजारी करने वाले आरोपियों के बयान से कटघरे में आए इंदौर के प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट ने आखिरकार पूरे मामले की निष्पक्ष जांच के निर्देश दिए हैं.

tulsi silavat
तुलसी सिलावट
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Published : May 19, 2021, 1:30 PM IST

Updated : May 19, 2021, 7:52 PM IST

इंदौर। रेमडेसीविर इंजेक्शन बेचने और कालाबाजारी करने वाले आरोपियों के बयान से कटघरे में आए इंदौर के प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट ने आखिरकार पूरे मामले की निष्पक्ष जांच के निर्देश दिए हैं. बुधवार को इंदौर में इस मामले पर सफाई देते हुए प्रभारी मंत्री ने कहा कि जो ड्राइवर गिरफ्तार किए गए हैं वह एक निजी ट्रैवल एजेंसी के ड्राइवर हैं. जहां तक परिवार के संबंध रहने का मामला है तो उन्होंने कहा कि परिवार का इससे कोई लेना-देना नहीं है. फिर भी इस मामले की जांच में सारे तथ्य स्पष्ट हो जाएंगे.

प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट

मंत्री तुलसी सिलावट ने दिए जांच के निर्देश

हाल ही में इंदौर पुलिस ने जिले की स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पूर्णिमा के ड्राइवर पुनीत अग्रवाल को इंजेक्शन बेचने के आरोप में पकड़ा है. उसने पुलिस पूछताछ में खुलासा किया था कि उसे यह इंजेक्शन प्रभारी मंत्री की पत्नी के ड्राइवर गोविंद राजपूत से मिले थे. जैसे वह 14 से 15 में बेचता था. गिरफ्तार किए गए ड्राइवर के खुलासे के बाद इस पूरे मामले को लेकर तुलसी सिलावट और उनका परिवार कटघरे में खड़ा हो गया है. हालांकि फिलहाल इस मामले में शीर्ष स्तर पर कोई पूछताछ और निर्णय नहीं हुआ है. लेकिन प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट ने खुद ही इस पूरे मामले में जांच के आदेश देते हुए दोषियों पर कठोर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है.

Remadecevir case: कांग्रेस विधायक ने मंत्री तुलसी सिलावट से मांगा इस्तीफा

तुलसी सिलावट और उनके परिवार पर कालाबाजारी का आरोप

कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने भी आरोप लगा कर कहा था कि प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट का परिवार रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी और बिक्री में जुटा है. विधायक के आरोप पर राजनीतिक गलियारों में तीखी प्रतिक्रिया हुई थी. इसके बाद खुद प्रभारी मंत्री के बेटे चिंटू सिलावट की ओर से विधायक संजय शुक्ला को इस आरोप को लेकर 5 करोड रुपए के मानहानि का नोटिस भेजना का दावा किया गया था.

कटघरे में तुलसी सिलावट!

इस नोटिस पर जवाब देते हुए विधायक ने उसी दौरान स्पष्ट किया था कि उनके पास मंत्री तुलसी सिलावट के परिवार के खिलाफ पर्याप्त प्रमाण और दस्तावेज हैं. मानहानि का नोटिस मिलने पर वह सभी सबूत कोर्ट में पेश करेंगे. इसके बाद यह मामला ठंडा पड़ गया था. हालांकि अब जबकि इंदौर की विजय नगर पुलिस ने पकड़े गए. आरोपी ने फिर मंत्री की पत्नी के ड्राइवर से इंजेक्शन लेना कबूल किया है. तो इस पूरे मामले को लेकर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है. हालांकि बुधवार को फिर विधायक संजय शुक्ला ने इस मामले में तुलसी सिलावट को कटघरे में लिया है.

इंदौर। रेमडेसीविर इंजेक्शन बेचने और कालाबाजारी करने वाले आरोपियों के बयान से कटघरे में आए इंदौर के प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट ने आखिरकार पूरे मामले की निष्पक्ष जांच के निर्देश दिए हैं. बुधवार को इंदौर में इस मामले पर सफाई देते हुए प्रभारी मंत्री ने कहा कि जो ड्राइवर गिरफ्तार किए गए हैं वह एक निजी ट्रैवल एजेंसी के ड्राइवर हैं. जहां तक परिवार के संबंध रहने का मामला है तो उन्होंने कहा कि परिवार का इससे कोई लेना-देना नहीं है. फिर भी इस मामले की जांच में सारे तथ्य स्पष्ट हो जाएंगे.

प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट

मंत्री तुलसी सिलावट ने दिए जांच के निर्देश

हाल ही में इंदौर पुलिस ने जिले की स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पूर्णिमा के ड्राइवर पुनीत अग्रवाल को इंजेक्शन बेचने के आरोप में पकड़ा है. उसने पुलिस पूछताछ में खुलासा किया था कि उसे यह इंजेक्शन प्रभारी मंत्री की पत्नी के ड्राइवर गोविंद राजपूत से मिले थे. जैसे वह 14 से 15 में बेचता था. गिरफ्तार किए गए ड्राइवर के खुलासे के बाद इस पूरे मामले को लेकर तुलसी सिलावट और उनका परिवार कटघरे में खड़ा हो गया है. हालांकि फिलहाल इस मामले में शीर्ष स्तर पर कोई पूछताछ और निर्णय नहीं हुआ है. लेकिन प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट ने खुद ही इस पूरे मामले में जांच के आदेश देते हुए दोषियों पर कठोर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है.

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तुलसी सिलावट और उनके परिवार पर कालाबाजारी का आरोप

कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने भी आरोप लगा कर कहा था कि प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट का परिवार रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी और बिक्री में जुटा है. विधायक के आरोप पर राजनीतिक गलियारों में तीखी प्रतिक्रिया हुई थी. इसके बाद खुद प्रभारी मंत्री के बेटे चिंटू सिलावट की ओर से विधायक संजय शुक्ला को इस आरोप को लेकर 5 करोड रुपए के मानहानि का नोटिस भेजना का दावा किया गया था.

कटघरे में तुलसी सिलावट!

इस नोटिस पर जवाब देते हुए विधायक ने उसी दौरान स्पष्ट किया था कि उनके पास मंत्री तुलसी सिलावट के परिवार के खिलाफ पर्याप्त प्रमाण और दस्तावेज हैं. मानहानि का नोटिस मिलने पर वह सभी सबूत कोर्ट में पेश करेंगे. इसके बाद यह मामला ठंडा पड़ गया था. हालांकि अब जबकि इंदौर की विजय नगर पुलिस ने पकड़े गए. आरोपी ने फिर मंत्री की पत्नी के ड्राइवर से इंजेक्शन लेना कबूल किया है. तो इस पूरे मामले को लेकर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है. हालांकि बुधवार को फिर विधायक संजय शुक्ला ने इस मामले में तुलसी सिलावट को कटघरे में लिया है.

Last Updated : May 19, 2021, 7:52 PM IST
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