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लॉकडाउन खुलते ही थाना प्रभारी इधर से उधर, शिकायतों के बाद डीआईजी ने उठाया कदम

इंदौर में कई थाना प्रभारियों के ट्रांसफर किये गए हैं. बताया जा रहा है कि इन थाना प्रभारियों की शिकायतें कई बार डीआईजी के पास पहुंची हैं, जिसके बाद ये कार्रवाई की गई है. इसके बाद और भी कई ट्रांसफर होने की उम्मीद है.

DIG office
डीआईजी ऑफिस, इंदौर
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Published : Jun 5, 2020, 4:23 AM IST

इंदौर। लॉकडाउन में मिली राहत के बाद कई थानों पर सालों से जमे थाना प्रभारियों का डीआईजी ने ट्रांसफर कर दिया है. इंदौर के 8 से अधिक थाना प्रभारियों को अलग-अलग थाना क्षेत्रों पर पदस्थ किया गया है. प्रदेश में जिस तरह से कोरोना काल में बीजेपी की सरकार ने आईपीएस और आईएएस अफसरों की पोस्टिंग की. उसका असर इंदौर में भी दिखने लगा है, इंदौर डीआईजी ने सालों से एक ही थाने पर जमे कई थाना प्रभारियों को इधर से उधर कर दिया है.

इंदौर में तकरीबन 8 से अधिक थाना प्रभारियों के थानों में बदलाव किया गया है. जिन थाना प्रभारियों को बदला गया है वे थाना प्रभारी बरसों से इन्हीं स्थानों पर जमे हुए थे. प्रशासनिक दृष्टि से इनको दूसरे थानों पर पदस्थ किया गया है. किसान के साथ अभद्रता करने के मामले में मोहन जाट को शिप्रा थाने से यातायात थाने में पदस्थ किया गया था. डीआईजी ने मोहन जाट को चंद्रावतीगंज का थाना प्रभारी बनाया है. महू एडिशनल कार्यालय में पदस्थ हितेश राठौर को मानपुर थाने का चार्ज दिया गया है. हनी ट्रैप मामले में पलासिया थाना प्रभारी रहे अजीत सिंह बेस को उस समय हटा कर लाइन में अटैच किया गया था, उनको बड़गोण्डा थाना प्रभारी बनाया गया है. छोटी ग्वालटोली थाने पर जमे धर्म वीर सिंह नागर को द्वारकापुरी थाना, संजय शुक्ला को द्वारकापुरी थाने से छोटी ग्वालटोली थाना प्रभारी बनाया गया है.

जीतू सोनी पर कार्रवाई के दौरान एमआईजी थाने पर पदस्थ इंद्रेश त्रिपाठी को भंवर कुआं थाना प्रभारी बनाया गया है. वहीं भवर कुआं थाना प्रभारी रहे विजय सिसौदिया को 2 माह में ही वहां से हटाकर एमआईजी थाने पर पदस्थ कर दिया गया है. इसी तरह से तिलक नगर थाने पर धर्मेंद्र शिवहरे को हटाकर सिमरोल पदस्थ किया गया है और उनकी जगह मीणा करनावत को पदस्थ किया गया है. बता दें आने वाले समय में कई और थाना प्रभारियों को भी इधर से उधर किया जा सकता है. इंदौर में कई थाना प्रभारी पहले से जमे हुए थे, वो भी जैसे-तैसे दूसरी जगह से ट्रांसफर करवा कर इंदौर आ चुके हैं और जो यहां पर सालों से जमे हुए हैं. उन्हें दूसरी जगह शिफ्ट किया जा रहा है.

फिलहाल, थाना प्रभारियों को इधर से उधर करने के बाद कई थानों पर सालों से जमे आरक्षकों के भी तबादले आने वाले समय में डीआईजी के द्वारा किए जा सकते हैं. कई बार डीआईजी के पास शिकायत पहुंची है कि सालों से जमे आरक्षकों के द्वारा अभद्रता और मारपीट की जाती है.

इंदौर। लॉकडाउन में मिली राहत के बाद कई थानों पर सालों से जमे थाना प्रभारियों का डीआईजी ने ट्रांसफर कर दिया है. इंदौर के 8 से अधिक थाना प्रभारियों को अलग-अलग थाना क्षेत्रों पर पदस्थ किया गया है. प्रदेश में जिस तरह से कोरोना काल में बीजेपी की सरकार ने आईपीएस और आईएएस अफसरों की पोस्टिंग की. उसका असर इंदौर में भी दिखने लगा है, इंदौर डीआईजी ने सालों से एक ही थाने पर जमे कई थाना प्रभारियों को इधर से उधर कर दिया है.

इंदौर में तकरीबन 8 से अधिक थाना प्रभारियों के थानों में बदलाव किया गया है. जिन थाना प्रभारियों को बदला गया है वे थाना प्रभारी बरसों से इन्हीं स्थानों पर जमे हुए थे. प्रशासनिक दृष्टि से इनको दूसरे थानों पर पदस्थ किया गया है. किसान के साथ अभद्रता करने के मामले में मोहन जाट को शिप्रा थाने से यातायात थाने में पदस्थ किया गया था. डीआईजी ने मोहन जाट को चंद्रावतीगंज का थाना प्रभारी बनाया है. महू एडिशनल कार्यालय में पदस्थ हितेश राठौर को मानपुर थाने का चार्ज दिया गया है. हनी ट्रैप मामले में पलासिया थाना प्रभारी रहे अजीत सिंह बेस को उस समय हटा कर लाइन में अटैच किया गया था, उनको बड़गोण्डा थाना प्रभारी बनाया गया है. छोटी ग्वालटोली थाने पर जमे धर्म वीर सिंह नागर को द्वारकापुरी थाना, संजय शुक्ला को द्वारकापुरी थाने से छोटी ग्वालटोली थाना प्रभारी बनाया गया है.

जीतू सोनी पर कार्रवाई के दौरान एमआईजी थाने पर पदस्थ इंद्रेश त्रिपाठी को भंवर कुआं थाना प्रभारी बनाया गया है. वहीं भवर कुआं थाना प्रभारी रहे विजय सिसौदिया को 2 माह में ही वहां से हटाकर एमआईजी थाने पर पदस्थ कर दिया गया है. इसी तरह से तिलक नगर थाने पर धर्मेंद्र शिवहरे को हटाकर सिमरोल पदस्थ किया गया है और उनकी जगह मीणा करनावत को पदस्थ किया गया है. बता दें आने वाले समय में कई और थाना प्रभारियों को भी इधर से उधर किया जा सकता है. इंदौर में कई थाना प्रभारी पहले से जमे हुए थे, वो भी जैसे-तैसे दूसरी जगह से ट्रांसफर करवा कर इंदौर आ चुके हैं और जो यहां पर सालों से जमे हुए हैं. उन्हें दूसरी जगह शिफ्ट किया जा रहा है.

फिलहाल, थाना प्रभारियों को इधर से उधर करने के बाद कई थानों पर सालों से जमे आरक्षकों के भी तबादले आने वाले समय में डीआईजी के द्वारा किए जा सकते हैं. कई बार डीआईजी के पास शिकायत पहुंची है कि सालों से जमे आरक्षकों के द्वारा अभद्रता और मारपीट की जाती है.

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