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इंदौर: टाइगर की खाल और कछुओं के साथ तीन आरोपी गिरफ्तार

इंदौर की खजराना पुलिस ने तीन तस्करों को बाघ की खाल और कुछओं की तस्करी करते हुए गिरफ्तार किया है. पकड़े गए तीनों आरोपियों से पुलिस पूछताछ कर रही है और उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है.

Indore
टाइगर की खाल
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Published : Jan 16, 2021, 8:34 PM IST

इंदौर। शहर में पुलिस जहां एक ओर ड्रग्स के तस्करों को गिरफ्तार करने में जुटी हुई है. वहीं दूसरी ओर पुलिस अलग-अलग तस्करी करने वालों की धरपकड़ करने में जुटी हुई ह. इसी कड़ी में इंदौर के खजराना पुलिस ने टाइगर की खाल और और कछुआ की तस्करी करने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. बता दें पकड़े गए आरोपियों से पुलिस पूछताछ में जुटी हुई है.

टाइगर की खाल और कछुओं की तस्करी का मामला

शहर के खजराना पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि वाघेला फॉर्म हाउस के पास तीन व्यक्ति टाइगर की खाल व कछुओं का सौदा करने की फिराक में खड़े हैं. मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने घेराबंदी कर आरोपी प्रकाश, सुनील और राम चौहान को गिरफ्तार किया. उनके पास से एक टाइगर की खाल दो कछुए जब्त किए हैं. वहीं आरोपियों पर धारा 51 वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किया है. पकड़े गए आरोपियों से पुलिस पूछताछ कर रही है.

तांत्रिक क्रियाओं में होता था उपयोग

पकड़े गए आरोपियों ने पुलिस को बताया कि बाघ की खाल और कछुआ का उपयोग तांत्रिक क्रियाओं में किया जाता था और इन्हें यहीं पर किसी को डिलीवरी देने के लिए आए हुए थे. फिलहाल पकड़े गए आरोपियों से पुलिस काफी बारीकी से जांच में जुटी हुई है और पुलिस का अनुमान है कि जल्दी कुछ और बड़े तस्कर भी पुलिस के हाथ लग सकते हैं.

20 से 25 साल पुरानी बताई जा रही है खाल

इस पूरे मामले में पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि टाइगर की खाल तक निबंध 20 से 25 साल पुरानी है. वहीं जो कछुए पुलिस ने आरोपियों के पास से बरामद किए हैं उनकी उम्र भी काफी बताई जा रही है. वहीं कछुआ का मूल उपयोग उनके नाखूनों से होता है और नाखूनों का उपयोग तंत्र क्रिया में काफी मायने रखता है. इन कछुओं को नाखूनों के हिसाब से करोड़ों रुपए में बेचने की भी योजना बना रहे थे, लेकिन कोई खरीदार उन्हें मुंह मांगी कीमत नहीं दे रहा था, जिसके कारण वह इन्हें ठिकाने लगाने की योजना में ही विभिन्न क्षेत्रों में घूम रहे थे. फ़िलहाल पकड़े गए आरोपियों से पुलिस काफी बारीकी से पूछताछ में जुटी हुई है.

ये भी पढ़े-इंदौर में महिलाएं चलाएंगी कमर्शियल वाहन, RTO की पहल

नरसिंहपुर के हलवाई से लेकर पहुंचे

वहीं पकड़े गए आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वह नरसिंहपुर के गाडरवारा से टाइगर की खाल को लेकर इंदौर पहुंचे थे और उसी से उसने कछुए भी खरीदे थे. वहीं गाडरवारा के रहने वाले सुनील अग्रवाल का नाम सामने आ रहा है. बता दें, सुनील अग्रवाल पेशे से हलवाई का काम करते हैं और उसी के हाल में इस तरह से वन्यजीवों की तस्करी का मामला सामने आ रहा है. फिलहाल पुलिस जल्द ही सुनील अग्रवाल को भी गिरफ्तार कर सकती है.ॉ

वन विभाग को पुलिस ने दी सूचना

इस पूरे ही मामले में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर पूरे मामले की सूचना वन विभाग को भी दे दी है. वहीं वन विभाग भी आने वाले समय में तीनों आरोपियों से पूछताछ कर सकती है, फ़िलहाल प्रारंभिक तौर पर वन विभाग ने थाने पर पहुंचकर खाल के सैंपल लिए हैं और अब इसका डीएनए भी लिया गया. उसके बाद खाल की तस्दीक हो जाएगी की खाल कितनी पुरानी है. वहीम जिस तरह से वन्य प्राणियों की तस्करी का मामला सामने आया है, तो उस पूरे मामले में पुलिस ने तीनों आरोपियों पर वन अधिनियम 1972 के अंतर्गत विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है.

इंदौर। शहर में पुलिस जहां एक ओर ड्रग्स के तस्करों को गिरफ्तार करने में जुटी हुई है. वहीं दूसरी ओर पुलिस अलग-अलग तस्करी करने वालों की धरपकड़ करने में जुटी हुई ह. इसी कड़ी में इंदौर के खजराना पुलिस ने टाइगर की खाल और और कछुआ की तस्करी करने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. बता दें पकड़े गए आरोपियों से पुलिस पूछताछ में जुटी हुई है.

टाइगर की खाल और कछुओं की तस्करी का मामला

शहर के खजराना पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि वाघेला फॉर्म हाउस के पास तीन व्यक्ति टाइगर की खाल व कछुओं का सौदा करने की फिराक में खड़े हैं. मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने घेराबंदी कर आरोपी प्रकाश, सुनील और राम चौहान को गिरफ्तार किया. उनके पास से एक टाइगर की खाल दो कछुए जब्त किए हैं. वहीं आरोपियों पर धारा 51 वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किया है. पकड़े गए आरोपियों से पुलिस पूछताछ कर रही है.

तांत्रिक क्रियाओं में होता था उपयोग

पकड़े गए आरोपियों ने पुलिस को बताया कि बाघ की खाल और कछुआ का उपयोग तांत्रिक क्रियाओं में किया जाता था और इन्हें यहीं पर किसी को डिलीवरी देने के लिए आए हुए थे. फिलहाल पकड़े गए आरोपियों से पुलिस काफी बारीकी से जांच में जुटी हुई है और पुलिस का अनुमान है कि जल्दी कुछ और बड़े तस्कर भी पुलिस के हाथ लग सकते हैं.

20 से 25 साल पुरानी बताई जा रही है खाल

इस पूरे मामले में पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि टाइगर की खाल तक निबंध 20 से 25 साल पुरानी है. वहीं जो कछुए पुलिस ने आरोपियों के पास से बरामद किए हैं उनकी उम्र भी काफी बताई जा रही है. वहीं कछुआ का मूल उपयोग उनके नाखूनों से होता है और नाखूनों का उपयोग तंत्र क्रिया में काफी मायने रखता है. इन कछुओं को नाखूनों के हिसाब से करोड़ों रुपए में बेचने की भी योजना बना रहे थे, लेकिन कोई खरीदार उन्हें मुंह मांगी कीमत नहीं दे रहा था, जिसके कारण वह इन्हें ठिकाने लगाने की योजना में ही विभिन्न क्षेत्रों में घूम रहे थे. फ़िलहाल पकड़े गए आरोपियों से पुलिस काफी बारीकी से पूछताछ में जुटी हुई है.

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नरसिंहपुर के हलवाई से लेकर पहुंचे

वहीं पकड़े गए आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वह नरसिंहपुर के गाडरवारा से टाइगर की खाल को लेकर इंदौर पहुंचे थे और उसी से उसने कछुए भी खरीदे थे. वहीं गाडरवारा के रहने वाले सुनील अग्रवाल का नाम सामने आ रहा है. बता दें, सुनील अग्रवाल पेशे से हलवाई का काम करते हैं और उसी के हाल में इस तरह से वन्यजीवों की तस्करी का मामला सामने आ रहा है. फिलहाल पुलिस जल्द ही सुनील अग्रवाल को भी गिरफ्तार कर सकती है.ॉ

वन विभाग को पुलिस ने दी सूचना

इस पूरे ही मामले में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर पूरे मामले की सूचना वन विभाग को भी दे दी है. वहीं वन विभाग भी आने वाले समय में तीनों आरोपियों से पूछताछ कर सकती है, फ़िलहाल प्रारंभिक तौर पर वन विभाग ने थाने पर पहुंचकर खाल के सैंपल लिए हैं और अब इसका डीएनए भी लिया गया. उसके बाद खाल की तस्दीक हो जाएगी की खाल कितनी पुरानी है. वहीम जिस तरह से वन्य प्राणियों की तस्करी का मामला सामने आया है, तो उस पूरे मामले में पुलिस ने तीनों आरोपियों पर वन अधिनियम 1972 के अंतर्गत विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है.

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