इंदौर। सियासत के गलियारों में हलचल पैदा करने वाली फिल्म 'द केरल स्टोरी' के लेखक सूर्यपाल सिंह सोमवार को इंदौर के महू पहुंचे. यहां वे जिला युवा मोर्चा अध्यक्ष मनोज ठाकुर द्वारा दिखाई जा रही निशुल्क फिल्म में शामिल हुए. इसमें 300 से अधिक महिला और बच्चों को यह फिल्म दिखाई गई. बता दें कि मध्यप्रदेश में फिल्म 'द केरल स्टोरी' टैक्स फ्री दिखाई जा रही है. वहीं बीजेपी नेता और युवा मोर्चा द्वारा लगातार महिला और बच्चियों को निशुल्क में फिल्म दिखाई जा रही है.
30 करोड़ की जगह 300 करोड़ में बनती फिल्म: 'द केरल स्टोरी' के लेखक सूर्यपाल सिंह ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि "फिल्म को भाजपा ने फंडिंग नहीं की है. अगर बीजेपी फिल्म के लिए फंडिंग करती तो यह फिल्म 30 करोड़ की जगह 300 करोड़ में बनाई जाती. फिल्म को बनाने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. सेंसर बोर्ड से लेकर कोर्ट तक चुनौती भरा सामना रहा. सत्यता पर आधारित फिल्म को प्रदर्शित करने के लिए डिस्ट्रीब्यूटर तक नहीं मिल रहे थे, लेकिन फिल्म का ट्रेलर रिलीज होने के बाद आज लोगों ने फिल्म को पसंद किया." वहीं पश्चिम बंगाल में इस फिल्म को बैन किया गया है. इस पर सूर्यपाल सिंह ने कहा कि "मानसिकता बतलाती है की सत्यता क्या है इसलिए पश्चिम बंगाल में प्रतिबंध लगाया गया है."
नहीं मिल रहा था कोई प्रोड्यूसर: 'द केरल स्टोरी' को कर्नाटक विधानसभा चुनावों में भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए जान-बूझकर मतदान से ऐन पहले रिलीज किए जाने के आरोपों को सूर्यपाल सिंह ने हास्यास्पद करार दिया है. उन्होंने कहा कि "ऐसे आरोप लगाने वाले लोगों से पूछा जाना चाहिए कि क्या इस फिल्म से भाजपा को चुनावी फायदा हुआ? अगर यह पार्टी विशेष के प्रचार के लिए बनी फिल्म होती या केवल चुनावों को ध्यान में रखकर बनाई गई होती, तो आज कर्नाटक में जो जनमत सामने आया है, वह अलग ही होता." इसके साथ ही सूर्यपाल सिंह ने बताया कि "इस फिल्म को बनाने के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. पहली बात तो ये थी कि फिल्म के लिए प्रोड्यूसर ही नहीं मिल रहे थे. विपुल शाह के अलावा कोई और प्रोड्यूसर उसमें पैसा लगाने को तैयार नहीं था, फिल्म के साथ कोई को-प्रोड्यूसर नहीं जुड़ा था. फिर फिल्म को रिलीज करने के लिए कोई डिस्ट्रीब्यूटर्स भी नहीं मिल रहे थे. अब फिल्म रिलीज होते ही लोग इसे बेहद पसंद कर रहे हैं."