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अनलॉक में भी लॉक हैं कई होटल, कोरोना काल में चौपट हो रहा करोड़ों का कारोबार - इंदौर न्यूज

कोरोना काल में होटल इंडस्ट्री पर सबसे अधिक मार परी है. अनलॉक 2.0 में धीरे-धीरे शहर में सभी व्यवसायों को खलने की अनुमति मिल गई है, लेकिन अभी भी होटल इंडस्ट्री को खोलने को मंजूरी नहीं मिली है. ऐसे में होटल इंडस्ट्री का कारोबार चौपट हो रहा है.

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Published : Jul 19, 2020, 5:15 PM IST

इंदौर। कोरोना वायरस की मार सबसे अधिक प्रदेश की होटल इंडस्ट्री पर पड़ी है. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के बाद होटल इंडस्ट्री पूरी तरह से बंद है. हालांकि अनलॉक 2.0 में धीरे-धीरे शहर में सभी व्यवसायों को खलने की अनुमति मिल गई है, लेकिन अभी भी होटल इंडस्ट्री को खोलने को मंजूरी नहीं मिली है. ऐसे में होटल इंडस्ट्री पूरी तरह से ठप पड़ी है. होटलों में ना तो ग्राहक आ रहे है और ना ही रेस्टोरेंट्स में लोग खाने पीने के लिए पहुंच रहे हैं. अब होटल संचालकों के सामने सबसे बड़ी चुनौती स्टाफ का वेतन और होटल का मेंटेनेंस करना है.

होटल इंडस्ट्री का कारोबार हो रहा चौपट

होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुमित सूरी का कहना है कि होटलों की बात की जाए तो कोरोना का कहर होटल कारोबारियों पर सीधे पड़ा है. नतीजा करोड़ों का होटल व्यवसाय पूरी तरह से अब बदल हो चुका है, हालांकि कई होटल संचालकों ने इंदौर में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के बीच अपने होटलों को आइसोलेशन सेंटर के लिए प्रशासन को दे दिया था, लेकिन इसके बाद भी 30 करोड़ से अधिक का व्यापार करने वाले होटल अब पूरी तरह से बंद हैं जो होटल खोले भी गए हैं वह भी अभी ग्राहकों का इंतजार कर रहे हैं.

लॉकडाउन के पहले ही बंद कर दिए गए थे होटल, कर्मचारियों की वापसी सबसे बड़ी समस्या

अकेले इंदौर शहर की बात करें तो यहां पर मौजूद 250 से अधिक छोटे बड़े होटलों ने खुद ही निर्णय लेते हुए 21 मार्च से अपने होटलों को पूरी तरह से बंद कर दिया था. इसके बाद लॉकडाउन की घोषणा हो गई और तब से ही यहां होटल वीरान पड़े हैं. अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने में होटल एसोसिएशन ने खुद ही एसओपी बनाकर प्रशासन को सौंपी थी और होटल संचालन के नियमों का कड़ाई से पालन करने की बात भी कही थी. इसे लेकर कुछ होटल खुले भी लेकिन वहां भी कमरों की बुकिंग पहले की तुलना में आधी से भी कम हो गई.

होटल एसोसिएशन कर रहा टैक्स में रियायत की मांग

होटल एसोसिएशन के द्वारा टैक्स में रियायत की मांग की जा रही है. जिस तरह से लॉकडाउन लगाया गया उस दौरान भी होटलों से टैक्स वसूला जा रहा है. वहीं होटल एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि जिन होटलों में बार मौजूद हैं. उसके नियमों के मुताबिक उन्हें एक सीमित मात्रा की शराब बेचना अनिवार्य किया गया था. ऐसे में वे लाइसेंस के नियमों का पालन भी नहीं कर पा रहे हैं. इसके लिए भी होटल एसोसिएशन ने अतिरिक्त छूट देने की मांग की है.

हालांकि लॉकडाउन के समय इंदौर में ही होटल एसोसिएशन के द्वारा 2 हजार 700 कमरे आइसोलेशन सेंटर के लिए दे दिए गए थे. इन कमरों में रखे गए मरीजों का खर्चा भी खुद होटल व्यवसायियों ने ही उठाया था. इसके चलते प्रशासन ने भी होटल संचालकों का धन्यवाद किया था, हालांकि अब अनलॉक की प्रक्रिया के बावजूद इन होटल के रेस्टोरेंट्स पूरी तरह से चालू नहीं हो पाए हैं और अब पूरी तरह से ऑनलाइन डिलीवरी पर ही निर्भर हैं.

इंदौर। कोरोना वायरस की मार सबसे अधिक प्रदेश की होटल इंडस्ट्री पर पड़ी है. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के बाद होटल इंडस्ट्री पूरी तरह से बंद है. हालांकि अनलॉक 2.0 में धीरे-धीरे शहर में सभी व्यवसायों को खलने की अनुमति मिल गई है, लेकिन अभी भी होटल इंडस्ट्री को खोलने को मंजूरी नहीं मिली है. ऐसे में होटल इंडस्ट्री पूरी तरह से ठप पड़ी है. होटलों में ना तो ग्राहक आ रहे है और ना ही रेस्टोरेंट्स में लोग खाने पीने के लिए पहुंच रहे हैं. अब होटल संचालकों के सामने सबसे बड़ी चुनौती स्टाफ का वेतन और होटल का मेंटेनेंस करना है.

होटल इंडस्ट्री का कारोबार हो रहा चौपट

होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुमित सूरी का कहना है कि होटलों की बात की जाए तो कोरोना का कहर होटल कारोबारियों पर सीधे पड़ा है. नतीजा करोड़ों का होटल व्यवसाय पूरी तरह से अब बदल हो चुका है, हालांकि कई होटल संचालकों ने इंदौर में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के बीच अपने होटलों को आइसोलेशन सेंटर के लिए प्रशासन को दे दिया था, लेकिन इसके बाद भी 30 करोड़ से अधिक का व्यापार करने वाले होटल अब पूरी तरह से बंद हैं जो होटल खोले भी गए हैं वह भी अभी ग्राहकों का इंतजार कर रहे हैं.

लॉकडाउन के पहले ही बंद कर दिए गए थे होटल, कर्मचारियों की वापसी सबसे बड़ी समस्या

अकेले इंदौर शहर की बात करें तो यहां पर मौजूद 250 से अधिक छोटे बड़े होटलों ने खुद ही निर्णय लेते हुए 21 मार्च से अपने होटलों को पूरी तरह से बंद कर दिया था. इसके बाद लॉकडाउन की घोषणा हो गई और तब से ही यहां होटल वीरान पड़े हैं. अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने में होटल एसोसिएशन ने खुद ही एसओपी बनाकर प्रशासन को सौंपी थी और होटल संचालन के नियमों का कड़ाई से पालन करने की बात भी कही थी. इसे लेकर कुछ होटल खुले भी लेकिन वहां भी कमरों की बुकिंग पहले की तुलना में आधी से भी कम हो गई.

होटल एसोसिएशन कर रहा टैक्स में रियायत की मांग

होटल एसोसिएशन के द्वारा टैक्स में रियायत की मांग की जा रही है. जिस तरह से लॉकडाउन लगाया गया उस दौरान भी होटलों से टैक्स वसूला जा रहा है. वहीं होटल एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि जिन होटलों में बार मौजूद हैं. उसके नियमों के मुताबिक उन्हें एक सीमित मात्रा की शराब बेचना अनिवार्य किया गया था. ऐसे में वे लाइसेंस के नियमों का पालन भी नहीं कर पा रहे हैं. इसके लिए भी होटल एसोसिएशन ने अतिरिक्त छूट देने की मांग की है.

हालांकि लॉकडाउन के समय इंदौर में ही होटल एसोसिएशन के द्वारा 2 हजार 700 कमरे आइसोलेशन सेंटर के लिए दे दिए गए थे. इन कमरों में रखे गए मरीजों का खर्चा भी खुद होटल व्यवसायियों ने ही उठाया था. इसके चलते प्रशासन ने भी होटल संचालकों का धन्यवाद किया था, हालांकि अब अनलॉक की प्रक्रिया के बावजूद इन होटल के रेस्टोरेंट्स पूरी तरह से चालू नहीं हो पाए हैं और अब पूरी तरह से ऑनलाइन डिलीवरी पर ही निर्भर हैं.

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