इंदौर। नगर निगम का राजस्व विभाग तमाम प्रयासों के बाद भी अभी तक राजस्व प्राप्ति के अपने लक्ष्य से पीछे है. पहले लॉकडाउन और अब बाजारों की खस्ताहाली के कारण नगर निगम का खजाना नहीं भर पाया है. पिछले साल जून माह तक निगम को करों से राजस्व के रूप में करीब 130 करोड़ रूपए प्राप्त हुए थे. इस साल ये आंकड़ा मात्र 30 करोड़ के लगभग ही पहुंच पाया है.
नगर निगम के राजस्व विभाग ने मार्च में अच्छी वसूली के लिए अधिकारी और कर्मचारियों को इस काम में लगाया था. बावजूद उसके निगम राजस्व वसूली के तय लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाया है. पहले लॉकडाउन और अब मार्केट की खस्ताहाली के कारण निगम के संपत्ति कर और जलकर सहित अन्य करों में मंशा के अनुरूप राशि जमा नहीं हुई.
कुछ दिनों पहले निगम ने कचरे और अन्य करों की राशि में छूट भी दी थी, इसके बावजूद निगम को राजस्व आशा के अनुरूप नहीं मिल पाया है. इसे लेकर निगमायुक्त प्रतिभा पाल का कहना है कि पिछले साल की तुलना में इस साल राजस्व वसूली में नगर निगम जरूर पीछे है, लेकिन कोरोना जैसी आपदा के बावजूद नगर निगम ने राजस्व वसूली में काफी प्रभावी काम किया है.
उनका कहना है कि राजस्व वसूली के लिए नगर निगम ने कई प्रकार की योजनाएं भी चलाई हैं, कोरोना संक्रमण के कारण अभी भी नगर निगम के बड़े बकायेदार अपना कर जमा नहीं कर पाए हैं.