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इस त्योहारी सीजन में बढ़ेगा मिठाई-स्नैक्स का स्वाद, बाजार 1.25 लाख करोड़ रुपये के स्तर को छूने की संभावना - Indian market in sweets and snacks

इस त्योहारी सीजन में बाजार में फिर से पारंपरिक उत्साह देखने को मिल रहा है. माना जा रहा है कि मिठाई और स्नैक्स का यह व्यापार जो अभी तक फीका पड़ा था, इस बार 1.25 लाख करोड़ रुपये के स्तर को छूने की संभावना है.Indore is a leading centre Sweets snacks, Federation of Sweets and Namkeen Manufacturers director Firoz H Naqvi,Indian market in sweets and snacks

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Published : Sep 4, 2022, 12:37 PM IST

इंदौर। कोविड के चलते करीब दो साल से त्योहारों की रंगत फीकी रही, वहीं बाजारों में रौनक कुछ खास नहीं देखने मिली. लेकिन अब देश और दुनिया में हालात पहले की तरह सामान्य है. लोग त्योहार बड़े धूमधाम से मना रहे हैं. कोविड-19 महामारी के दौरान बिक्री में कमी के बाद इस त्योहारी सीजन में बाजार में फिर से पारंपरिक उत्साह देखने को मिल रहा है. ऐसे में इस साल मिठाई और नमकीन का व्यापार अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंचने की संभावना है. अगर स्नैक्स की चर्चा हो तो मध्यप्रदेश के इंदौर का जिक्र सबसे पहले आता है, क्योंकि इंदौर देश में इसके लिए एक प्रमुख केंद्र है. इंदौर में लगभग 1,500 छोटी और बड़ी कंपनिया नमकीन स्नैक्स की हैं.

आने वाले त्योहारों में बाजारों में बढ़ेगी रौनक

वहीं इस साल त्योहारों का बाजार पर क्या असर होगा इसको लेकर उद्योग जगत के एक प्रतिनिधि का कहना है कि यह आंकड़ा 1.25 लाख करोड़ रुपये के स्तर को छूने की संभावना है. फेडरेशन ऑफ स्वीट्स एंड नमकीन मैन्युफैक्चरर्स के निदेशक फिरोज एच नकवी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि पिछले महीने रक्षाबंधन त्योहार पर मिठाई और नमकीन के व्यापार में जबरदस्त वृद्धि देखी गई है. उन्होंने बताया कि गणेश उत्सव में मिठाइयों में भी वृद्धि हुई है और आगामी दशहरा, दिवाली और होली त्योहारों के दौरान भी बाजार में और उछाल बढ़ने की उम्मीद है.

स्नैक्स का कुल व्यापार 1.25 लाख करोड़ के उच्चतम स्तर को छूने की संभावना

एच नकवी ने बताया कि फेडरेशन मिठाई और अन्य स्नैक्स निर्माताओं का निकाय है. बाजार में मौजूदा प्रवृत्ति को देखते हुए, इस वित्तीय वर्ष के दौरान मिठाई और स्नैक्स का कुल व्यापार पिछले सभी आंकड़ों को पार करने और 1.25 लाख करोड़ के उच्चतम स्तर को छूने की संभावना है. क्योंकि इन खाद्य उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री और होम डिलीवरी बढ़ रही है. आम आदमी की जेब पर पैसों के प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा लोग आभूषण और कपड़ों पर अपने खर्च को कम कर सकते हैं, लेकिन मिठाई और नमकीन त्योहारों का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है. उन्होंने कहा कि मिठाई-स्नैक्स व्यापार पहले ही महामारी से बुरी तरह प्रभावित था. 2020-21 में इसे 35,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जब कुल व्यापार घटकर 65,000 करोड़ रुपये हो गया.

इंदौर में नमकीन के स्वाद पर लगा कोरोना ग्रहण, 95 फीसदी व्यापार चौपट

दूसरे देशों में दूध से बनी मिठाई भेजने में परेशानी

उन्होंने कहा, मिठाई-नमकीन उद्योग 2021-22 में झटके से उबर गया, जब इसने कुल 1.10 लाख करोड़ रुपये का व्यापार देखा. अब इसमें और सुधार होगा. वर्तमान में भारत से मिठाई का निर्यात 2,000 करोड़ रुपये से 3,000 करोड़ रुपये तक सीमित है, क्योंकि यूके, कनाडा और न्यूजीलैंड जैसे देशों में दूध वाली मिठाई भेजने में परेशानी है. भारत सरकार को द्विपक्षीय चर्चा के माध्यम से इन बाधाओं को दूर करने के लिए काम करना चाहिए, क्योंकि इससे न केवल घरेलू मिठाई निर्माताओं, बल्कि दूध उत्पादकों को भी फायदा होगा. मिठाइयों में सूखे मेवों से बनी 'काजू कतली' जैसी तैयारी प्रमुख है. उन्होंने कहा कि खाड़ी देशों में इसकी भारी मांग है. फेडरेशन ऑफ स्वीट्स एंड नमकीन मैन्युफैक्चरर्स के अनुसार, यह उद्योग देश में एक करोड़ से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रदान करता है.

इंदौर देश का प्रमुख केंद्र

हर साल देश में 50,000 करोड़ रुपये के नमकीन स्नैक्स बेचे जाते हैं. इंदौर देश में इसके लिए एक प्रमुख केंद्र है, क्योंकि मध्य प्रदेश शहर में लगभग 1,500 छोटी और बड़ी कंपनिया हैं. संघ के सचिव औरंग बोथरा ने कहा, रक्षाबंधन त्योहार के दौरान स्नैक्स की बिक्री में वृद्धि हुई और आगामी दिवाली त्योहार के दौरान इसके और बढ़ने की उम्मीद है(Indore is a leading centre Sweets snacks,Indian market in sweets and snacks

इंदौर। कोविड के चलते करीब दो साल से त्योहारों की रंगत फीकी रही, वहीं बाजारों में रौनक कुछ खास नहीं देखने मिली. लेकिन अब देश और दुनिया में हालात पहले की तरह सामान्य है. लोग त्योहार बड़े धूमधाम से मना रहे हैं. कोविड-19 महामारी के दौरान बिक्री में कमी के बाद इस त्योहारी सीजन में बाजार में फिर से पारंपरिक उत्साह देखने को मिल रहा है. ऐसे में इस साल मिठाई और नमकीन का व्यापार अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंचने की संभावना है. अगर स्नैक्स की चर्चा हो तो मध्यप्रदेश के इंदौर का जिक्र सबसे पहले आता है, क्योंकि इंदौर देश में इसके लिए एक प्रमुख केंद्र है. इंदौर में लगभग 1,500 छोटी और बड़ी कंपनिया नमकीन स्नैक्स की हैं.

आने वाले त्योहारों में बाजारों में बढ़ेगी रौनक

वहीं इस साल त्योहारों का बाजार पर क्या असर होगा इसको लेकर उद्योग जगत के एक प्रतिनिधि का कहना है कि यह आंकड़ा 1.25 लाख करोड़ रुपये के स्तर को छूने की संभावना है. फेडरेशन ऑफ स्वीट्स एंड नमकीन मैन्युफैक्चरर्स के निदेशक फिरोज एच नकवी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि पिछले महीने रक्षाबंधन त्योहार पर मिठाई और नमकीन के व्यापार में जबरदस्त वृद्धि देखी गई है. उन्होंने बताया कि गणेश उत्सव में मिठाइयों में भी वृद्धि हुई है और आगामी दशहरा, दिवाली और होली त्योहारों के दौरान भी बाजार में और उछाल बढ़ने की उम्मीद है.

स्नैक्स का कुल व्यापार 1.25 लाख करोड़ के उच्चतम स्तर को छूने की संभावना

एच नकवी ने बताया कि फेडरेशन मिठाई और अन्य स्नैक्स निर्माताओं का निकाय है. बाजार में मौजूदा प्रवृत्ति को देखते हुए, इस वित्तीय वर्ष के दौरान मिठाई और स्नैक्स का कुल व्यापार पिछले सभी आंकड़ों को पार करने और 1.25 लाख करोड़ के उच्चतम स्तर को छूने की संभावना है. क्योंकि इन खाद्य उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री और होम डिलीवरी बढ़ रही है. आम आदमी की जेब पर पैसों के प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा लोग आभूषण और कपड़ों पर अपने खर्च को कम कर सकते हैं, लेकिन मिठाई और नमकीन त्योहारों का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है. उन्होंने कहा कि मिठाई-स्नैक्स व्यापार पहले ही महामारी से बुरी तरह प्रभावित था. 2020-21 में इसे 35,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जब कुल व्यापार घटकर 65,000 करोड़ रुपये हो गया.

इंदौर में नमकीन के स्वाद पर लगा कोरोना ग्रहण, 95 फीसदी व्यापार चौपट

दूसरे देशों में दूध से बनी मिठाई भेजने में परेशानी

उन्होंने कहा, मिठाई-नमकीन उद्योग 2021-22 में झटके से उबर गया, जब इसने कुल 1.10 लाख करोड़ रुपये का व्यापार देखा. अब इसमें और सुधार होगा. वर्तमान में भारत से मिठाई का निर्यात 2,000 करोड़ रुपये से 3,000 करोड़ रुपये तक सीमित है, क्योंकि यूके, कनाडा और न्यूजीलैंड जैसे देशों में दूध वाली मिठाई भेजने में परेशानी है. भारत सरकार को द्विपक्षीय चर्चा के माध्यम से इन बाधाओं को दूर करने के लिए काम करना चाहिए, क्योंकि इससे न केवल घरेलू मिठाई निर्माताओं, बल्कि दूध उत्पादकों को भी फायदा होगा. मिठाइयों में सूखे मेवों से बनी 'काजू कतली' जैसी तैयारी प्रमुख है. उन्होंने कहा कि खाड़ी देशों में इसकी भारी मांग है. फेडरेशन ऑफ स्वीट्स एंड नमकीन मैन्युफैक्चरर्स के अनुसार, यह उद्योग देश में एक करोड़ से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रदान करता है.

इंदौर देश का प्रमुख केंद्र

हर साल देश में 50,000 करोड़ रुपये के नमकीन स्नैक्स बेचे जाते हैं. इंदौर देश में इसके लिए एक प्रमुख केंद्र है, क्योंकि मध्य प्रदेश शहर में लगभग 1,500 छोटी और बड़ी कंपनिया हैं. संघ के सचिव औरंग बोथरा ने कहा, रक्षाबंधन त्योहार के दौरान स्नैक्स की बिक्री में वृद्धि हुई और आगामी दिवाली त्योहार के दौरान इसके और बढ़ने की उम्मीद है(Indore is a leading centre Sweets snacks,Indian market in sweets and snacks

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