इंदौर। देश का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर लगातार स्वच्छता की पहली पायदान पर बना हुआ है. माना जा रहा है कि सातवीं बार भी इंदौर को ही स्वच्छता रैंकिंग में पहला अवार्ड मिलने जा रहा है. 11 जनवरी को नई दिल्ली में आयोजित स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 पुरस्कार समारोह में इंदौर फिर पहले नंबर पर रहेगा. जिसे लेकर इंदौर नगर निगम को निमंत्रण भेजा गया है. Indore Cleanest 7th Times
7वीं बार बनेगा स्वच्छ शहर: महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया ''इंदौर फिर स्वच्छता का सातवां आसमान छूने जा रहा है, इसके संकेत दिल्ली से मिले हैं.'' उन्होंने कहा ''इंदौर शहर की स्वच्छता की आदत और सफाई मित्रों जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों कर्मचारियों की मेहनत का परिणाम है कि इंदौर फिर स्वच्छता में एक नंबर पर रहने जा रहा है. इंदौर के अलावा महू नगर पालिका को भी इस बार आमंत्रण मिला है.''
इसलिए बना हुआ है इंदौर नंबर वन: स्वच्छ सर्वेक्षण में इंदौर विगत 6 वर्षों से लगातार स्वच्छता में नंबर वन है. जिसके कई मुख्य कारण हैं. जिनमें से 100 फीसदी कचरा का सेग्रिगेशन, अपशिष्ट से धन-अपशिष्ट प्रबंधन प्रक्रियाओं में लगातार बदलाव, अपग्रेडेशन,पी.पी.पी., कार्बन क्रेडिट, 100 उपयोगकर्ता शुल्क संग्रह, विज्ञापन आदि से राजस्व सहित स्मार्ट और टिकाऊ वित्तपोषण मॉडल. सर्वेक्षण-2023 में वेस्ट-टू-आर्ट तथा वेस्ट-टू-वेल्थ पर विशेष ध्यान, मेजर फोक्स री-यूज ऑफ वाटर और 7-स्टार पर सर्वेक्षण किया.
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24 घंटे होती है शहर की सफाई: इंदौर में 2022 में एशिया का सबसे बड़ा बायो मिथेनाइजेशन प्लांट शुरू हुआ है. 550 टन का बायोमेथेनाइजेशन प्रोसेसिंग प्लांट को सुचारु रुप से संचालित गीले कचरे से हर दिन 17500 किलोग्राम बायो सीएनजी का निर्माण हो रहा है. एयर क्वालिटी इंडेक्स तथा हरियाली पर विशेष ध्यान दिया, जिससे शहर में वायु गुणवत्ता बेहतर हुई है. तीन शिफ्ट में 9 हजार से ज्यादा कर्मचारी 24 घंटे शहर की सड़कों को साफ करते हैं.