इंदौर। भाजपा में जारी बगावत को थामना जहां पार्टी के रणनीतिकारों के लिए भी मुश्किल हो रहा है. वहीं इस पूरे घटनाक्रम को लेकर पूर्व लोकसभा अध्यक्ष और भाजपा की वरिष्ठ नेता सुमित्रा महाजन ने भी पार्टी के समक्ष सवाल खड़ा कर दिया है. सोमवार को सुमित्रा महाजन ने इंदौर में कहा की "जिन कार्यकर्ताओं ने जिंदगी में कभी पार्टी नहीं बदली, पार्टी में उसको क्यों महत्व नहीं मिलता? क्योंकि पार्टी में आज भी ऐसे हजारों लोग हैं, उनमें से एक में भी हूं.
पार्टी में महत्व नहीं दिए जाने पर बोलीं सुमित्रा महाजन: दरअसल, भारतीय जनता पार्टी द्वारा चुनाव घोषणा पत्र में आम जनता के सुझावों को सम्मिलित करने के लिए बैठक आयोजित की गई है. बैठक में सुमित्रा महाजन ने इंदौर सांसद शंकर लालवानी और भाजपा नगर अध्यक्ष समेत अन्य तमाम पार्टी नेताओं के बीच भाजपा नेताओं के कांग्रेस में जाने के सवाल पर कहा "पार्टी में ऐसे हजारों कार्यकर्ता हैं, जिन्होंने जिंदगी में कभी पार्टी नहीं बदली, उनको क्यों महत्व नहीं मिलता. मैं भी उनमें से एक हूं. उन्होंने कहा जिन लोगों ने पार्टी को बनाया है खड़ा किया है, उन्हें कुछ भी मिले बिना भी भी एक सामान्य कार्यकर्ता की तरह काम करते हैं. ऐसे कार्यकर्ता कभी मंडल अध्यक्ष भी नहीं बन पाए, लेकिन आज भी जिंदगी में काम करते-करते उन्हें कई साल हो गए, मैं उन लोगों को महत्व नहीं दिया गया. लेकिन यह भी तय है कि जब तक पार्टी में ऐसे लोग हैं, किसी को भी चिंता करने की जरूरत नहीं है.
उदयनिधि स्टालिन को अभ्यास करने की सीख: इस दौरान सुमित्रा महाजन ने उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म पर दिए गए बयान को भी अनुचित करार दिया. उन्होंने कहा सनातन धर्म सदियों से लोगों की जीवन यापन करने की पद्धति रही है. उदयनिधि स्टालिन जैसा कोई लड़का यदि इस पर सवाल खड़ा कर रहा है, तो उसको बोलो पहले सनातन धर्म का थोड़ा सा अभ्यास कर ले. सुमित्रा महाजन ने कहा धर्म पर कमेंट करने वाले ऐसे बहुत लोग मिलते हैं, जो सनातन धर्म की मान्यताओं के बारे में कुछ भी नहीं जानते. इसलिए ऐसे लोगों पर अब तो ध्यान देने की भी जरूरत नहीं होना चाहिए."