इंदौर। निजीकरण के विरोध में देशभर में 2 दिन की हड़ताल को इंदौर की कई बैंकों ने भी समर्थन दिया है. जिसके कारण प्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर में लगभग 600 बैंक शाखाओं के 4800 कर्मचारियों ने हड़ताल की. जिसके कारण लगभग 400 करोड़ का लेनदेन प्रभावित हुआ. हालांकि शहर में एटीएम से बैंकिंग काम जारी रहा.
सरकारी बैंकों को प्राइवेट क्षेत्र को सौंपने के सरकार के फैसले के खिलाफ पब्लिक सेक्टर के बैंक कर्मचारी आज से 2 दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर चले गए. निजीकरण के इस फैसले के खिलाफ 9 सरकारी बैंकों की यूनियन ने सोमवार और मंगलवार को हड़ताल का ऐलान किया था. जिसे इंदौर के लगभग 600 शाखाओं के कर्मचारियों ने भी समर्थन दिया. इसके कारण इंदौर में लगभग 400 करोड़ का लेन-देन प्रभावित हुआ.
600 बैंको में डले ताले, 2 दिन काम रहेगा प्रभावित
इंदौर में लगभग 600 बैंक शाखाओं के 4800 कर्मचारियों ने हड़ताल की. जिसके कारण बैंकों का काम प्रभावित हुआ. देशभर में सरकारी बैंकों की यूनियन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने सोमवार और मंगलवार को हड़ताल का ऐलान किया था. इस हड़ताल की वजह से देश की बैंकों के 1000000 कर्मचारी 2 दिन के हड़ताल पर चले गए. प्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर में भी 600 शाखाओं में लेन-देन का व्यापार प्रभावित हुआ. इंदौर में लगभग 400 करोड़ का लेनदेन प्रतिदिन होता है. हालांकि एटीएम से बैंकिंग काम जारी रहा.
निजीकरण के खिलाफ बैंकों में तालाबंदी, सड़क पर लाखों कर्मचारी
निजीकरण से कर्मचारियों के साथ उपभोक्ताओं होगा नुकसान
बैंक अधिकारियों का कहना है कि निजीकरण से ना केवल बैंक कर्मचारियों को बल्कि आम उपभोक्ता को भी नुकसान होगा. अभी सरकारी बैंक में 500 से लेकर 1000 में खाता खुल जाता है. वहीं बैंक अगर प्राइवेट होता है तो उसमें राशि बढ़कर 5000 से 10000 हो जाएगी. बैंक अधिकारियों के मुताबिक इसके पहले भी जो बैंक निजी हुए हैं, उसमें उपभोक्ताओं को परेशानी उठाना पड़ी है.
बैंक यूनियनों ने सरकार को चेतावनी भी दी है कि यदि समय रहते बैंकों का निजीकरण नहीं रोका जाता है, तब बैंक कर्मचारी और अधिकारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.