इंदौर। स्पेशल कोर्ट ने सोमवार को ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के सुपरवाज़निंग इंजीनियर महेंद्र जैन की संपत्ति राजसात करने के आदेश दिए. दरअसल, दस साल पहले जैन के ठिकानों पर लोकायुक्त ने छापा मारा था. जिसमें उसके परिवार के आठ अन्य सदस्यों को भी आरोपी माना गया था. पूरा मामला इंदौर की स्पेशल कोर्ट में चल रहा था. जहां सोमवार को कोर्ट ने आदेश जारी कर सम्पति को राजसात कर के आदेश दिए हैं.
अवैध सम्पत्ति जमा किए जाने की मिली थी शिकायत
विशेष लोक अभियोजक महेंद्र चतुर्वेदी ने बताया कि साल 2011 में लोकायुक्त को अधीक्षण यंत्री महेंद्र जैन के खिलाफ अवैध सम्पत्ति जमा किए जाने की शिकायत मिली थी. शिकायत पर लोकायुक्त ने उनके ठिकानों पर छापा मारा. जिसमें महेंद्र जैन और उसके परिवार के पास चार करोड़ से अधिक की संपत्ति पाई गई थी. सोमवार को स्पेशल कोर्ट ने इस मामले में ढाई करोड़ से अधिक की संपत्ति को राजसात करने के आदेश दिए हैं.
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सम्पति का हिसाब नहीं दे पाए अधिकारी
इस पूरे मामले में इंदौर की जिला कोर्ट में लगातार सुनवाई चल रही थी और इस दौरान लोकायुक्त ने कई तरह के सबूत भी कोर्ट के समक्ष रखें. लेकिन अधिकारी स्पेशल कोर्ट में संपत्ति को लेकर किसी तरह के कोई सबूत नहीं दे पाए. जिसके बाद कोर्ट ने इस पूरे मामले में उनकी संपत्ति को राजसात करने के आदेश जारी कर दिए है.