इंदौर। शहर के मंदिरों में नवरात्रि के पर्व को लेकर खास तैयारियां की गई हैं. नौ दिनों के शारदीय नवरात्र पर्व की शुरुआत के साथ ही मंदिरों में भक्तों की भीड़ भी उमड़ने की संभावना है. ऐसे में कोरोना वायरस से बचाव के साथ मंदिर में दर्शन की व्यवस्थाएं की गईं हैं, इंदौर के प्रसिद्ध बिजासन माता मंदिर पर भी नवरात्रि को देखते हुए, विशेष तैयारियां की गई हैं. हालांकि हर साल लगने वाले मेले को इस बार प्रशासन ने स्थगित कर दिया है और मंदिर के बाहर किसी भी प्रकार की अतिरिक्त दुकानें लगाने की भी मनाही है.
नवरात्रि पर्व की शुरुआत के साथ ही शहर के माता मंदिरों में भक्तों की संख्या में इजाफा होने की संभावना जताई जा रही है. कोरोना संक्रमण के चलते इस बार माता के मंदिरों में भी विशेष तैयारियां की गई है. मंदिर में प्रवेश के साथ ही कोरोना संक्रमण की गाइडलाइन का पालन करना भी आवश्यक है. इसके लिए मंदिर में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए गोले भी बनाए गए हैं.
होलकर राजघराने के मंदिरों में 9 दिनों तक होती है विशेष पूजा
इंदौर का बिजासन माता मंदिर शहर का काफी पुराना मंदिर माना जाता है. होलकर राजघराने के सदस्यों ने 1,920 में इस स्थान पर पक्का मंदिर बनवाया था. इसके पहले से ये मंदिर यहां पर स्थापित माना जा रहा हैय बिजासन माता मंदिर में मूर्तियां कब से प्रतिष्ठित हैं, इसके ऐतिहासिक प्रमाण नहीं हैं. बताया जाता है कि ये मूर्तियां स्वयंभू स्थापित हैं. मंदिर में मौजूद तालाब में बड़ी मात्रा में मछलियां रहती हैं, मान्यता है कि मछलियों को दाना खिलाने से पुण्य मिलता है और मां भक्तों की मुराद जरूर पूरी करती हैं.
नवरात्रि में हर साल लगता था मेला
बिजासन माता मंदिर पर हर नवरात्रि को मेला लगता है. टेकरी के ऊपर से शहर का मनोरम दृश्य भी दिखाई देता है. इस कारण बड़ी संख्या में लोग इस मंदिर पर दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. हालांकि इस बार कोरोना संक्रमण की गाइड लाइन के चलते मेला प्रशासन के द्वारा स्थगित कर दिया गया है. एक अनुमान के मुताबिक सिर्फ नवरात्रि में ही लगभग 3 लाख से ज्यादा श्रद्धालु इस मंदिर में दर्शन और पूजन के लिए आते हैं.
कोरोना संक्रमण के चलते की गई विशेष तैयारियां
बिजासन माता मंदिर में कोरोना संक्रमण को देखते हुए, विशेष तैयारियां की गईं हैं. मंदिर में श्रद्धालुओं को गर्भ गृह में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. वहीं श्रद्धालुओं की लाइन को लगातार चलते रहने के लिए भी व्यवस्थाएं की गई हैं. मंदिर में प्रवेश के समय सभी श्रद्धालुओं को अपने हाथ सैनेटाइज करना होगा. वहीं मंदिर में बनाए गए गोलों में खड़े रहकर ही श्रद्धालु दर्शन कर सकते हैं. जिससे कि सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन करना होगा. मंदिर परिसर में मास्क लगाना भी अनिवार्य है.