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इंदौर में मां-बेटे के प्रेम का प्रतीक है यह अनूठा शिव मंदिर

भगवान शिव के अनेक प्राचीन मंदिरों में क्षिप्रा के तट पर एक ऐसा अनोखा मंदिर भी है जहां माता पार्वती की गोद में भगवान गणेश विद्यमान हैं. भगवान गणेश के लिए माता पार्वती की ममता को दर्शाता यह मंदिर शिव परिवार मंदिर के नाम से भी जाना जाता है.

क्षिप्रा तट पर शिव मंदिर जहां माता पार्वती की गोद में भगवान गणेश  विराजमान हैं
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Published : Jul 26, 2019, 1:34 PM IST

इंदौर। देशभर के शिव मंदिरों में भगवान शंकर की मूर्ति अलग-अलग रूपों में विद्यमान हैं लेकिन इंदौर के क्षिप्रा तट पर एक ऐसा भी शिव मंदिर है जहां माता पार्वती की गोद में भगवान गणेश विराजमान हैं.

इंदौर में मां-बेटे के प्रेम का प्रतीक है यह अनूठा शिव मंदिर

मंदिर में माता पार्वती की गोद में भगवान गणेश के दुग्धपान की मूर्ति को होलकर शासनकाल में देवी अहिल्याबाई होलकर ने स्थापित की थी जो अरसे बाद आज भी स्थानीय ग्रामीणों के साथ अंचल के हजारों भक्तों की आस्था का प्रतीक है.

गौरतलब है कि प्राचीन समय में यह मंदिर माता पार्वती और भगवान गणेश के ममत्व को दर्शाता था लेकिन समय बीतने के साथ ग्रामीणों ने यहां शिवलिंग की भी स्थापना की. इसके बाद एक ही मंदिर के गर्भ गृह में तीनों मूर्तियां स्थापित हो गई. इस मंदिर को शिव परिवार का मंदिर भी कहा जाता है.


यहां के ग्रामीण बताते हैं कि अहिल्याबाई के शासनकाल में इस मंदिर का वैभव अपने चरम पर था लेकिन, समय बीतने के साथ अब मंदिर की देख-रेख सिर्फ पुजारी परिवार के जिम्मे है.

इंदौर। देशभर के शिव मंदिरों में भगवान शंकर की मूर्ति अलग-अलग रूपों में विद्यमान हैं लेकिन इंदौर के क्षिप्रा तट पर एक ऐसा भी शिव मंदिर है जहां माता पार्वती की गोद में भगवान गणेश विराजमान हैं.

इंदौर में मां-बेटे के प्रेम का प्रतीक है यह अनूठा शिव मंदिर

मंदिर में माता पार्वती की गोद में भगवान गणेश के दुग्धपान की मूर्ति को होलकर शासनकाल में देवी अहिल्याबाई होलकर ने स्थापित की थी जो अरसे बाद आज भी स्थानीय ग्रामीणों के साथ अंचल के हजारों भक्तों की आस्था का प्रतीक है.

गौरतलब है कि प्राचीन समय में यह मंदिर माता पार्वती और भगवान गणेश के ममत्व को दर्शाता था लेकिन समय बीतने के साथ ग्रामीणों ने यहां शिवलिंग की भी स्थापना की. इसके बाद एक ही मंदिर के गर्भ गृह में तीनों मूर्तियां स्थापित हो गई. इस मंदिर को शिव परिवार का मंदिर भी कहा जाता है.


यहां के ग्रामीण बताते हैं कि अहिल्याबाई के शासनकाल में इस मंदिर का वैभव अपने चरम पर था लेकिन, समय बीतने के साथ अब मंदिर की देख-रेख सिर्फ पुजारी परिवार के जिम्मे है.

Intro:देशभर के शिव मंदिरों में भगवान शंकर की मूर्ति अलग-अलग रूपों में विद्यमान हैं लेकिन इंदौर के क्षिप्रा तट पर एक ऐसा भी शिव मंदिर है जहां माता पार्वती की गोद में भगवान गणेश दुग्ध पान करते नजर आ रहे हैं


Body:दरअसल भगवान शंकर के परिवार में माता पार्वती और बेटे गणेश के प्रेम को दर्शाती यह प्राचीन मूर्ति खुलकर शासनकाल में देवी अहिल्याबाई होलकर में स्थापित कराई थी जो दशकों बाद भी स्थानीय ग्रामीणों के साथ अंचल के सैकड़ों भक्तों की आस्था का केंद्र बनी हुई है गौरतलब है प्राचीन समय में यह मंदिर माता पार्वती और भगवान गणेश के ममत्व को दर्शाता था लेकिन समय बीतने के साथ ग्रामीणों ने यहां शिवलिंग की भी स्थापना की इसके बाद एक ही मंदिर के गर्भ गृह में तीनों मूर्तियां स्थापित रह गई आल्हा किया स्थानीय तौर पर इस मंदिर को शिव परिवार का मंदिर भी कहा जाता है हालांकि यहां सबसे प्राचीन मूर्ति गणेश जी और माता पार्वती की ही है यहां ग्रामीण बताते हैं कि अहिल्याबाई के शासनकाल में इस मंदिर का वैभव भी अपने चरम पर था लेकिन समय बीतने के साथ अब मंदिर की देखरेख सिर्फ पुजारी परिवार के जिम्मे हैं


Conclusion:बाइट राजेश शर्मा पुजारी
बाइट ललिता प्रजापत श्रद्धालु
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