बुरहानपुर : नगर निगम ने बुरहानपुर के लोगों की प्रॉर्पटी की सटीक जानकारी जुटाने के लिए अनोखा कदम उठाया है. यहां ड्रोन की मदद से 48 वार्डों में लोगों की प्रॉर्पटी और जमीनों का सर्वे शुरू हो गया है. इस हाईटेक तकनीक के जरिए क्षेत्र में टैक्स बढ़ोतरी व मौजूदा प्रोपर्टीज की सटीक जानकारी जुटाने में मदद मिलेगी. टैक्स कलेक्शन को और प्रभावी बनाने के लिए बुरहानपुर नगर निगम ड्रोन की मदद से जमीनों का GIS सर्वे कर रहा है.
कैसे होगा ड्रोन सर्वे, क्या होगा फायदा?
निगमायुक्त संदीप श्रीवास्तव के मुताबिक, '' बुरहानपुर में शुरू किए गए प्रॉपर्टी ड्रोन सर्वे में चयनित क्षेत्रों में ड्रोन उड़ाया जाएगा. ये ड्रोन एक कंप्यूटर से कनेक्ट होगा और फोटोज के साथ प्रॉपर्टी का जीआईएस टैग भी जनरेट करेगा. यानी हवा में रहते हुए ये ड्रोन लोगों की जमीनों का डिजिटल नक्शा कैद कर उसकी जीपीएस लोकेशन भी रिकॉर्ड कर लेगा. इसके साथ ही प्रॉपर्टी क्षेत्रफल की जानकारी भी इसमें रिकॉर्ड हो जाएगी. इस काम को 48 वार्डों में तीन दिन में पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसके बाद लोगों की संपत्ति का डाटाबेस तैयार हो जाएगा, जो टैक्स वसूली में मददगार साबित होगा.''
दो चरणों में सर्वे करेगा ड्रोन
- पहले चरण में पूरे शहर की एरियल वीडियोग्राफी होगी.
- प्राप्त डाटा से 3D मॉडलिंग और मैप तैयार होगा.
- दूसरे चरण में हाउसहोल्ड सर्वे होगा, निर्माण का प्रकार, क्षेत्रफल, जीआईएस की जानकारी जुटाई जाएगी.
गौरतलब है कि बुधवार को महापौर माधुरी पटेल, निगमायुक्त संदीप श्रीवास्तव सहित अन्य अधिकारियों ने ड्रोन सर्वे का जायजा लिया है, उन्होंने ड्रोन सर्वे को हरीझंडी दिखाकर आसमान में उड़ाया. अब यह सर्वे बुरहानपुर में शुरू हो गया है.
टैक्स निर्धारण और कलेक्शन में मिलेगी मदद
बता दें कि बुरहानपुर में विकास को गति देने के लिए यह कदम उठाया गया है. निगमायुक्त ने बताया कि इस सर्वे से एक ओर प्रॉपर्टी टैक्स कलेक्शन की सटीक जानकारी मिलेगी, तो वहीं निगम की रिवेन्यू भी बढ़ेगी. इस सर्वे में तीन अलग-अलग टीमें क्षेत्र में प्रॉपर्टीज टैक्सेशन का काम करेंगी. निगम आयुक्त संदीप श्रीवास्तव ने कहा, '' इससे पहले भी सर्वे का काम कराया जा चुका है, लेकिन उस समय ड्रोन न होने के कारण उतना स्पष्ट रूप से यह कार्य नहीं हो पाया था. अब यह आसान हो जाएगा कि नगर निगम सीमा क्षेत्र में प्रॉपर्टीज का सीमांकन और जनता की प्रॉपर्टीज का सीधे-सीधे क्षेत्रफल निकालकर उसपर टैक्स लगाया जा सकेगा.''
टैक्स चोरी भी रुकेगी
निगमायुक्त के मुताबिक इस सर्वे से प्रॉपर्टी टैक्स चोरी की घटनाओं पर भी लगाम लगेगी. प्रॉपर्टी का क्षेत्रफल कम दिखाकर अब लोग कम टैक्स नहीं भर सकेंगे. ड्रोन के जरिए एकदम सटीक क्षेत्रफल निकाला जाएगा और उसी आधार पर टैक्स कलेक्शन होगा. गौरतलब है कि नगर निगम सीमा क्षेत्र में कुल 48 वार्ड हैं, उपनगरीय लालबाग क्षेत्र में 7 वार्ड मौजूद हैं, बाकी 41 वार्ड शहरीय क्षेत्र में आते हैं. 48 वार्डों का क्षेत्रफल अधिक है, जिसके कारण टेक्स कलेक्शन में दिक्कतें भी आती हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.
क्या होता है प्रॉपर्टी टैक्स?
प्रॉपर्टी टैक्स नगर निगम या नगर पालिका द्वारा आपकी अचल संपत्ति पर लगाया जाता है. इस टैक्स का कैलक्युलेशन प्रॉपर्टी के मूल्य, क्षेत्रफल, स्थान आदि पर निर्भर करता है. प्रॉपर्टी टैक्स की दरों का निर्धारित करने के लिए नगर निगम व नगर पालिका के नियम अलग-अलग हो सकते हैं. शहरी क्षेत्रों में ग्रामीण क्षेत्रों के मुकाबले ज्यादा प्रॉपर्टी टैक्स होता है. इस टैक्स का भुगतान समय-समय पर प्रॉपर्टी मालिक को नगर निगम या नगर पालिका का करना होता है.
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