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Solar Wind Model वैज्ञानिकों ने तैयार किया सौर पवन मॉडल, अंतरिक्ष में सौर हवा के गुणों की भविष्यवाणी संभव - विभिन्न प्रवाह को मापने करेगा काम

आईआईटी इंदौर IIT Indore और पीआरएल अहमदाबाद PRL Ahmedabad के खगोल वैज्ञानिकों की टीम ने अत्याधुनिक सौर पवन मॉडल बनाया है, जो अंतरिक्ष में सौर हवा के गुणों की भविष्यवाणी कर सकता है. सौर पवन धाराएं पृष्ठभूमि के रूप में कार्य करती हैं. इसके अलावा अंतरिक्ष मौसम चालकों के प्रसार को नियंत्रित करती हैं. ये भू-चुंबकीय तूफान गतिविधियों को प्रेरित करती हैं. इस स्वदेशी कार्य को ISRO RESPOND कार्यक्रम द्वारा वित्त पोषित किया गया है. सभावना है कि यह भविष्य के ISRO मिशन आदित्य-L1 की सफलता में योगदान देगा. IIT Indore Scientists, Prepare solar wind model, Predict solar wind in space, PRL Ahmedabad, art solar wind model

IIT Indore Scientists
वैज्ञानिकों ने तैयार किया सौर पवन मॉडल
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Published : Sep 2, 2022, 4:04 PM IST

Updated : Sep 2, 2022, 5:10 PM IST

इंदौर। शोधकर्ताओं ने यह मॉडल सौर सतह के अवलोकन के आधार पर बनाया है. ये अवलोकन गोंग वैधशाला से आते हैं. इसके छह अलग-अलग शहरों में स्टेशन हैं. इसमें उदयपुर की सौर वेधशाला भी शामिल है. उच्च गति वाली सौर हवा की उत्पत्ति और धीमी धाराओं के साथ इसकी मिलन गतिशील सौर गतिविधि द्वारा संचालित होती है. धीमी गति वाली हवा के साथ उच्च गति वाली हवा की परस्पर क्रिया एक संकुचित और अशांत Stream Interaction Region SIR बनाती है, जो मुख्य रूप से कमजोर से मध्यम भू-चुंबकीय तूफानों के लिए जिम्मेदार है. शोधकर्ताओं ने बताया कि इस तरह की घटनाएं स्थलीय तकनीकी बुनियादी ढांचे पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती हैं और अंतरिक्ष यात्रियों और उपग्रहों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकती हैं.

विभिन्न प्रवाह को मापने का करेगा काम : मॉडल में SWIS के संभावित बहु दिशात्मक अवलोकनों को संश्लेषित किया है, जो आगामी आदित्य-एल 1 मिशन के इन-सीटू इंस्ट्रूमेंट एएसपीईएक्स की एक उप-प्रणाली है. L1 पर तैनात होने के बाद SWIS लगातार प्रोटॉन और अल्फा कणों को रेडियल और अज़ीमुथल दिशाओं में और मेरिडियन दिशा में एकीकृत प्रवाह को मापेगासौर पवन सुविधाओं के प्रसार आगमन और अवधि की गणना पृथ्वी के साथ-साथ मंगल शुक्र और बुध पर भी कई उप-मॉडल से बने एक परिष्कृत मॉड्यूलर वास्तुकला का उपयोग करके की जाती है.

IIT Indore Scientists
वैज्ञानिकों ने तैयार किया सौर पवन मॉडल

आदित्य एल1 से इन-सीटू डेटा के मूल्यांकन में महत्वपूर्ण : शोधकर्ताओं ने बताया कि हमने SWASTi: Space Weather Adaptive SimulaTion फ्रेमवर्क के सोलर विंड मॉड्यूल को विकसित और सफलतापूर्वक मान्य किया है. यह डेटा संचालित और 3डी भौतिकी-आधारित मॉडल को पर्याप्त सटीकता के साथ उचित कम्प्यूटेशनल समय में व्यक्तिगत वर्कस्टेशन पर चलाने के इरादे से अनुकूलित किया गया है. आईआईटी इंदौर के खगोल विज्ञान विभाग के डॉ. भार्गव वैद्य के अनुसार SWASTi वास्तव में एक स्वदेशी संख्यात्मक ढांचा है, जो आदित्य एल1 से इन-सीटू डेटा के मूल्यांकन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

आईआईटी इंदौर में बनाया जाएगा ग्लोबल महामारी हब, विभिन्न महामारी पर होंगे शोध

इसरो मिशन का उल्लेख : इस तरह की पहल के लिए भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम को आकार देने की दिशा में भारतीय संस्थानों और विश्वविद्यालयों को शामिल करने में इसरो के अभियान का एक प्रमुख उदाहरण है. अंतरिक्ष से सूर्य का अध्ययन करने के लिए आगामी इसरो मिशन, आदित्य-एल 1 में सात पेलोड हैं, जो विभिन्न भारतीय संस्थानों द्वारा विकसित किए गए हैं.

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इंदौर। शोधकर्ताओं ने यह मॉडल सौर सतह के अवलोकन के आधार पर बनाया है. ये अवलोकन गोंग वैधशाला से आते हैं. इसके छह अलग-अलग शहरों में स्टेशन हैं. इसमें उदयपुर की सौर वेधशाला भी शामिल है. उच्च गति वाली सौर हवा की उत्पत्ति और धीमी धाराओं के साथ इसकी मिलन गतिशील सौर गतिविधि द्वारा संचालित होती है. धीमी गति वाली हवा के साथ उच्च गति वाली हवा की परस्पर क्रिया एक संकुचित और अशांत Stream Interaction Region SIR बनाती है, जो मुख्य रूप से कमजोर से मध्यम भू-चुंबकीय तूफानों के लिए जिम्मेदार है. शोधकर्ताओं ने बताया कि इस तरह की घटनाएं स्थलीय तकनीकी बुनियादी ढांचे पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती हैं और अंतरिक्ष यात्रियों और उपग्रहों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकती हैं.

विभिन्न प्रवाह को मापने का करेगा काम : मॉडल में SWIS के संभावित बहु दिशात्मक अवलोकनों को संश्लेषित किया है, जो आगामी आदित्य-एल 1 मिशन के इन-सीटू इंस्ट्रूमेंट एएसपीईएक्स की एक उप-प्रणाली है. L1 पर तैनात होने के बाद SWIS लगातार प्रोटॉन और अल्फा कणों को रेडियल और अज़ीमुथल दिशाओं में और मेरिडियन दिशा में एकीकृत प्रवाह को मापेगासौर पवन सुविधाओं के प्रसार आगमन और अवधि की गणना पृथ्वी के साथ-साथ मंगल शुक्र और बुध पर भी कई उप-मॉडल से बने एक परिष्कृत मॉड्यूलर वास्तुकला का उपयोग करके की जाती है.

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वैज्ञानिकों ने तैयार किया सौर पवन मॉडल

आदित्य एल1 से इन-सीटू डेटा के मूल्यांकन में महत्वपूर्ण : शोधकर्ताओं ने बताया कि हमने SWASTi: Space Weather Adaptive SimulaTion फ्रेमवर्क के सोलर विंड मॉड्यूल को विकसित और सफलतापूर्वक मान्य किया है. यह डेटा संचालित और 3डी भौतिकी-आधारित मॉडल को पर्याप्त सटीकता के साथ उचित कम्प्यूटेशनल समय में व्यक्तिगत वर्कस्टेशन पर चलाने के इरादे से अनुकूलित किया गया है. आईआईटी इंदौर के खगोल विज्ञान विभाग के डॉ. भार्गव वैद्य के अनुसार SWASTi वास्तव में एक स्वदेशी संख्यात्मक ढांचा है, जो आदित्य एल1 से इन-सीटू डेटा के मूल्यांकन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

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इसरो मिशन का उल्लेख : इस तरह की पहल के लिए भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम को आकार देने की दिशा में भारतीय संस्थानों और विश्वविद्यालयों को शामिल करने में इसरो के अभियान का एक प्रमुख उदाहरण है. अंतरिक्ष से सूर्य का अध्ययन करने के लिए आगामी इसरो मिशन, आदित्य-एल 1 में सात पेलोड हैं, जो विभिन्न भारतीय संस्थानों द्वारा विकसित किए गए हैं.

IIT Indore Scientists, Prepare solar wind model, Predict solar wind in space, PRL Ahmedabad, art solar wind model

Last Updated : Sep 2, 2022, 5:10 PM IST
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