इंदौर। राहत इंदौरी इंदौर के साथ देशभर में अपनी शायरी के लिए मशहूर थे. वहीं उनके निधन के बाद जहां उनके प्रशंसकों में शोक की लहर है, तो वहीं इंदौर में उनके समकक्ष कवि सत्यनारायण सत्तन भी उनके निधन की खबर सुनकर दुखी हैं.
राष्ट्रीय कवि सत्यनारायण सत्तन ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, आज उर्दू शायरी का एक सूर्य अस्त हो गया है, जिसकी भरपाई अब सालों तक नहीं हो सकती. उनका कहना था कि यह इंदौर के लिए भी एक बहुत बड़ी क्षति है, जिसकी भरपाई शायद अब असंभव है.
राहत इंदौरी की छवि पूरे देश में उर्दू शायरों के तौर पर थी वहीं राहत इंदौरी के कारण ही इंदौर भी अपने आप में काफी मशहूर था. लेकिन उनके असमय निधन के बाद अब जो जगह खाली हुई है, उसकी भरपाई नहीं की जा सकती.
फिलहाल, राहत इंदौरी के निधन के बाद इंदौर की एक और शख्सियत कम हो गई है. वहीं इंदौर की पहचान भी राहत इंदौरी हुआ करते थे. लेकिन राहत इंदौरी के चले जाने के बाद अब राहत इंदौरी का नाम ही इंदौर के लिए काफी है.