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ऑनलाइन ही नहीं ग्राहकों को होटल में बैठाकर खिलाने की मांग कर रहे होटल-रेस्टोरेंट संचालक - इंदौर न्यूज

इंदौर में अनलॉक होने के बाद भी लगभाग सभी होटल और रेस्टोरेंट खाली पड़े हैं. सरकार ने अनलॉक में रेस्टोरेंट और होटल खेलने की अनुमति तो दे दी है, लेकिन रेस्टोरेंट और होटलों में ग्राहकों को बैठाकर खिलाने की अनुमति नहीं है.

Demand for restaurant-hotel operators
रेस्टोरेंट-होटल संचालकों की मांग
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Published : Sep 2, 2020, 2:25 PM IST

इंदौर। कोरोना के बढ़ते संक्रमण की वजह से मार्च से पूरे देश में लॉकडाउन किया गया था. जिससे देश भर में लगभग सभी गतिविधयां थम सी गई थी और सामान्य जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ था, सरकार अब धीरे धीरे स्थिति को सामान्य करने की कोशिश कर रही है. केंद्र सरकार ने एक सितंबर से देश में चौथे अनलॉक की घोषणा कर दी है, लेकिन अभी भी रेस्टोरेंट और होटल संचालकों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं.

रेस्टोरेंट-होटल संचालकों की मांग

सरकार ने अनलॉक में रेस्टोरेंट और होटल खोलने की अनुमति तो दे दी है, लेकिन रेस्टोरेंट और होटलों में ग्राहकों को बैठाकर खाना खिलाने की अनुमति अभी तक नहीं मिली है. जिसके कारण कई बड़े होटल और रेस्टोरेंट का व्यापार 20 प्रतिशत पर सिमट गया है. अब रेस्टोरेंट संचालक उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही सरकार इन्हें पूरी तरह से खोलने की अनुमति दे, ताकि एक बार फिर इनका व्यापार पटरी पर लौट सके.

कई रेस्टोरेंट्स में अपनाई टेक अवे की सुविधा

इंदौर शहर अपने खान-पान की वजह से जाना जाता है. इसके बावजूद इन इलाकों में सन्नाटा पसरा है, अधिकांश अभी भी बंद है या फिर ऑनलाइन डिलीवरी पर संचालित हो रहे हैं. शहर को अनलॉक करने के बावजूद अभी तक पूरी तरह से खोलने की अनुमति नहीं मिली है. जिस कारण कई रेस्टोरेंट में टेबलें खाली हैं, साथ ही व्यापार भी पूरी तरह से बंद है, व्यापारी को कुछ हद तक संचालित करने के लिए संचालकों ने ऑनलाइन सुविधा शुरू की है. जिसमें टेक अवे के माध्यम से लोगों के घर तक खाना पहुंचाया जा रहा है.

मजदूरों की कमी के कारण सीमित हुई डिश की संख्या

रेस्टोरेंट में स्टाफ की कमी के कारण कई सुविधाओं को भी सीमित कर दिया गया है. लॉकडाउन के चलते हुए पलायन में कई रेस्टोरेंट्स के कर्मचारी अपने घर लौट चुके हैं. ऐसे में रेस्टोरेंट संचालकों की मजबूरी बन गई है कि वो सीमित संसाधनों और सीमित डिश के साथ ही व्यापार करें. कई रेस्टोरेंट के मेन्यू में से अधिकांश सामग्री हटा दी गई है और चुनिंदा सामग्री ही अनलॉक में डिलीवरी की जा रही है.

संडे अनलॉक होने से व्यापार बढ़ने की उम्मीद

रेस्टोरेंट संचालक संडे अनलॉक होने के बाद से खुश हैं. रेस्टोरेंट संचालकों का कहना है कि रविवार के दिन ही सबसे अधिक व्यापार होता है. साथ ही रेस्टोरेंट संचालक अब कोरोना संक्रमण की गाइड लाइन के साथ रेस्टोरेंट को पूरी तैयारी से चालू करने के लिए तैयार हैं. उन्हें सिर्फ सरकार के आदेश का इंतजार है. इसके लिए उन्होंने सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही रेस्टोरेंट में अपनाई जाने वाली सावधानियां बरतने की तैयारी भी की है.

इंदौर का नाम पूरे देश में खान-पान के कारण ही पहचाना जाता है. शहर के कई ऐसे बड़े बाजार हैं जोकि खानपान की दृष्टि से मशहूर हैं और पर्यटक भी यहां पर इन्हीं रेस्टोरेंट्स के लिए आते हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण एक ओर जहां पर्यटन पूरी तरह से बंद है, वहीं स्थानीय लोग भी खानपान के लिए इन रेस्टोरेंट तक नहीं पहुंच रहे हैं.

इंदौर। कोरोना के बढ़ते संक्रमण की वजह से मार्च से पूरे देश में लॉकडाउन किया गया था. जिससे देश भर में लगभग सभी गतिविधयां थम सी गई थी और सामान्य जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ था, सरकार अब धीरे धीरे स्थिति को सामान्य करने की कोशिश कर रही है. केंद्र सरकार ने एक सितंबर से देश में चौथे अनलॉक की घोषणा कर दी है, लेकिन अभी भी रेस्टोरेंट और होटल संचालकों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं.

रेस्टोरेंट-होटल संचालकों की मांग

सरकार ने अनलॉक में रेस्टोरेंट और होटल खोलने की अनुमति तो दे दी है, लेकिन रेस्टोरेंट और होटलों में ग्राहकों को बैठाकर खाना खिलाने की अनुमति अभी तक नहीं मिली है. जिसके कारण कई बड़े होटल और रेस्टोरेंट का व्यापार 20 प्रतिशत पर सिमट गया है. अब रेस्टोरेंट संचालक उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही सरकार इन्हें पूरी तरह से खोलने की अनुमति दे, ताकि एक बार फिर इनका व्यापार पटरी पर लौट सके.

कई रेस्टोरेंट्स में अपनाई टेक अवे की सुविधा

इंदौर शहर अपने खान-पान की वजह से जाना जाता है. इसके बावजूद इन इलाकों में सन्नाटा पसरा है, अधिकांश अभी भी बंद है या फिर ऑनलाइन डिलीवरी पर संचालित हो रहे हैं. शहर को अनलॉक करने के बावजूद अभी तक पूरी तरह से खोलने की अनुमति नहीं मिली है. जिस कारण कई रेस्टोरेंट में टेबलें खाली हैं, साथ ही व्यापार भी पूरी तरह से बंद है, व्यापारी को कुछ हद तक संचालित करने के लिए संचालकों ने ऑनलाइन सुविधा शुरू की है. जिसमें टेक अवे के माध्यम से लोगों के घर तक खाना पहुंचाया जा रहा है.

मजदूरों की कमी के कारण सीमित हुई डिश की संख्या

रेस्टोरेंट में स्टाफ की कमी के कारण कई सुविधाओं को भी सीमित कर दिया गया है. लॉकडाउन के चलते हुए पलायन में कई रेस्टोरेंट्स के कर्मचारी अपने घर लौट चुके हैं. ऐसे में रेस्टोरेंट संचालकों की मजबूरी बन गई है कि वो सीमित संसाधनों और सीमित डिश के साथ ही व्यापार करें. कई रेस्टोरेंट के मेन्यू में से अधिकांश सामग्री हटा दी गई है और चुनिंदा सामग्री ही अनलॉक में डिलीवरी की जा रही है.

संडे अनलॉक होने से व्यापार बढ़ने की उम्मीद

रेस्टोरेंट संचालक संडे अनलॉक होने के बाद से खुश हैं. रेस्टोरेंट संचालकों का कहना है कि रविवार के दिन ही सबसे अधिक व्यापार होता है. साथ ही रेस्टोरेंट संचालक अब कोरोना संक्रमण की गाइड लाइन के साथ रेस्टोरेंट को पूरी तैयारी से चालू करने के लिए तैयार हैं. उन्हें सिर्फ सरकार के आदेश का इंतजार है. इसके लिए उन्होंने सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही रेस्टोरेंट में अपनाई जाने वाली सावधानियां बरतने की तैयारी भी की है.

इंदौर का नाम पूरे देश में खान-पान के कारण ही पहचाना जाता है. शहर के कई ऐसे बड़े बाजार हैं जोकि खानपान की दृष्टि से मशहूर हैं और पर्यटक भी यहां पर इन्हीं रेस्टोरेंट्स के लिए आते हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण एक ओर जहां पर्यटन पूरी तरह से बंद है, वहीं स्थानीय लोग भी खानपान के लिए इन रेस्टोरेंट तक नहीं पहुंच रहे हैं.

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