इंदौर। मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण (Corona infection) को लेकर बेकाबू हालात के बीच, जो दवाइयां संक्रमित मरीज को बचाने के लिए दिया जाना जरूरी है. बाजार में वे दवाइयां उपलब्ध नहींं है. लिहाजा अस्पतालों में भर्ती मरीजों के परिजनों को दवा के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है. वहीं जिला प्रशासन ने दोनों दवाइयों की उपलब्धता को लेकर मांग और आपूर्ति नियंत्रित को निर्देश दिए हैं. इस स्थिति के चलते मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) ने बड़े पैमाने पर उक्त दवाइयां खरीदने की तैयारी की है. वहीं इंजेक्शन को लेकर प्रोटोकॉल बनाए जाने के भी आदेश दिए गए हैं. इसके अलावा आयुष्मान कार्ड (Ayushman Card) से भी कोरोना का इलाज करने संबंधी निर्देश दिए गए हैं.
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रेमेडीसविर और टोसीलिज़ुमाब
इंदौर में सबसे अधिक मरीजों की संख्या दर्ज हो रही है. साथ ही कोविड के गंभीर मरीज अन्य जिलों से भी इलाज के लिए इंदौर शहर में स्थित निजी एवं शासकीय चिकित्सालयों में भर्ती हो रहे हैं. ऐसे तमाम कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए रेमेडीसविर और टोसीलिज़ुमाब (Remedisvir and tocilizumab) इंजेक्शन का प्रयोग किया जाता है. लेकिन बाजार में यह दवाइयां, अब उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं. कई जगह इन दवाओं को ब्लैक में बेचा रहा है.
इंजेक्शन की कालाबाजारी
इंदौर में स्थिति यह है कि 900 का इंजेक्शन 6000 तक में ब्लैक में बिक रहा है. ऐसे में जो गरीब मरीज 6000 खर्च कर पाने की स्थिति में नहीं है. वह रोते बिलखते अपने परिजनों को बचाने के लिए परेशान हो रहे हैं. आज भी इंदौर के दवा बाजार में सैकड़ों लोग इन इंजेक्शन की खरीदी को लेकर दुकानदारों से गुहार लगाते नजर आ रहे हैं. इंदौर में जो तीन चार डीलर हैं उनके पास भी स्टॉक नहीं है.
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दवा स्टॉकिस्ट
अब तक इंदौर में शांति मेडिकल पीपी इंटरप्राइजेज के अलावा अन्य दो दवा स्टॉकिस्ट (Drug stockist) के पास उक्त इंजेक्शन की सप्लाई होती है. लेकिन जिला प्रशासन द्वारा अब सीधे अस्पतालों से ही उक्त इंजेक्शन ओं को दिए जाने की व्यवस्था के कारण मेडिकल की दुकानों पर इनका संकट गहरा गया है. इसके अलावा जो दवा कंपनियां इन इंजेक्शन कोबनाती है. वह भी जरूरत के मुताबिक सप्लाई नहीं कर पा रही हैं. महाराष्ट्र के बाद मध्य प्रदेश और कई राज्यों में इन दवाओं की आपूर्ति के कारण स्थिति बेकाबू हो रही है.
रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर
लिहाजा इंदौर समेत आसपास के जिलों में अब कोरोना से बचाव के लिए दवाइयां मिलना भी मुश्किल हो गई हैं. इन तमाम शिकायतों के मद्देनजर जिला प्रशासन ने कोरोना मरीजों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि के कारण उक्त दोनों ही औषधियों की मांग एवं आपूर्ति को नियंत्रित करने संबंधी आदेश जारी के है. लिहाजा उक्त दोनों ही औषधियों को हॉस्पिटल एवं उनसे सम्बंधित खेरची औषधि विक्रय संस्थानों से विक्रय करते समय कोरोना संक्रमित मरीज का आधार कार्ड या अन्य कोई फोटो आईडी, कोरोना संक्रमित मरीज की पॉजिटिव रिपोर्ट के साथ रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर (Registered Medical Practitioner) का वैद्य प्रिस्क्रिप्शन आवश्यक रूप से लिए जाए.
रिकॉर्ड निर्धारित प्रोफार्मा-3
इनकी एक प्रति आवश्यक रूप से संधारित करके रखी जाए. इसके अलावा उक्त दोनों औषधियों के स्टॉकिस्ट, सी एंड एफ अपने से सम्बंधित हॉस्पिटल से उनके लिखित क्रय आदेश पर ही उपरोक्त औषधियों का विक्रय करेंगे. इसके साथ ही इन चिकित्सालयों से सम्बंधित प्रोफोर्मा-2 में प्राप्त जानकारी संबंधित क्षेत्र के औषधि निरीक्षक को प्रेषित किया जाना सुनिश्चित करेंगे. उक्त दोनों औषधियों के स्टॉकिस्ट/ सी.एंड.एफ अंतिम 24 घंटे (डेट के मुताबिक) का क्रय विक्रय और स्टॉक का रिकॉर्ड निर्धारित प्रोफार्मा-3 में अगले दिन सुबह 11 बजे तक संबंधित क्षेत्र के औषधि निरीक्षक को प्रेषित किया जाना सुनिश्चित करेंगे. जिससे की उपरोक्त औषधियों के मांग और आपूर्ति का आंकलन कर इन दोनों ही औषधियों की सुलभ आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके.