इंदौर/जबलपुर। इस मामले में नाबालिग पीड़िता की उम्र 15 साल थी. उसको जूनी इंदौर क्षेत्र का रहने वाला युवक घर से फुसलाकर ले गया. इसके बाद गुजरात में ले जाकर पीड़िता को कई साल अपने साथ रखा. इसी दौरान पीड़िता के साथ शारीरिक संबंध बनाए, लेकिन इसी दौरान पीड़िता गर्भवती हो गई और एक बच्चे को जन्म दिया. पुलिस ने आरोपी को ढूंढकर पकड़ा और उसके खिलाफ रेप सहित विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर मामले को कोर्ट के समक्ष रखा.
युवती के बयान भी बने आधार : कोर्ट में इस मामले में विभिन्न तरह के बयान और साक्ष्य पुलिस की ओर से प्रस्तुत किए गए. पीड़िता का डीएनए के होने के साथ ही जिस बच्चे को उसने जन्म दिया, उसका डीएनए करवाया गया. आरोपी का डीएनए भी करवाया गया. तीनों की डीएनए रिपोर्ट मैच कर कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत की गई. तीनो की डीएनए रिपोर्ट मैच हुई. कोर्ट ने पीड़िता के बयानों के आधार पर आरोपी को दोषमुक्त किया है. बता दें कि पीड़िता ने कोर्ट और पुलिस को अलग-अलग बयान दिए. जिससे कई तरह के विरोधाभास पैदा हुए. कोर्ट ने विभिन्न तरह के एविडेन्स को दरकिनार कर आरोपी को दोषमुक्त कर दिया.आरोपी पक्ष के वकील योगेश गुर्जर ने ये जानकारी दी.
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हाईकोर्ट ने दी आंशिक राहत : जबलपुर में मादक पदार्थ हीरोइन के रखने के आरोप में सजा से दंडित दो आरोपियों को हाईकोर्ट से आंशिक लाभ मिला है. हाईकोर्ट जस्टिस सुजय पॉल तथा जस्टिस अमरनाथ केसरवानी की युगलपीठ ने आपराधिक रिकॉर्ड नहीं होने के कारण सजा में दो साल तथा जुर्मान की राशि में कटौती की है. बता दें कि गोहलपुर पुलिस ने ग्वारीघाट स्थित अंजू उर्फ प्यारी बाई के घर पर दबिश दी थी. इस दौरान महिला के पास से 500 सौ ग्राम हीरोइन मिली थी. इसके अलावा शिवराज नामक व्यक्ति के पास से 200 ग्राम तथा रंजित के पास 60 ग्राम हीरोइन मिली थी. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज कर न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किया था.