इंदौर। जिले में कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. इसे देखते हुए इंदौर की रंग पंचमी पर जिस तरह से धूम-धड़ाके के साथ मनाई जाती थी, वह इस बार फीकी नजर आई. जिस राजवाड़ा चौराहे पर रंग पंचमी के दिन जमकर रंगों की बौछार होती थी. वहां आज सन्नाटा पसरा हुआ था और पुलिस ने मोर्चा संभाले हुए था.
150 साल से मनाया जा रहा है त्योहार
इंदौर में रंग पंचमी का इतिहास तकरीबन 150 साल पुराना है. यहां बड़े ही धूमधाम के साथ रंग पंचमी का उत्सव मनाया जाता है. हालांकि पिछले दो वर्षों में कोरोना के कारण उत्सव नहीं मनाया जा रहा है. पिछले साल कोरोना संक्रमण ने शहर में दस्तक दी थी, जिसके कारण रंग पंचमी पर निकलने वाली गेरों को स्थगित कर दिया था. इस साल भी जिस तरह से कोरोना संक्रमण पैर पसार रहा है. उसे देखते हुए इस साल भी रंग पंचमी पर निकलने वाली गैरें स्थगित हो गईं.
राजवाड़ा पर पसरा रहा सन्नाटा
इंदौर में गैरों का काफी महत्व रहा है. यहां गैरों का एक अलग ही रूप देखने को मिलता है. इंदौर के पश्चिम क्षेत्र से तकरीबन आठ से 10 गैर निकलती थीं लेकिन कोरोना वायरस के कारण यह सभी गैरें स्थगित कर दी गईं. राजवाड़ा पर सभी गैरों का मिलन होता था, जिसके कारण राजवाड़ा चौराहे पर एक अलग ही दृश्य देखने को मिलता था. यहां रंग पंचमी के दिन हजारों लोग हुड़दंग करते नजर आते थे लेकिन इस साल राजवाड़े पर सन्नाटा पसरा नजर आया. किसी भी व्यक्ति को राजवाड़ा जाने की अनुमति नहीं थी.
शहर वासियों ने मनाई रंगपंचमी
यदि इंदौर की बात करें तो इंदौर में जहां शांति पूर्वक ढंग से होली का उत्सव शहरवासियों ने मनाया. उसी तर्ज पर रंगपंचमी भी शहरवासियों ने शांतिपूर्ण ढंग से मनाई. वही पुलिस भी विभिन्न चौराहों पर सुरक्षा व्यवस्था को संभाले हुए नजर आई. कोई भी हुड़दंग मचाते हुए नजर आ रहा था उस पर कार्रवाई भी की जा रही थी.
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बता दे कि रंग पंचमी को सुरक्षा व्यवस्था को संभालने के लिए पुलिस के आला अधिकारियों ने विभिन्न क्षेत्रों में तकरीबन कई पुलिसकर्मियों को तैनात किया था. अनुमान के मुताबिक तकरीबन साढे़ चार सौ से अधिक पुलिसकर्मी सुरक्षा व्यवस्था संभाले हुए थे. आला अधिकारी भी इस दौरान मैदान में डटे नजर आए. किसी भी तरह की हुड़दंग मचाने वालों पर सख्ती से कार्रवाई भी की गई.