इंदौर/ बालाघाट/विदिशा। 30 अगस्त को देशभर में रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जा रहा है. इस दिन बहने अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और भाई उन्हें रक्षा का वचन देते हैं. राखी का यह पर्व एमपी में भी धूमधाम से मनाया जा रहा है. यह पर्व सिर्फ घरों में ही नहीं बल्कि जेलों में भी मनाया गया. जेल में बंद कई भाईयों को उनकी बहने राखी बांधने पहुंची. प्रदेश की मिनी मुंबई इंदौर के जेल में हर बार की तरह इस बार भी जेल प्रशासन द्वारा भाई-बहन की मुलाकात को लेकर विशेष व्यवस्था की गई. जहां 2400 के परिवारों की मुलाकात कराई. कुछ ऐसा ही दृश्य विदिशा की जेल में भी देखने मिला और यही हाल बालाघाट की जेल में भी रहा. जहां आंखों में आंसू लिए बहनों ने भाईयों की कलाई पर राखी बांधी.
इंदौर जेल में मनाया गया रक्षाबंधन: इंदौर में हर साल की तरह इस साल भी जेल परिसर में भाई-बहन का पवित्र त्योहार राखी बड़े ही उत्साह के साथ मनाया गया. इस मौके पर बहनों ने अपने भाई की कलाई पर राखी बांधी और भविष्य में किसी तरह का कोई अपराध न करें, इसकी दुआ भी की है. साथ ही जल्द जेल से रिहा होकर अपना जीवन बेहतर तरीके से जीने की कामना की. इसी के साथ जेल प्रशासन द्वारा कैंटीन में राखी, नारियल और केले की व्यवस्था की गई. बाहर से कोई भी वस्तु लाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है. सुबह 8 से शाम 5 बजे तक परिवार की मुलाकात कराई गई. जिसमें तकरीबन 2400 के करीब बंदियों की मुलाकात हुई. उप जेल अधीक्षक ने कहा कि तमाम तरह की सुरक्षा व्यवस्था की गई. जिसमें सीसीटीवी और जेल कर्मचारी व्यवस्था बनाने में लगे रहे. मेन गेट पर अपना पहचान पत्र बांटने के बाद ही जेल परिसर में प्रवेश दिया गया.
विदिशा जेल में भावुक हुईं बहनें: वहीं विदिशा की जिला जेल में भी बड़ा भावनात्मक माहौल देखने को मिला. सुबह उठते ही कई महिलाएं जेल के गेट पर नजर आईं. रक्षाबंधन के त्योहार पर महीनों बाद अपने भाई को देखने का मौका मिला. रक्षाबंधन के त्योहार पर जेल में बंद कैदियों को उनकी बहनों ने जेल पहुंचकर राखी बांधी. इसके लिए जेल प्रशासन ने पूरे इंतजाम किए थे. कैदियों और उनके परिजनों की खुली मुलाकात की व्यवस्था की गई थी. इसके लिए पेयजल और राखी की थाली सहित पूरी व्यवस्था की गई थी. उनके बैठने के लिए एक शेड भी बनाया गया था. जहां बहनों अपने भाईयों को राखी बांधी और जेल से जल्द रिहा होने की प्रार्थना की. जिला जेल अधीक्षक ने बताया कि कोरोना के कारण पिछले वर्षों से भाई-बहन की खुली मुलाकात नहीं हो पा रही थी, लेकिन इस बार शासन के आदेश पर जिला जेल में भाई बहन के इस त्यौहार को मनाने के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए.
बालाघाट में भाइयों की कलाई में बांधा बहनों ने रक्षासूत्र: बालाघाट की जिला जेल समेत बैहर जेल में रक्षाबंधन का पर्व मनाया गया. आवेश में हुए अपराध की सजा काट रहे भाइयों की कलाई पर बहनों ने रक्षा सूत्र बांधा, तो भाई की आंखें भर आई. वहीं बहनों ने इस रक्षाबंधन पर्व के मौके पर अपने भाई की रिहाई की दुआ मांगी. जेल की सलाखों के पीछे से भाइयों ने अपनी बहन के सुख समृद्धि और सुखमय जीवन की कामना की. जेल के सामने जेल प्रबंधन ने व्यवस्था बनाई थी. जहां सुबह से ही बहनों का तांता लगा था. सहायक जेल अधीक्षक संजु नायक ने बताया कि "साल में एक बार यह दिन आता है, जिस दिन बहने यहां जेल में अपने भाइयों से मिलने आती हैं और अटूट प्रेम और विश्वास के इस बंधन को रक्षा सूत्र में बांध कर और भी मजबूती प्रदान करते हैं. उन्होंने बताया कि रक्षाबंधन के इस पवित्र मौके पर बहनो द्वारा यहां आकर विचाराधीन और दण्डित कैदी भाइयों की कलाई पर रक्षाबंधन बांधते हुए उनसे मुलाकात की जाती है. यह एक बड़ा ही भावुक क्षण होता है, जहां पर थोड़ी खुशियों के साथ भावनात्मक रूप से दुख का भी एहसास होता है, ऐसे अवसर पर भाई बहनों की आंखों में आंसू छलक पड़ते हैं, हालांकि प्रशासन की तरफ से आज के दिन उन्हें अपने भाइयों से मिलने की छूट दी जाती है. इसके साथ ही सुरक्षा के मद्देनज़र सभी प्रकार से एहतियातन व्यवस्था की गई थी."
जबलपुर जेल में सादगी से मना रक्षाबंधन: जबलपुर की नेताजी सुभाषचंद्र बोस सेंट्रल जेल में भी बहनों ने रक्षाबंधन का त्यौहार अपने भाईयों के साथ सादगी से मनाया. बहनो ने जेल पहुंचकर भाईयों की कलाई पर राखी बांधी और उनका मुंह मीठा कराया. रक्षाबंधन के अवसर पर जेल में बंद भाइयों को राखी बांधने जेल आने वाली बहनों के लिए जेल प्रशासन ने सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा. बंदियों से मिलने के लिए सिर्फ महिलाओं को ही प्रवेश दिया गया. इस दौरान बहनों ने अपने भाई की कलाई में रक्षा सूत्र बांधते हुए हल्दी चावल कुमकुम से तिलक किया और मिठाई खिलाकर मुंह मीठा कराया. इसके बाद बहनों ने अपने भाइयों से अपराध की दुनिया से दूर होने का वचन मांगा.