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VIDEO: खुलने से पहले भंगार हुआ प्रदेश का दूसरा रेलवे कोच रेस्टोरेंट - रेलवे कोच रेस्टोरेंट

इंदौर के लाल बाग के पीछे स्थित हस्तशिल्प विकास निगम की जमीन पर हाल ही में बनाया गया रेल कोच रेस्टोरेंट खुलने के पहले ही जर्जर होकर भंगार हो चुका है.

रेल कोच रेस्टोरें की हकीकत
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Published : Jun 16, 2019, 1:29 AM IST

इंदौर। प्रदेश में पर्यटन निगम द्वारा विकसित किए जा रहे रेलवे कोच उपेक्षा के कारण भंगार हो रहे हैं. इंदौर में आलम यह है की लाल बाग के पीछे स्थित हस्तशिल्प विकास निगम की जमीन पर हाल ही में बनाया गया रेल कोच रेस्टोरेंट खुलने के पहले ही जर्जर होकर भंगार हो चुका है.

रेल कोच रेस्टोरें की हकीकत

मध्यप्रदेश पर्यटन निगम ने दावा किया था कि क्षेत्र में विकास और सजावट के लिए 3 से 4 महीने लगेंगे, लेकिन 2015 के बाद अक्टूबर तक जो रेल कोच रेस्टोरेंट चालू होना था, वह आज तक नहीं हो पाया. निगम के मुताबिक इंदौर में बड़ी लाइन के कोच से रेस्टोरेंट बनाया गया है, जबकि जबलपुर में भी इसी तरह का कोच नैरो गेज से बनाया गया है.

इंदौर में बनने वाले रेस्टोरेंट की कीमत करीब 1 करोड़ रूपये बताई गई थी, जिसे निर्माण कार्य में खर्च भी कर दिया गया है. फिलहाल प्रदेश का इकलौता रेल कोच रेस्टोरेंट अभी भोपाल में है. इसके बाद इसे इंदौर में शुरू किए जाने का प्रस्ताव था. पहले इस रेस्टोरेंट को पिपलियापाला रीजनल पार्क विजय नगर जैसे इलाकों में स्थापित करने की कोशिश हुई थी, लेकिन निगम की कोशिश यह भी थी कि रेस्टोरेंट के लिए शहर के भीतर जमीन मिले जिससे कि लोग वहां आसानी से आ जा सकें.

गौरतलब है कि पर्यटन निगम के तत्कालीन एमडी अश्विनी लोहानी की खास रुचि के कारण भोपाल के बाद इंदौर और जबलपुर में यह रेस्टोरेंट बनाए जाने प्रस्तावित थे, लेकिन उनके निगम से जाने के बाद यह योजना उपेक्षित हो गई. हालांकि अब उम्मीद की जा रही है कि जल्दी रेलवे कोच को नए सिरे से संवारा जाएगा.

इंदौर। प्रदेश में पर्यटन निगम द्वारा विकसित किए जा रहे रेलवे कोच उपेक्षा के कारण भंगार हो रहे हैं. इंदौर में आलम यह है की लाल बाग के पीछे स्थित हस्तशिल्प विकास निगम की जमीन पर हाल ही में बनाया गया रेल कोच रेस्टोरेंट खुलने के पहले ही जर्जर होकर भंगार हो चुका है.

रेल कोच रेस्टोरें की हकीकत

मध्यप्रदेश पर्यटन निगम ने दावा किया था कि क्षेत्र में विकास और सजावट के लिए 3 से 4 महीने लगेंगे, लेकिन 2015 के बाद अक्टूबर तक जो रेल कोच रेस्टोरेंट चालू होना था, वह आज तक नहीं हो पाया. निगम के मुताबिक इंदौर में बड़ी लाइन के कोच से रेस्टोरेंट बनाया गया है, जबकि जबलपुर में भी इसी तरह का कोच नैरो गेज से बनाया गया है.

इंदौर में बनने वाले रेस्टोरेंट की कीमत करीब 1 करोड़ रूपये बताई गई थी, जिसे निर्माण कार्य में खर्च भी कर दिया गया है. फिलहाल प्रदेश का इकलौता रेल कोच रेस्टोरेंट अभी भोपाल में है. इसके बाद इसे इंदौर में शुरू किए जाने का प्रस्ताव था. पहले इस रेस्टोरेंट को पिपलियापाला रीजनल पार्क विजय नगर जैसे इलाकों में स्थापित करने की कोशिश हुई थी, लेकिन निगम की कोशिश यह भी थी कि रेस्टोरेंट के लिए शहर के भीतर जमीन मिले जिससे कि लोग वहां आसानी से आ जा सकें.

गौरतलब है कि पर्यटन निगम के तत्कालीन एमडी अश्विनी लोहानी की खास रुचि के कारण भोपाल के बाद इंदौर और जबलपुर में यह रेस्टोरेंट बनाए जाने प्रस्तावित थे, लेकिन उनके निगम से जाने के बाद यह योजना उपेक्षित हो गई. हालांकि अब उम्मीद की जा रही है कि जल्दी रेलवे कोच को नए सिरे से संवारा जाएगा.

Intro:प्रदेश में पर्यटन निगम द्वारा विकसित किए जा रहे रेलवे कोच उपेक्षा के कारण भंगार हो रहे हैं इंदौर में आलम यह है की लाल बाग के पीछे स्थित हस्तशिल्प विकास निगम की जमीन पर हाल ही में बनाया गया रेल कोच रेस्टोरेंट खुलने के पहले ही जर्जर होकर भंगार हो चुका है


Body:दरअसल मध्य प्रदेश पर्यटन निगम ने दावा किया था कि कुछ लगने के बाद आसपास के क्षेत्र में विकास और सजावट के लिए 3 से 4 महीने लगेंगे लेकिन 2015 के बाद अक्टूबर तक जो रेल कोच रिश्ता चालू होना था वह आज तक नहीं हो पाया निगम के मुताबिक इंदौर में बड़ी लाइन के कोच से रेस्त्रां बनाया गया है जबकि जबलपुर में भी इसी तरह का कोच नैरो गेज से बनाया गया है इंदौर में रेस्त्रां की कीमत करीब ₹1 करोड़ बताई गई थी जिसे निर्माण कार्य में खर्च भी कर दिया गया है फिलहाल प्रदेश का इकलौता रेल कोच रेस्त्रां अभी भोपाल में है इसके बाद इसे इंदौर में शुरू किए जाने का प्रस्ताव था पहले इस रेस्त्रां को पिपलियापाला रीजनल पार्क विजय नगर जैसे इलाकों में स्थापित करने की कोशिश हुई थी लेकिन निगम की कोशिश यह भी थी कि रेस्त्रां के लिए शहर के भीतर जमीन मिले जिससे कि लोग वहां आसानी से आ जा सके गौरतलब है पर्यटन निगम के तत्कालीन एमडी अश्विनी लोहानी की खास रुचि के कारण भोपाल के बाद इंदौर और जबलपुर में यह रिश्ता बनाए जाने प्रस्तावित थे लेकिन उनके निगम से जाने के बाद यह योजना उपेक्षित हो गई हालांकि अब उम्मीद की जा रही है कि जल्दी रेलवे कोच को नए सिरे से संवारा जाएगा


Conclusion:उपेक्षित रेलवे कोच रेस्त्रां के रिजल्ट
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