इंदौर। प्रदेश की व्यवसायिक राजधानी इंदौर के मध्य बहने वाली कान्ह नदी फिलहाल नाले में तब्दील हो चुकी है. जिला प्रशासन ने एक समिति का गठन करके इस नदी को उसके मूल रूप में लाने की बात कही है.
नदी को केवल इंदौर ही नहीं, उसके मूल स्थल से ही संरक्षित किया जाएगा. इसके लिए प्रशासन द्वारा सीमांकन कार्य शुरू कर दिया गया है. प्रशासन द्वारा जल संसाधन विभाग, ग्रामीण विकास और मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मंडल के विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर यह काम किया जा रहा है.
वर्षों से नाले में तब्दील हो चुकी शहर की प्रसिद्ध नदी को अब सहजने और संवारने का कार्य लगातार जारी है. प्रशासन के इस काम में लोग भी सहयोग कर रहे हैं. शहर के नवागत संभागायुक्त ने पदभार ग्रहण करने के बाद ही कान्ह नदी को सबसे पहले साफ और स्वच्छ बनाने की बात कही थी.
कमिश्नर के निर्देश के बाद से प्रशासनिक अमला कान्ह नदी की स्वच्छता और सीमांकन कार्य में जुट गया हैं. वहीं प्रशासन नदी के मुहाने पर किए गए अतिक्रमण को भी चिन्ह कर रहा है, जिससे नदी संरक्षण के समय हटाया जा सके और नदी को मूल रूप में लाने के लिए काम किया जा सके.