इंदौर। सेंट्रल जेल प्रबंधन ने लॉकडाउन के दौरान कई तरह के उपक्रम की शुरुआत की थी, उसी तरह से इंदौर सेंट्रल जेल ने अपने बंदियों से मास्क बनवाने की योजना की शुरुआत की थी और इस योजना में जेल प्रबंधन सफल भी हुआ, लॉकडाउन के दौरान तकरीबन सवा चार लाख से अधिक के मास्क बनाकर अनेक संस्थाओं को सेंट्रल जेल प्रबंधन ने सौंपा और इस तरह से सेंट्रल जेल प्रबंधन ने लॉकडाउन के दौरान लाखों रुपए की कमाई की है.
कोरोना संकट काल में एक तरफ आर्थिक मंदी भी सामने आई, वहीं दूसरी ओर इंदौर सेंट्रल जेल ने आर्थिक मंदी को दूर करते हुए अपने बंदियों को एक नया रोजगार जेल के अंदर ही उपलब्ध करवाया और वह काम था मास्क बनाने का, कोरोना को देखते हुए मास्क की काफी जरूरी थी तो जेल प्रबंधन ने अपने बंदियों के माध्यम से इन मास्क के निर्माण की शुरुआत की.
बता दें कि इंदौर सेंट्रल जेल में लॉकडाउन के दौरान तकरीबन 12 बंदियों ने रोजाना दस हजार मास्क का निर्माण करवाया और इस तरह से लॉकडाउन के दौरान सेंट्रल जेल प्रबंधक ने सवा चार लाख से अधिक मास्क बनवाकर उन्हें विभिन्न संस्थाओं को सौंपकर लॉकडाउन के दौरान लाखों रुपए मास्क की बिक्री कर कमा लिए.
गौरतलब है कि सेंट्रल जेल प्रबंधक अपने बंदियों से अलग-अलग तरह के काम करवाता रहा है. दीपावली के अवसर पर दीपों व अन्य तरह की वस्तुओं का निर्माण, गणेश चतुर्थी पर गणेश मूर्तियों का निर्माण, इस तरह के काम सेंट्रल जेल प्रबंधक अपने बंधुओं से करवाता रहा है. यह पहला मौका है जब सेंट्रल जेल प्रबंधक ने अपने बंदियों से मास्क का निर्माण करवाया जो फायदे का सौदा रहा.