इंदौर। उपचुनाव में वक्त है बदलाव का का नारा देने वाली कांग्रेस अब खुद बदलाव के मूड में आ गई हैं. दरअसल पार्टी स्तर पर अब नए सिरे से कार्यकारिणी गठन की तैयारियां चल रही है. इस आशय के संकेत खुद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अभी हाल ही में दिए हैं. पार्टी की कोशिश है कि अब योग्य लोगों को मौका दिया जाए. इसके अलावा कार्यकारिणी की जगह सीमित संख्या में ही नियुक्तियां की जाएं.
कांग्रेस का माइक्रो फॉर्मूला
दरअसल उपचुनाव में अधिकांश सीटों पर पार्टी के प्रत्याशियों के हारने के कारण कांग्रेस ने नए सिरे से अपना माइक्रो फॉर्मूला तैयार किया है. इस फॉर्मूले के तहत अब कांग्रेस की इकाई को ना सिर्फ सीमित संख्या में गठित किया जाएगा बल्कि काम और योग्यता के आधार पर ही कार्यकर्ताओं को टीम में जगह दी जाएगी. इधर उपचुनाव के बाद कांग्रेस में काबिलियत वाले लोगों को प्राथमिकता देने की मांग उठ रही है.
उपेक्षित नेताओं को मिलेगा मौका
कांग्रेस के प्रदेश सचिव राकेश सिंह यादव ने नगरीय निकाय चुनाव के संदर्भ में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखकर महत्वपूर्ण सुझाव दिये हैं. जिसके अन्तर्गत सबसे पार्टी के ऐसे नेता, जिन्होंने विधानसभा चुनाव में 2018 एंव उपचुनाव 2020 में विधानसभा उम्मीदवार बनने के लिए टिकिट मांगे थे लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिल पाया था. प्रदेश के ऐसे सभी नेताओं को नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा के कद्दावर नेताओं के सामने चुनाव लड़वाया जाएगा.
कांग्रेस का हो जाएगा सूपड़ा साफ
इधर भाजपा ने कांग्रेस संगठन स्तर पर बदलाव की अटकलों पर निशाना साधते हुए कहा की कांग्रेस में योग्यता नहीं बल्कि वंशवाद को प्राथमिकता दी जाती है. पार्टी में यह स्थिति शीर्ष नेतृत्व से लेकर राज्यों तक बनी हुई है. ऐसी स्थिति के कारण कांग्रेस गर्त में जा रही है यही स्थिति नगरीय निकायों के चुनाव के दौरान रहने वाली है. जिसमें विधानसभा उपचुनाव की तरह ही कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो जाएगा.