इंदौर। कंकड़ आकृति सूर्य ग्रहण 58 साल बाद मोनी अमावस्या पर पड़ने के कारण देश, दुनिया और भारत के लिए खासा महत्व रखता है. ज्योतिष और ग्रह नक्षत्रों के जानकारों के अनुसार पौष मास के मूल नक्षत्र और धनु राशि में पड़ने वाला सूर्य ग्रहण दूरगामी परिणाम के अलावा धर्म की राजनीति बढ़ाने और व्यापार व्यवसाय में मंदी का सूचक माना गया है.
सूर्य ग्रहण का आगामी प्रभाव
ज्योतिष और ग्रह नक्षत्र विशेषज्ञ पंडित रामचंद्र शर्मा ने बताया कि वैदिक के अनुसार 26 दिसंबर को बड़े सूर्य ग्रहण का प्रभाव आगामी 45 दिनों तक रहेगा, जिसमें धर्म की राजनीति बढ़ने से हिंसा की घटनाएं होंगी. इसके अलावा व्यवसाय, व्यापार, महंगाई और आर्थिक मंदी की चुनौती रहेगी. पंडित रामचंद्र शर्मा के अनुसार भारत में करीब 2 घंटे 50 मिनट तक सूर्य ग्रहण रहा. वहीं सूर्य ग्रहण विभिन्न राशियों के जातकों पर भी अलग-अलग प्रभाव डालेगा. जिसका सबसे अधिक दुष्प्रभाव धनु राशि वाले जातकों पर देखने को मिलेगा. गौरतलब है कि 58 साल पहले भी भारत-चीन युद्ध के दौरान 7 ग्रहों की युति एक साथ हुई थी, जिसके कारण भारत को युद्ध का सामना करना पड़ा था, हालांकि अब फिर 6 ग्रहों की युति एक साथ हुई है. जिसका दूरगामी असर भारत में देखने को मिलेगा.
इन राशियों के लिए रहेगा प्रभाव
कुंभ, कर्क, तुला और मीन राशि वालों के लिए सूर्यग्रहण शुभ फलदाई होगा. वहीं मेष, मिथुन, सिंह और वृश्चिक राशि वालों के लिए सूर्य ग्रहण मिश्रित फलदाई रहेगा. इसके अलावा वृषभ, कन्या, धनु और मकर राशि वाले लोगों के लिए सूर्य ग्रहण के अशुभ फल प्रतीत होंगे.