इंदौर। विजय नगर पुलिस ने पिछले दिनों रेमडेसिविर इंजेक्शन के मामले में कुछ आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस आरोपियों से लगातार पूछताछ कर रही है. पुलिस के पास इस संबंध में कई तरह की जानकारी आ गई है. फिलहाल, इन जानकारियों के आधार पर पुलिस जल्द ही कुछ अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी कर सकती है.
पुलिस के हत्थे चढ़े दो गैंग
बता दें कि विजय नगर पुलिस ने जीवन रक्षक दवाइयों की कालाबाजारी में जिन दो गैंग को पकड़ा है, उनमें से एक गैंग के आरोपी का नाम धीरज साजवानी है. पुलिस धीरज को ही इस गैंग का सरगना मान रही है. थाना प्रभारी तहजीब काजी का कहना है कि धीरज से कई लिंक मिले हैं, जिसके जरिए कालाबाजारी के इस खेल में आज और गिरफ्तारियां की जाएंगी.
आरोपी ने पूछताछ में बताई ये बात
आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वह जो रेमडेसिविर इंजेक्शन लाता था, उसे वो इंजेक्शन 8 से 9 हजार में मिलता था. दवाइयों की बाजार में किल्लत होने के चलते महंगी मिलती थी. फिर इसमें कमीशन जोड़कर और भी महंगे दामों में बेची जाती थी.
दूसरी गैंग का आरोपी भी गिरफ्तार
उधर, दूसरी गैंग के अजहर और अन्य से भी पुलिस को महत्वपूर्ण जानकारियां मिली है, जिसकी जांच की जा रही है. अजहर की गैंग के जितने भी आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं, उनमें से अधिकतर मेडिकल फील्ड के लोग हैं, जिनके संबंधों के चलते उन्हें किल्लत वाली दवाइयां आसानी से मिल जाती थी.
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नामचीन बदमाशों में से एक था विष्णु
बता दें कि काफी साल पहले आरोपी धीरज के पिता तरुण व अन्य लोगों ने योजनाबद्ध तरीके से विष्णु उस्ताद की हत्या कर दी थी. उस समय की गई हत्या काफी सुर्खियों में भी रही थी. वहीं, इस पूरे मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इस हत्याकांड से जुड़े कई लोगों को गिरफ्तार कर लिया था. फिलहाल, इस पूरे मामले में पुलिस ने धीरज के पिता तरुण पर भी कार्रवाई की थी और जेल पहुंचा दिया था. तरुण जेल से छूटा तो उसने जेल से बाहर आकर आत्महत्या कर ली थी. विजयनगर पुलिस ने जब धीरज को पकड़ा और उसकी प्रोफाइल खंगाली तो उसकी पूरी प्रोफाइल पूरी तरह से आपराधिक नजर आई. इसके बाद पुलिस उससे सख्ती से पूछताछ करने में जुटी हुई है. पुलिस इस मामले में जल्द अन्य गिरफ्तारियां कर सकती है.