इंदौर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भोपाल के कमलापति रेलवे स्टेशन से 5 वंदे भारत को हरी झंडी दिखाई है. जिसके बाद एमपी को 2 और वंदे भारत की सौगात मिली. इस सौगात में एक वंदे भारत एमपी की आर्थिक राजधानी इंदौर को मिली है. जिसके बाद बुधवार से इस वंदे भारत एक्सप्रेस का नियमित परिचालन शुरू हुआ. हालांकि पहले दिन यात्रियों की संख्या बहुत कम नजर आई, उम्मीद की जा रही थी कि इस ट्रेन को यात्रियों का अच्छा रिस्पांस मिलेगा.
पहले दिन यात्रियों का नजर आया कम रुझान: वंदे भारत एक्सप्रेस का शुभारंभ होने के बाद आज पहली बार यह ट्रेन निर्धारित शेड्यूल पर इंदौर से रवाना हुई. ट्रेन को पहले दिन यात्रियों का रुझान काफी कम नजर आया. 530 की कुल क्षमता वाली इस ट्रेन में पहले दिन कुल 109 यात्रियों ने इंदौर से भोपाल के लिए सफर किया. इसमें एग्जीक्यूटिव क्लास की कुल 52 सीटों में 06 यात्री और चेयर कार की कुल 478 सीटों पर 103 यात्रियों ने सफर किया.
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अन्य साधनों की अपेक्षा अधिक है किराया: दरअसल वंदे भारत एक्सप्रेस के इंदौर भोपाल संचालन में यात्रियों के रुझान में कमी का मुख्य कारण इस ट्रेन का किराया बताया जा रहा है. जानकारों के अनुसार इंदौर से भोपाल पहुंचने के अन्य संसाधनों का किराया बेहद कम है. जबकि इस ट्रेन की एग्जीक्यूटिव क्लास का किराया 1510 रुपए और चेयर कार का किराया 810 रुपए प्रति व्यक्ति है. जिसके चलते इसे काफी महंगा बताया जा रहा है. जबकि इंदौर से जाने वाली इंटरसिटी में इंदौर से भोपाल का किराया केवल 100 रुपये है.