इंदौर। केंद्र सरकार की अमृत योजना शहर में फेल होती नजर आ रही है. नगर निगम में अधिकारियों को इलेक्ट्रिक कार दी गई है, लेकिन इनमें से कुछ ही कारों का इस्तेमाल किया जा रहा है और इसके एवज में हर महीने लाखों रुपए किराये के तौर पर दिए जा रहे हैं. इस बात को लेकर नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष ने आपत्ति दर्ज कराई है.
ऑफिस वाले अधिकारियों को इलेक्ट्रिक कार देने पर नेता प्रतिपक्ष ने जताई आपत्ति
नगर निगम जिन इलेक्ट्रिक कारों के इस्तेमाल पर हर महीने 8.4 लाख रुपये किराया चुका रहा है, उन कारों का गलत उपयोग किया जा रहा है, नेता प्रतिपक्ष ने इस पर आपत्ति जताई है.
नगर निगम अधिकारियों को मुहैया कराई गई इलेक्ट्रिक कारें
इंदौर। केंद्र सरकार की अमृत योजना शहर में फेल होती नजर आ रही है. नगर निगम में अधिकारियों को इलेक्ट्रिक कार दी गई है, लेकिन इनमें से कुछ ही कारों का इस्तेमाल किया जा रहा है और इसके एवज में हर महीने लाखों रुपए किराये के तौर पर दिए जा रहे हैं. इस बात को लेकर नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष ने आपत्ति दर्ज कराई है.
Intro:मध्य प्रदेश का एकमात्र इंदौर नगर पालिका निगम है जहां अधिकारियों को चलाने के लिए इलेक्ट्रिक कार दी गई है कारों का डीजल का खर्च कम करने के मकसद से अधिकारियों को यह कार दी गई थी लेकिन इनमें से कुछ कार का इस्तेमाल किया जा रहा है और इसके एवज में हर महीने लाखों रुपए किराए के तौर पर दिए जा रहे हैं अब नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष ने इन कारों को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है और इसकी शिकायत प्रदेश स्तर पर की जा रही है
Body:इंदौर नगर पालिका निगम के परिसर में खड़ी इलेक्ट्रिक कहां रह जी ने निगम अधिकारियों को चलाने के लिए दिया गया था केंद्र के अमृत योजना के तहत नगर निगम को बस के साथ ही डीजल का खर्च बचाने के लिए इलेक्ट्रिक कारें भी दी गई थी वैसे तो नगर निगम को 40 इलेक्ट्रिक कार किराए पर दी गई थी लेकिन इनमें से महज चार या पांच अधिकारी ही इन कारों का इस्तेमाल कर रहे हैं जबकि प्रतिकार का किराया 21 हज़ार है इस हिसाब से इलेक्ट्रिक कार को इस्तेमाल किए बिना ही हर महीने 8 लाख 40 हज़ार किराया निगम को भुगतना पड़ रहा है इन कारों को नहीं चलाने के पीछे की सबसे बड़ी वजह यह भी है कि है एक बार में केवल 100 किलोमीटर की चलती है और उसके बाद ही नए चार्ज करना पड़ता है हालांकि इलेक्ट्रिक कार डीजल का खर्च बचाने के लिए ली गई थी लेकिन यह योजना अब फेल होती नजर आ रही है इस योजना को लेकर नगर निगम नेता प्रतिपक्ष फोजिया शेख अलीम ने भी आपत्ति ली है नेता प्रतिपक्ष का कहना है कि नगर निगम में कई अधिकारी ऐसे हैं जिनका फील्ड का वर्क नहीं है इसके बावजूद ने गाड़ियां उपलब्ध कराई गई है जो कि सरासर गलत है और इस तरह से नगर निगम फिजूलखर्ची करके आम जनता का पैसा फिजूल खर्च कर रहा है
बाईट - फौजिया शेख अलीम, नेता प्रतिपक्ष
Conclusion:इस तरह मामले को लेकर नगर निगम नेता प्रतिपक्ष जल्द ही नगरीय प्रशासन मंत्री से पूरे मामले की शिकायत करने भी जा रही है
Body:इंदौर नगर पालिका निगम के परिसर में खड़ी इलेक्ट्रिक कहां रह जी ने निगम अधिकारियों को चलाने के लिए दिया गया था केंद्र के अमृत योजना के तहत नगर निगम को बस के साथ ही डीजल का खर्च बचाने के लिए इलेक्ट्रिक कारें भी दी गई थी वैसे तो नगर निगम को 40 इलेक्ट्रिक कार किराए पर दी गई थी लेकिन इनमें से महज चार या पांच अधिकारी ही इन कारों का इस्तेमाल कर रहे हैं जबकि प्रतिकार का किराया 21 हज़ार है इस हिसाब से इलेक्ट्रिक कार को इस्तेमाल किए बिना ही हर महीने 8 लाख 40 हज़ार किराया निगम को भुगतना पड़ रहा है इन कारों को नहीं चलाने के पीछे की सबसे बड़ी वजह यह भी है कि है एक बार में केवल 100 किलोमीटर की चलती है और उसके बाद ही नए चार्ज करना पड़ता है हालांकि इलेक्ट्रिक कार डीजल का खर्च बचाने के लिए ली गई थी लेकिन यह योजना अब फेल होती नजर आ रही है इस योजना को लेकर नगर निगम नेता प्रतिपक्ष फोजिया शेख अलीम ने भी आपत्ति ली है नेता प्रतिपक्ष का कहना है कि नगर निगम में कई अधिकारी ऐसे हैं जिनका फील्ड का वर्क नहीं है इसके बावजूद ने गाड़ियां उपलब्ध कराई गई है जो कि सरासर गलत है और इस तरह से नगर निगम फिजूलखर्ची करके आम जनता का पैसा फिजूल खर्च कर रहा है
बाईट - फौजिया शेख अलीम, नेता प्रतिपक्ष
Conclusion:इस तरह मामले को लेकर नगर निगम नेता प्रतिपक्ष जल्द ही नगरीय प्रशासन मंत्री से पूरे मामले की शिकायत करने भी जा रही है