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खाता धारकों के डिटेल ठगों को बेचने वाले गिरोह के 4 सदस्य गिरफ्तार, यूपी-बिहार से जुड़े तार

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Published : Apr 11, 2023, 10:42 PM IST

ग्वालियर में गरीब लोगों के खाते खुलवा कर उसकी डिटेल ठगों को बेचने वाले गिरोह के 4 सदस्य को गिरफ्तार कर लिया गया है. इसके तार बिहार और यूपी से जुड़े हैं.

Online Fraud In Gwalior
ग्वालियर में ऑनलाइन का मामला
ग्वालियर में ऑनलाइन का मामला

ग्वालियर। ग्वालियर की हजीरा और क्राइम ब्रांच पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है. जो गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को उनके बैंक अकाउंट खुलवा कर लोन दिलाने का झांसा देता था. खाता खुलवाने के बाद इसकी डिटेल यूपी और बिहार में बैठे साइबर ठगों को भेज देता था, जो इन खातों का इस्तेमाल फर्जी संदिग्ध लेनदेन में करते थे. ग्वालियर में एक महिला सहित 14 लोगों के फर्जी खातों को खुलवा कर उनसे करीब 50 लाख रुपए से ज्यादा का लेनदेन का पता लगा.

कैसे होती थी ऑनलाइन ठगी: एसपी राजेश चंदेल का कहना है कि "कमजोर और गरीब वर्ग के लोगों को उनका खाता खुलवाने के लिए पैन कार्ड और आधार नंबर लेकर ऑनलाइन अकाउंट खुलवाने के लिए अप्लाई किया जाता था. फिर फर्जी पते के लिए शपथ पत्र पर बैंक में आवेदन भी पेश किया जाता था. खाता धारक के नाम मिलने वाले चेक बुक और एटीएम कार्ड को यह बदमाश रख लेते थे. एसपी ने कहा कि "यूपी-बिहार में बैठे साइबर ठगों को मात्र दस हजार रुपए में बेच देते थे. कई बार खातों के लेनदेन का पता लगने पर यह गरीब कमजोर वर्ग के लोग पकड़ में आते थे, लेकिन उन्हें अपने खातों से हो रहे लाखों के लेनदेन के बारे में कुछ पता नहीं होता था."

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वेबसाइट के जरिए ठगने में इन खातों का इस्तेमाल: साइबर ठग लोगों को उनकी जमीन में मोबाइल टावर लगवाने shaadi.com, naukri.com आदि वेबसाइट के जरिए ठगने में इन खातों का इस्तेमाल करते थे. पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि साइबर ठग इन अकाउंट का इस्तेमाल तुरंत ही लेनदेन के लिए करते थे. जैसे ही किसी को साइबर ठगों ने ठगा, खाते में पैसे आते ही उन्हें निकाल लेते थे. इसमें फिलहाल 5 लोगों की संलिप्तता मिली है. 4 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पांचवें की तलाश जारी है. उधर यूपी-बिहार में बैठे ठगों के बारे में तलाशी की जा रही है.

ग्वालियर में ऑनलाइन का मामला

ग्वालियर। ग्वालियर की हजीरा और क्राइम ब्रांच पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है. जो गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को उनके बैंक अकाउंट खुलवा कर लोन दिलाने का झांसा देता था. खाता खुलवाने के बाद इसकी डिटेल यूपी और बिहार में बैठे साइबर ठगों को भेज देता था, जो इन खातों का इस्तेमाल फर्जी संदिग्ध लेनदेन में करते थे. ग्वालियर में एक महिला सहित 14 लोगों के फर्जी खातों को खुलवा कर उनसे करीब 50 लाख रुपए से ज्यादा का लेनदेन का पता लगा.

कैसे होती थी ऑनलाइन ठगी: एसपी राजेश चंदेल का कहना है कि "कमजोर और गरीब वर्ग के लोगों को उनका खाता खुलवाने के लिए पैन कार्ड और आधार नंबर लेकर ऑनलाइन अकाउंट खुलवाने के लिए अप्लाई किया जाता था. फिर फर्जी पते के लिए शपथ पत्र पर बैंक में आवेदन भी पेश किया जाता था. खाता धारक के नाम मिलने वाले चेक बुक और एटीएम कार्ड को यह बदमाश रख लेते थे. एसपी ने कहा कि "यूपी-बिहार में बैठे साइबर ठगों को मात्र दस हजार रुपए में बेच देते थे. कई बार खातों के लेनदेन का पता लगने पर यह गरीब कमजोर वर्ग के लोग पकड़ में आते थे, लेकिन उन्हें अपने खातों से हो रहे लाखों के लेनदेन के बारे में कुछ पता नहीं होता था."

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वेबसाइट के जरिए ठगने में इन खातों का इस्तेमाल: साइबर ठग लोगों को उनकी जमीन में मोबाइल टावर लगवाने shaadi.com, naukri.com आदि वेबसाइट के जरिए ठगने में इन खातों का इस्तेमाल करते थे. पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि साइबर ठग इन अकाउंट का इस्तेमाल तुरंत ही लेनदेन के लिए करते थे. जैसे ही किसी को साइबर ठगों ने ठगा, खाते में पैसे आते ही उन्हें निकाल लेते थे. इसमें फिलहाल 5 लोगों की संलिप्तता मिली है. 4 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पांचवें की तलाश जारी है. उधर यूपी-बिहार में बैठे ठगों के बारे में तलाशी की जा रही है.

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