इंदौर। जूडा की हड़ताल के खत्म होने के बाद, अब प्रदेश में नर्सेस एसोसिएशन द्वारा 10 सूत्रीय मांगों को लेकर काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. प्रदेशाध्यक्ष रेखा परमार के आह्वान पर नर्सेस एसोसिएशन के तत्वाधान में सालों से लंबित मांगों को लेकर प्रदेश व्यापी आंदोलन आने वाले 7 दिन 'विरोध सप्ताह' के रूप में मनाये जाने का निर्णय लिया गया है.
10 सूत्रीय मांग
नर्सिंग स्टॉफ, काली पट्टी बांध कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और इस विरोध प्रदर्शन के दौरान वह अपना काम भी कर रहे हैं. जिससे मरीजों को किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़े. यह आंदोलन प्रदेश व्यापी ओर चरणबद्ध है. 10 सूत्रीय मांगों में पुरानी पेंशन योजना को दोबारा लागू करना, कोरोना काल में शहीद हुए नर्सिंग स्टाफ के परिजन को अनुकंपा नियुक्ति देना. उच्च स्तरीय वेतनमान 2 ग्रेट और अन्य राज्यों की तरह मध्य प्रदेश में कार्यरत समस्त नर्सेज को दिया जाए. इसके साथ ही पूर्व में की गई घोषणा पर अमल नहीं किया गया है. मेल नर्स की भर्ती पुनः प्रारंभ की जाए जैसी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है.
मैं जमीनी कार्यकर्ता हूं, पद मिले या ना मिल सेवा करती रहूंगी- इमरती देवी
जा सकते हैं हड़ताल पर
कोविड-19 में नर्सेस को सम्मानित करते हुए अग्रिम दो वेतनवृद्धि का लाभ उनकी सैलेरी में दिया जाए. मेल नर्स के साथ भेदभाव किया जाता है, उन्हें समान अवसर नहीं दिए जाते हैं, कई जगह खाली पद होते हुए भी भर्ती नहीं की जाती है. उनकी भर्ती पुन: आरंभ की जाए. मध्यप्रदेश में कार्यरत नर्सेस को एक ही विभाग में समान कार्य के लिए समान वेतन दिया जाए. नर्सेस एसोसिएशन ने शासन से अनुरोध किया है कि उनकी मांगों का निराकरण किया जाए, नहीं तो पूरे प्रदेश में चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा. समस्त मेडिकल कॉलेजों में कार्यरत नर्सेस अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए बाध्य होगी. नर्सिंग एसोसिएशन ने मांग की है कि उच्च स्तरीय वेतनमान पदनाम परिवर्तन मेल फीमेल नर्स के बाद नर्सिंग ऑफिसर कहा जाए.