अलीराजपुर। कोरोना वायरस के चलते लोगों की सेवा मे लगे कोरोना वॉरियर्स की चिंता किसी को नहीं है. जिले की गुजरात बॉर्डर पर लगे कर्मचारियों को सुरक्षा किट भी उपलब्ध नहीं करवाई जा रही है. बताया जा रहा है कि इन कर्मचारियों को मास्क भी एक या दो बार ही दिया है. वहीं पीपीई किट तो दूर की बात इन्हें सैनेटाइजर भी बमुश्किल दिया जा रहा है.
लॉकडाउन के चलते बाहरी राज्यों से लोगों का आना जाना निरंतर जारी है. आदिवासी बहुल अलीराजपुर जिला गुजरात राज्य से सटा हुआ है और यहां पर गुजरात राज्य की तीन बॉर्डर हैं. उन्हीं में से छकतला गांव गुजरात से बिल्कुल सटा हुआ है. बॉर्डर पर जब से मजदूरों का आना-जाना शुरू हुआ है, तबसे स्क्रीनिंग करने के लिए कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है. यहां दिन-रात काम करने वाले कर्मचारियों को पर्याप्त सामान नहीं मिल पा रहा है.
बात करें मास्क की तो वह भी एक या दो बार ही थ्री लेयर का दिया गया, वहीं सैनिटाइजर भी बमुश्किल इन्हें मिल पाया है और हैण्ड ग्लब्ज भी नहीं दिए गए हैं. कर्मचारियों का कहना है कि अभी चार-पांच दिन पहले ही सैनिटाइजर आया है, इससे पहले साबुन से ही हाथ धोते थे. हैरानी की बात ये है कि हजारों की तादाद में यहां से प्रवासी मजदूर गुजर रहे हैं. जिसके चलते बॉर्डर पर तैनात कर्मचारी लगातार स्क्रीनिंग का कार्य करते हैं. ऐसे में इन लोगों की अनदेखी करना कोरोना योद्धाओं के साथ न्याय नहीं होगा.
मामले में सीएमएचओ का कहना है कि समय-समय पर मास्क, कवर, सैनिटाइजर उपलब्ध किए गए हैं. हां यह जरूर है कि इस बीच सैनिटाइजर की कमी होने के चलते दिक्कत आई थी, लेकिन अब पर्याप्त मात्रा में सैनिटाइजर उपलब्ध हो चुका है. उन्होंने कहा कि स्क्रीनिंग करने में ज्यादा इक्विपमेंट्स की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन फिर भी जो हम लोगों के पास उपलब्ध है, वह सारी सुविधाएं हम कर्मचारियों को दे रहे हैं.