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इंदौरः हनीट्रैप मामले में हरभजन के कारनामों के बाद बैकफूट पर आई नगर निगम

हनी ट्रैप मामले में फरियादी और इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह के कारनामे उजागर होने के बाद पूरा नगर निगम शर्मसार नजर आ रहा है.

हरभजन सिंह
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Published : Sep 22, 2019, 3:17 AM IST

इंदौर। हनी ट्रैप मामले में फरियादी और इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह के कारनामे उजागर होने के बाद पूरा नगर निगम शर्मसार नजर आ रहा है. महापौर, सभापति, एमआईसी सदस्य, निगम आयुक्त, अपर आयुक्त, उपायुक्त से लेकर कोई भी कर्मचारी इस मामले पर कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं है. हालांकि दबी जुबान में सभी यह जरूर कहते नजर आ रहे हैं कि हरभजन सिंह के क्रियाकलापों ने कभी भी निगम का नाम ऊंचा नहीं किया.

इंदौर ने स्वच्छता में तीन बार पहले स्थान पर आकर देश में जो नाम कमाया था, उसे हरभजन सिंह के क्रियाकलापों ने धूमिल कर दिया है. बताया जा रहा है कि तत्कालीन महापौर कैलाश विजयवर्गीय भी हरभजन सिंह से काफी खफा थे और उन्होंने बिल्डिंग परमिशन से हरभजन सिंह को हटा दिया था.

हरभजन सिंह का विवादों से काफी गहरा ताल्लुक रहा है. इसी के चलते आयुक्त रहे मनीष सिंह ने कभी भी हरभजन सिंह को कोई काम नहीं दिया और ना ही उन्हें ट्रांसफर लेने दिया. मनीष सिंह के जाने बाद हरभजन सिंह को हाउसिंग फॉर ऑल जैसा मलाईदार विभाग मिल गया. आयुक्त आशीष सिंह ने हरभजन सिंह को वहां से हटाकर नर्मदा प्रोजेक्ट में भेजा था. बताया जा रहा है कि पिछले दिनों हरभजन सिंह के कारण ही चिंटू चौकसे के समर्थकों ने नगर निगम के परिषद सम्मेलन में जमकर हंगामा किया था. हरभजन सिंह हमेशा गीत, गजलों की महफिल में खोए रहने वाले अधिकारी रहे हैं.

इंदौर। हनी ट्रैप मामले में फरियादी और इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह के कारनामे उजागर होने के बाद पूरा नगर निगम शर्मसार नजर आ रहा है. महापौर, सभापति, एमआईसी सदस्य, निगम आयुक्त, अपर आयुक्त, उपायुक्त से लेकर कोई भी कर्मचारी इस मामले पर कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं है. हालांकि दबी जुबान में सभी यह जरूर कहते नजर आ रहे हैं कि हरभजन सिंह के क्रियाकलापों ने कभी भी निगम का नाम ऊंचा नहीं किया.

इंदौर ने स्वच्छता में तीन बार पहले स्थान पर आकर देश में जो नाम कमाया था, उसे हरभजन सिंह के क्रियाकलापों ने धूमिल कर दिया है. बताया जा रहा है कि तत्कालीन महापौर कैलाश विजयवर्गीय भी हरभजन सिंह से काफी खफा थे और उन्होंने बिल्डिंग परमिशन से हरभजन सिंह को हटा दिया था.

हरभजन सिंह का विवादों से काफी गहरा ताल्लुक रहा है. इसी के चलते आयुक्त रहे मनीष सिंह ने कभी भी हरभजन सिंह को कोई काम नहीं दिया और ना ही उन्हें ट्रांसफर लेने दिया. मनीष सिंह के जाने बाद हरभजन सिंह को हाउसिंग फॉर ऑल जैसा मलाईदार विभाग मिल गया. आयुक्त आशीष सिंह ने हरभजन सिंह को वहां से हटाकर नर्मदा प्रोजेक्ट में भेजा था. बताया जा रहा है कि पिछले दिनों हरभजन सिंह के कारण ही चिंटू चौकसे के समर्थकों ने नगर निगम के परिषद सम्मेलन में जमकर हंगामा किया था. हरभजन सिंह हमेशा गीत, गजलों की महफिल में खोए रहने वाले अधिकारी रहे हैं.

Intro:इंदौर, हनी ट्रैप मामले में फरियादी और इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह के कारनामे उजागर होने के बाद पूरा नगर निगम शर्मसार नजर आ रहा है। महापौर ,सभापति, एमआईसी सदस्य, निगम आयुक्त, अपर आयुक्त, उपायुक्त से लेकर कोई भी कर्मचारी इस मामले पर कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं है। हालांकि दबी जुबान में सभी यह जरूर कहते हैं कि हरभजन सिंह के क्रियाकलापों ने कभी भी नगर निगम का नाम ऊंचा नहीं किया। Body:इंदौर के स्वच्छता में तीन बार प्रथम आकर देश मे जो नाम कमाया था उसे हरभजन सिंहःके इन क्रिया कलापों ने धूमिल कर दिया है। बताया जाता है कि तत्कालीन महापौर कैलाश विजयवर्गीय भी हरभजन सिंह से काफी खफा थे और उन्होंने बिल्डिंग परमिशन से हरभजन सिंह को हटा दिया था। हरभजन सिंह का विवादों से काफी गहरा ताल्लुक रहा है। इसी के चलते आयुक्त रहे मनीष सिंह ने कभी भी हरभजन सिंह को कोई काम नहीं दिया और ना ही हरभजन सिंह को ट्रांसफर लेने दिया। मनीष सिंहः के जाने बाद हरभजन सिंह को हाउसिंग फॉर ऑल जैसा मलाईदार विभाग मिल गया। आयुक्त आशीष सिंह ने हरभजन सिंह को वहां से हटाकर नर्मदा प्रोजेक्ट में भेजा था। बताया जाता है कि पिछले दिनों हरभजन सिंह के कारण ही चिंटू चौकसे के समर्थकों ने नगर निगम के परिषद सम्मेलन में जमकर हंगामा किया था। हरभजन सिंह हमेशा गीत गजलों की महफिल में खोए रहने वाले अधिकारी रहे हैं।Conclusion:फाईल फोटो,

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