इंदौर। प्रदेश का राज्यसेवा आयोग चर्चाओं में बना रहता है. कभी अचानक आवेदनों में की गई फीस वृद्धि की वजह से तो कभी नियुक्तियों में होने वाली देरी के चलते. इस बार पीएससी और सरकार के खिलाफ सहायक प्राध्यपक पद पर चयनित अभ्यर्थियो ने मोर्चा खोला है. इन अभ्यार्थियों 2017 में परीक्षा दी थी. जिनका अंतिम चयन की प्रकिया 2018 तक पूरी हो चुकी थी. बावजूद इसके अभी तक इन्हें नियुक्ति पत्र जारी नहीं किया गया है. जिसके चलते सभी चयनित अभ्यर्थियों प्रदेश की कमलनाथ सरकार से जल्द नियुक्ति की मांग करते हुए जिले की महू तहसील में प्रदर्शन कर रहे हैं.
आंदोलन की चेतावनी
ये अभ्यर्थी पूरे प्रदेश से यहां एकजुट हुए है. इन्होंने सरकार को चेतावनी दी है. अगर उनकी मांगे जल्द नहीं मानी गईं तो वे प्रदेश भर में भीख मांगेगे और अपना मुंडन कराकर सीएम कमलनाथ को बाल सौंपेगे. ये आंदोलन बाबा साहब की जन्मस्थली से शुरु करेंगे और पैदल सीएम आवास तक चलेगा. इस दौरान सीएम समेत राज्यपाल को संविधान की एक प्रति दी जाएगी.
सरकार को प्रतिभा की कद्र नहीं
अभ्यर्थियों का कहना है कि प्रदेश सरकार अयोग्य लोगों की मांगों पर ध्यान दे रही है. जबकि वे अभ्यर्थी जो पीएससी जैसी परीक्षा उत्तीर्ण करके आएं वे दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. पिछले एक साल से नियुक्ति पत्र का इंतजार कर रहे हैं. सरकार को इनकी कोई चिंता नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार के मंत्रियों ने झूठे आश्वसन दिए जिन्हें कुछ समय बाद वे खुद भूल गए.
प्रदेश की उच्च शिक्षा की हालत वैसे ही गंभीर है और ऐसे में पीएससी जैसी परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों की नियुक्ति में होने वाली देरी,शासन-प्रशासन पर सवाल खड़ा कर देती है.