इंदौर (भाषा-पीटीआई)। मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने का फैसला उनकी ही करनी का परिणाम है (Gaurishankar Bisen on Rahul gandhi). उन्होंने यह भी कहा कि ''राहुल गांधी को कुछ भी बोलने से पहले चार बार सोचना चाहिए''.
राहुल गांधी ने किया ओबीसी समुदाय का अपमान: गौरतलब है कि मोदी उपनाम संबधी टिप्पणी को लेकर दर्ज मानहानि मामले में सूरत की एक अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने तथा दो साल कैद की सजा सुनाए जाने के बाद राहुल गांधी को 24 मार्च को लोकसभा की सदस्यता के अयोग्य करार दे दिया गया था. भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गांधी ने यह विवादास्पद टिप्पणी करके ओबीसी समुदाय का अपमान किया है.
कुछ भी बोलने से पहले सोचें राहुल गांधी: मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन ने इंदौर में 'पीटीआई-भाषा' से कहा कि ''राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता के अयोग्य ठहराया जाना उन्हीं के कृत्यों का परिणाम है. मैं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के इस फैसले का सम्मान करता हूं. जब तक पानी सिर से ऊपर न चला जाए, तब तक किसी व्यक्ति को संसद के किसी भी सदन की सदस्यता के अयोग्य नहीं ठहराया जाता. राहुल गांधी को कुछ भी बोलने से पहले चार बार सोचना चाहिए कि वह आखिर क्या कहने जा रहे हैं''.
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कभी बहाल नहीं होगी अनुच्छेद 370: बिसेन ने एक सवाल पर कहा कि ''राहुल गांधी तो क्या, कांग्रेस नेताओं की आने वाली सात पीढ़ियां भी जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 बहाल नहीं कर सकतीं''. उन्होंने बताया कि ''शिक्षा, सरकारी नौकरी, उद्योग-व्यापार जगत और अन्य क्षेत्रों में ओबीसी समुदाय को उसकी आबादी के अनुपात में उचित भागीदारी दिलाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय मसौदा तैयार करने के लिए मध्यप्रदेश में अप्रैल के दौरान एक कार्यशाला के आयोजन पर विचार किया जा रहा है''. बिसेन ने बताया कि ''इस प्रस्तावित कार्यशाला में देश के सभी राज्यों के उन निर्वाचित जन प्रतिनिधियों और सरकारी नुमाइंदों को खास तौर पर बुलाया जाएगा जो ओबीसी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और ऊंचे पदों पर हैं''.