इंदौर। (Indore News) आमतौर पर लोगों के खिलाफ पुलिस द्वारा प्रकरण दर्ज करने की बात तो आपने देखे होंगे लेकिन इंदौर में एक ऐसा शख्स है जो थाने के सामने तिरंगा लगाकर रोजाना पुलिस के खिलाफ बोर्ड पर धरने का दिन दर्ज करता है. शख्स का आरोप है कि वो और उनका परिवार पुलिस की मनमानी के कारण बेघर हो चुके हैं. बीते 376 दिनों से राज्य सरकार (MP Government) और प्रशासनिक अधिकारी से इंदौर पुलिस द्वारा उनके साथ हुए अन्याय के खिलाफ न्याय की मांग कर रहा है.
पुलिस पर बेघर करने का आरोप
इंदौर के तुकोगंज थाने के सामने बीते 1 साल से ज्यादा समय से धरना दे रहे गोपाल कुशवाहा का आरोप है कि पुलिस (Indore Police) की मनमानी के कारण आज वो और उनका परिवार बेघर है. गोपाल कुशवाहा 1996 से 2016 तक समाजवादी पार्टी के नगर अध्यक्ष रहे, लेकिन आज ये खुद बेघर होकर अपनी पूरी गृहस्थी और परिवार के साथ इंदौर के तुकोगंज थाने के सामने धरने पर बैठे हैं. थाने के सामने गोपाल की गुजर-बसर अकेले नहीं बल्कि अपने बेटा और बेटी के साथ होती है जो थाने के सामने ही सोने खाने से लेकर दैनिक क्रियाकलाप करने को मजबूर हैं. गोपाल का आरोप है कि उसकी राजनीति के सुनहरे दौर में लोगों की मदद करने के कारण थाने के टीआई कमलेश शर्मा के साथ उनके मतभेद गहरा गए थे, इसके बाद जब उनका अपने भाइयों से मकान को लेकर विवाद हो गया तो पुलिस ने बदले की भावना से झगड़ा निपटाने के बजाय गोपाल को ही थाने में बंद कर दिया और उसके बेटे और बेटी के साथ मारपीट की.
पुलिस कर रही नजरअंदाज!
बीते 376 दिनों के विरोध के बावजूद पुलिस गोपाल कुशवाहा के लेनदेन के आरोपों की मांग को नकार रही है. इंदौर पूर्व के एसपी (Indore SP) आशुतोष बागरी का कहना है कि गोपाल के आरोपों के संबंध में कोई पुख्ता प्रमाण नहीं है, यदि आरोप सही होंगे तो दोषियों के खिलाफ जरूर कार्रवाई होती. पुलिस की दलील यह भी है कि कोई थाने के सामने फुटपाथ पर बैठा है तो उसे हटाना पुलिस का काम नहीं है क्योंकि लोकतंत्र में सभी को विरोध प्रदर्शन का अधिकार है.
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पुलिस की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल
भले ही पुलिस पूरे मामले में जो चाहे तर्क दें, लेकिन गोपाल थाने के सामने फुटपाथ में धरने पर बैठा परिवार, वहीं खाना बना रहा है. कपड़े धो कर पाने की बाउंड्री वॉल पर सुखा रहा है, बावजूद इसके पुलिस उसकी कोई फरियाद सुनने को तैयार नहीं है. ऐसे में पुलिस पर सवाल उठने लाजमी है. इधर तुकोगंज थाने के सामने ही हाईकोर्ट (Indore High Court) होने की वजह से सारे वीआईपी (VIP) और पुलिस-प्रशासन (Indore Administration) के अफसर यही से गुजरते हैं. मंत्रियों से लेकर स्थानीय विधायक और सांसद का भी यही से आना-जाना है, लेकिन वह भी गोपाल की फरियाद सुनने को तैयार नहीं हैं. यही वजह है कि अब गोपाल ने पूरे मामले को लेकर न्यायालय में फरियाद की है बावजूद इसके वे उन्हें लेकर कोई भी फैसला आने के पहले थाने के सामने से उठने को तैयार नहीं है, इधर तुकोगंज पुलिस ने भी अब उसे नजरअंदाज करते रहना सीख लिया है.