इंदौर। हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में हुकुमचंद मिल मजदूरों की ओर से लगी याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार सहित अन्य को नोटिस जारी किए हैं साथ ही हाउसिंग बोर्ड के प्रमुख सचिव को अगली सुनवाई पर कोर्ट में तलब होने के आदेश भी दिए हैं.
याचिका पर अब क्या हुई सुनवाई: हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में शुक्रवार को हुकुमचंद मिल मजदूरों को लेकर लगी याचिका पर सुनवाई हुई. कोर्ट ने हुकुमचंद मिल मजदूरों सहित अन्य लेनदारों के बकाया भुगतान मामले में सुनवाई की. कोर्ट ने आगामी 12 दिसंबर को हाउसिंग बोर्ड के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई को हाई कोर्ट में तलब होने के आदेश दिए हैं साथ ही उनके खिलाफ अवमानना का नोटिस भी जारी किया गया है.जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की बेंच ने सुनवाई के बाद यह निर्देश दिए हैंं
पहले हुई सुनवाई के निर्देश: इसके पहले हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने 20 अक्टूबर को आदेश जारी कर दो सप्ताह में मजदूरों सहित अन्य का बकाया भुगतान करने की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए थे. बाद में 9 नवंबर को हुई सुनवाई में सरकार की ओर से एक आवेदन देकर आचार संहिता के चलते चुनाव आयोग की अनुमति और बोर्ड बैठक का हवाला देते हुए कोर्ट से भुगतान के लिए 45 दिन का समय मांगा था.
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28 नवंबर तक दिया था समय: हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को 45 दिन का समय देने से इंकार करते हुए सरकार को 28 नवंबर तक का समय दिया था. साथ ही निर्देशित किया कि यदि इस अवधि तक भुगतान के मामले में वह चुनाव आयोग की अनुमति से लेकर बोर्ड बैठक और अन्य औपचारिक प्रक्रिया पूरा करने में असफल रहता है तो कोर्ट अपना 20 अक्टूबर को जारी आदेश वापस ले लेगी. वहीं सरकार और बोर्ड को कोई और अवसर नहीं देते हुए मिल की जमीन कंम्पनीज एक्ट के मुताबिक मिल की संपत्ति नीलाम की जाएगी.
कोर्ट ने जताई सख्त नाराजगी: शुक्रवार को हुई सुनवाई में यह बात सामने आई कि 9 नवंबर के आदेश के बाद हाउसिंग बोर्ड ने 13 दिन बाद 23 नवंबर को चुनाव आयोग को पत्र लिखा. कोर्ट ने इस पर नाराजी जताते हुए प्रमुख सचिव को तलब कर अवमानना नोटिस जारी किया. साथ ही चुनाव आयोग से भी भुगतान की अनुमति के बारे में निर्देश प्राप्त करने के लिए आयोग के एडवोकेट को निर्देश दिए. फिलहाल इस मामले में अब आने वाले दिनों में कोर्ट में सुनवाई होना है और उसके बाद कोर्ट आगे इस पूरे मामले में आखिरी फैसला सुना सकता है.