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एमपी के नए सीएम डॉ.मोहन यादव का विवादों से पुराना नाता, सिंहस्थ की जमीन विवाद में भी नाम

MP new CM Dr Mohan Yadav: मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का विवादों से गहरा नाता है. उज्जैन दक्षिण सीट से तीसरी के विधायक डॉ. मोहन यादव ने चुनाव प्रचार के दौरान और सामान्य दिनों में कई बार विवादास्पद बयान दिए हैं. उस समय उनकी आलोचना भी जमकर हुई. सिंहस्थ की जमीन विवाद में भी वह फंसे थे.

MP new CM Dr Mohan Yadav
एमपी के नए सीएम डॉ.मोहन यादव का विवादों से पुराना नाता
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 11, 2023, 6:25 PM IST

इंदौर। मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव उज्जैन दक्षिण से विधायक हैं. वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में काम कर चुके हैं. पिछली बार उन्हें शिवराज कैबिनेट में उच्च शिक्षा मंत्री बनाया गया था. अब वह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने जा रहे हैं. दरअसल, मोहन यादव का विवादों से भी गहरा नाता रहा है. हाल ही में विधानसभा चुनाव के दौरान उज्जैन के टॉवर चौराहा पर वह आपा खोते नजर आए थे. इससे पहले भी वह कई बार आपा खो चुके हैं. MP new CM Dr Mohan Yadav

कांग्रेसियों को दी थी धमकी : उज्जैन के टॉवर चौराहे पर सभा को संबोधित करते मोहन यादव ने कहा था कि कांग्रेसियों तुम्हारे पते नहीं चलेंगे, कहां गायब हो जाओगे. इसके अलावा मोहन यादव ने हाल ही में बयान दिया था कि सीता माता का धरती में समा जाना आत्महत्या करने जैसा है. इस बयान के बाद उनका यह वीडियो जमकर वायरल भी हुआ था. इसके अलावा मतदान के दिन भी मोहन यादव का गाली देते हुए वीडियो वायरल हुआ था. इस दौरान भी मोहन यादव चर्चा में आए थे. गर्मागर्म बयान देने के मामले में उन्हें जाना जाता है. MP new CM Dr Mohan Yadav

सिंहस्थ की भूमि का विवाद : इसके अलावा उज्जैन में सिंहस्थ मेले के लिए आरक्षित जमीन में से करीब 50 हेक्टेयर जमीन का उपयोग आवासीय होने के मामले में भी मोहन यादव कठघरे में थे, जिसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के हस्तक्षेप के बाद मास्टर प्लान से वापस कृषि भूमि में तब्दील किया गया था. सूत्रों के मुताबिक यह फैसला तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव के परिजनों को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया था. हालांकि इस मामले में उनका विरोध उज्जैन के ही भाजपा विधायक पारस जैन ने किया था. जो सिंहस्थ की जमीन का उपयोग बदलने के लिए खुलकर विरोध कर रहे थे. MP new CM Dr Mohan Yadav

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पूर्व मंत्री पारस जैन से कई बार विवाद : सिंहस्थ की जमीन के विवाद में पूर्व मंत्री पारस जैन की मोहन यादव से तीखी बहस हुई थी. इसके बाद पार्टी संगठन को हस्तक्षेप करना पड़ा था. पारस जैन से मोहन यादव की कभी नहीं बनी. पारस जैन उत्तर सीट से विधायक थे और इसके पहले वाली शिवराज कैबिनेट में कद्दावर मंत्री थे. एक समय उज्जैन के सांसद चिंतामणि मालवीय जो अब आलोट से विधायक चुने गए हैं, उनसे मोहन यादव की अक्सर बहस होती थी. दोनों के बीच कई बार बहस चर्चा का केंद्र रही है. गौरतलब है मोहन यादव का छात्र राजनीति के दौरान उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय में भी विवादों से नाता रहा है. हालांकि अब मुख्यमंत्री बनने के बाद वह विवादित फैसलों और विवादों से कितना दूर रह पाते हैं, यह देखने वाली बात होगी. MP new CM Dr Mohan Yadav

इंदौर। मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव उज्जैन दक्षिण से विधायक हैं. वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में काम कर चुके हैं. पिछली बार उन्हें शिवराज कैबिनेट में उच्च शिक्षा मंत्री बनाया गया था. अब वह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने जा रहे हैं. दरअसल, मोहन यादव का विवादों से भी गहरा नाता रहा है. हाल ही में विधानसभा चुनाव के दौरान उज्जैन के टॉवर चौराहा पर वह आपा खोते नजर आए थे. इससे पहले भी वह कई बार आपा खो चुके हैं. MP new CM Dr Mohan Yadav

कांग्रेसियों को दी थी धमकी : उज्जैन के टॉवर चौराहे पर सभा को संबोधित करते मोहन यादव ने कहा था कि कांग्रेसियों तुम्हारे पते नहीं चलेंगे, कहां गायब हो जाओगे. इसके अलावा मोहन यादव ने हाल ही में बयान दिया था कि सीता माता का धरती में समा जाना आत्महत्या करने जैसा है. इस बयान के बाद उनका यह वीडियो जमकर वायरल भी हुआ था. इसके अलावा मतदान के दिन भी मोहन यादव का गाली देते हुए वीडियो वायरल हुआ था. इस दौरान भी मोहन यादव चर्चा में आए थे. गर्मागर्म बयान देने के मामले में उन्हें जाना जाता है. MP new CM Dr Mohan Yadav

सिंहस्थ की भूमि का विवाद : इसके अलावा उज्जैन में सिंहस्थ मेले के लिए आरक्षित जमीन में से करीब 50 हेक्टेयर जमीन का उपयोग आवासीय होने के मामले में भी मोहन यादव कठघरे में थे, जिसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के हस्तक्षेप के बाद मास्टर प्लान से वापस कृषि भूमि में तब्दील किया गया था. सूत्रों के मुताबिक यह फैसला तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव के परिजनों को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया था. हालांकि इस मामले में उनका विरोध उज्जैन के ही भाजपा विधायक पारस जैन ने किया था. जो सिंहस्थ की जमीन का उपयोग बदलने के लिए खुलकर विरोध कर रहे थे. MP new CM Dr Mohan Yadav

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