इंदौर। मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियां अपने चरम पर है. भाजपा से लेकर कांग्रेस पार्टी इसकी तैयारियों में पूरी तरह से जुट गई है, जहां एक ओर भाजपा अपने चुनाव चिन्ह का बहुआयामी प्रचार करने में लगी हुई है, तो वहीं अब कांग्रेस पार्टी अपने झंडे के सहारे अपना दम दिखाएगी. एमपी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के घर से लेकर कार्यालय तक अब पार्टी का झंडा फहरेगा. प्रदेश की सभी जिला इकाइयों और पदाधिकारियों को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा ये निर्देश दिया गया है कि "प्रदेशभर के कांग्रेसी अपने घरों के अलावा कार्यालयों पर भी कांग्रेस के चरखे वाला तिरंगा लगाएं."
![kamalnath said party charkha symbol flag on houses](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-ind-02-flag-pkg-7201450_17042023213353_1704f_1681747433_919.jpg)
कांग्रेसी अपने घरों पर लगाएंगे पार्टी का चरखा वाला झंडा: विधानसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश की कांग्रेस माहौल बनाने में जुट गई है. इसी को लेकर अब कांग्रेस कार्यकर्ता अपने गाड़ियों से लेकर घरों तक पार्टी का चरखा वाला झंडा लगाएंगे. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष द्वारा दिए गए निर्देशों के बाद पार्टी ने एक पत्र जारी किया है, जिसमें उल्लेख किया गया है कि सभी पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता अपने-अपने घरों और वाहनों पर कांग्रेस का झंडा लगाएं. पत्र में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने लिखा कि "कांग्रेस का ध्वज हमारे संगठन का गौरव है, हमारे आन बान और शान का प्रतीक है. इसी झंडे के नेतृत्व में आजादी की लड़ाई लड़ी गई, आज हमारा कर्तव्य है कि हम इस झंडे का सम्मान करें."
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चुनाव के कई मोड से इस झंडे को जोड़ा जा रहा: इसका निर्देश मिलते ही इंदौर जिला एवं शहर कांग्रेस के प्रभारी महेंद्र जोशी ने सभी कांग्रेसियों से चरखा वाले झंडे लगाने का आह्वान किया है. गौरतलब है कि चुनावी साल में अचानक चरखे के निशान वाला झंडा लगाने को लेकर माना यही जा रहा है कि इस अभियान के पीछे पार्टी अपने पारंपरिक मतदाताओं को नए सिरे से आजादी के आंदोलन में कांग्रेस के योगदान को पुनर्स्थापित करना चाहती है. यही वजह है कि पार्टी के रणनीतिकारों ने झंडे पर हाथ के पंजे के स्थान पर चरखे के निशान वाला झंडा लगाने को कहा है. माना जा रहा है कि इस तरह के झंडे चुनाव के पहले लगने से न केवल कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनेगा, बल्कि चुनाव के दौरान भी इस अभियान के कारण पार्टी आचार संहिता के उल्लंघन से भी अपना बचाव कर सकेगी.