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जब एक कार्यक्रम में मिले दो विरोधी, संजय शुक्ला ने छुए कैलाश के पैर, विजयवर्गीय ने तपाक से गले लगाया

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के समर में नेताओं के बीच तीखी बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप लगातार देखने मिल रहा है. इन सबसे अलग एमपी की आर्थिक राजधानी से कुछ अलग तस्वीर सामने आई है. कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया.

Sanjay Shukla Touch Feet of Kailash Vijayvargiya
संजय शुक्ला ने छुए विजयवर्गीय के पैर
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 8, 2023, 10:24 PM IST

Updated : Oct 8, 2023, 10:54 PM IST

संजय शुक्ला ने छुए कैलाश विजयवर्गीय के पैर

इंदौर। प्रदेश की सबसे हॉट सीट यानी इंदौर की एक नंबर विधानसभा में जहां कैलाश विजयवर्गीय और संजय शुक्ला के बीच तरह-तरह के चुनावी रंग नजर आ रहे हैं. वही दोनों ही प्रत्याशियों के बीच आत्मीयता और मेलजोल इस कदर है कि वह एक दूसरे को पूरा सम्मान देने के साथ क्षमा याचना में भी पीछे नहीं हटते. बीते दिनों जब एक नंबर सीट से कैलाश विजयवर्गीय का नाम घोषित होने के बाद खुद कैलाश विजयवर्गीय ने कांग्रेस प्रत्याशी संजय शुक्ला के स्वर्गीय पिता और वरिष्ठ भाजपा नेता रहे विष्णु प्रसाद शुक्ला के सम्मान और गरिमा को चुनाव में भी बरकरार रखने का संदेश दिया था. इस बीच आज जब गोमटगिरी पर जैन समाज के सामूहिक क्षमा पर्व में संजय शुक्ला का कैलाश विजयवर्गीय से सामना हुआ तो संजय शुक्ला ने भी विजयवर्गीय के पैर छूकर जैन समाज की परंपरा के अनुसार उत्तम क्षमा का धर्म निभाया.

कांग्रेस विधायक ने छुए विजयवर्गीय के पैर: इस दौरान दोनों ने आपस में सौहार्द पूर्वक भेंट की और आपस में गले भी मिले. वहीं संजय शुक्ला ने कैलाश विजयवर्गीय के पैर छूकर आशीर्वाद भी लिया. दरअसल, शुक्ला परिवार और विजयवर्गीय परिवार के बीच शुरू से ही आत्मीयता और अपनापन रहा है. संजय शुक्ला के पिता विष्णु प्रसाद शुक्ला भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे हैं. कई मौके ऐसे आए जब खुद कैलाश विजयवर्गी भी स्वर्गीय विष्णु प्रसाद शुक्ला का पूरा सम्मान करते नजर आते थे. वहीं अपने पिता की परंपरा को संजय शुक्ला ने भी निभाना कभी नहीं छोड़ा. विधानसभा चुनाव के पूर्व जब-जब कैलाश विजयवर्गीय के साथ उनका सामना हुआ, तो उन्होंने विजयवर्गीय का पूरा सम्मान किया और हमेशा उनका आशीर्वाद लिया.

विजयवर्गीय ने संजय शुक्ला को बेटे की तरह बताया: यही स्थिति विजयवर्गीय को लेकर भी है, चुनाव की घोषणा होते ही खुद विजयवर्गीय संजय शुक्ला के पिता विष्णु प्रसाद शुक्ला को श्रद्धा सुमन अर्पित करने के साथ ही चुनाव में उतरने की मंशा से शुक्ला के घर पहुंचे थे. हालांकि इस दौरान संजय शुक्ला ने बयान दिया था कि विजयवर्गीय के कारण उनके दो बेटे यानी आकाश विजयवर्गी और खुद संजय शुक्ला के राजनीतिक भविष्य को लेकर चुनौती है. इस बयान में संजय शुक्ल ने खुद को विजयवर्गीय का पुत्र बताते हुए विजयवर्गीय परिवार के प्रति अपनी निकटता दर्शायी थी, लेकिन खुद शुक्ला चाहते हैं कि किसी भी सूरत में वह विजयवर्गीय के सामने ही चुनाव लड़े. इसलिए संजय शुक्ला विजयवर्गीय के किसी भी बयान पर राजनीतिक रूप से सीधी बयानबाजी से बच रहे हैं.

Sanjay Shukla Touch Feet of Kailash Vijayvargiya
कैलाश विजयवर्गीय और संजय शुक्ला

यहां पढ़ें...

दोनों नेताओं के बीच आत्मीय संबंध: दरअसल, दोनों के लिए ही चुनावी बयानबाजी से बढ़कर दोनों परिवार की आत्मीयता और लगाव है. जाहिर है इंदौर की एक नंबर विधानसभा में पूरे चुनाव तक यह नजारा दिखने वाला है. जब कैलाश विजयवर्गीय ना तो शुक्ला परिवार के खिलाफ सीधी बयानबाजी कर सकेंगे और न ही संजय शुक्ला की ओर से कैलाश विजयवर्गीय के लिए असम्मानजनक स्थिति बने, ऐसा कोई बयान देंगे. दरअसल दोनों ही प्रत्याशियों के बीच प्रेम और आत्मीयता को लेकर भी इंदौर की एक नंबर विधानसभा सीट चर्चा में है. जहां खुद प्रत्याशियों के अलावा मतदाता भी इस बात को लेकर संशय में है कि दोनों प्रत्याशियों के बीच जब इतनी आत्मीयता है तो आखिरकार वोट किसे दें. हालांकि दोनों ही अपनी-अपनी और से जीत के दावे कर रहे हैं, लेकिन पूरे चुनाव के दौरान यह देखना दिलचस्प होगा कि विजयवर्गी और शुक्ला के बीच आत्मीयता और प्रेम के बीच चुनावी द्वंद में आखिर किसकी जीत होती है.

संजय शुक्ला ने छुए कैलाश विजयवर्गीय के पैर

इंदौर। प्रदेश की सबसे हॉट सीट यानी इंदौर की एक नंबर विधानसभा में जहां कैलाश विजयवर्गीय और संजय शुक्ला के बीच तरह-तरह के चुनावी रंग नजर आ रहे हैं. वही दोनों ही प्रत्याशियों के बीच आत्मीयता और मेलजोल इस कदर है कि वह एक दूसरे को पूरा सम्मान देने के साथ क्षमा याचना में भी पीछे नहीं हटते. बीते दिनों जब एक नंबर सीट से कैलाश विजयवर्गीय का नाम घोषित होने के बाद खुद कैलाश विजयवर्गीय ने कांग्रेस प्रत्याशी संजय शुक्ला के स्वर्गीय पिता और वरिष्ठ भाजपा नेता रहे विष्णु प्रसाद शुक्ला के सम्मान और गरिमा को चुनाव में भी बरकरार रखने का संदेश दिया था. इस बीच आज जब गोमटगिरी पर जैन समाज के सामूहिक क्षमा पर्व में संजय शुक्ला का कैलाश विजयवर्गीय से सामना हुआ तो संजय शुक्ला ने भी विजयवर्गीय के पैर छूकर जैन समाज की परंपरा के अनुसार उत्तम क्षमा का धर्म निभाया.

कांग्रेस विधायक ने छुए विजयवर्गीय के पैर: इस दौरान दोनों ने आपस में सौहार्द पूर्वक भेंट की और आपस में गले भी मिले. वहीं संजय शुक्ला ने कैलाश विजयवर्गीय के पैर छूकर आशीर्वाद भी लिया. दरअसल, शुक्ला परिवार और विजयवर्गीय परिवार के बीच शुरू से ही आत्मीयता और अपनापन रहा है. संजय शुक्ला के पिता विष्णु प्रसाद शुक्ला भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे हैं. कई मौके ऐसे आए जब खुद कैलाश विजयवर्गी भी स्वर्गीय विष्णु प्रसाद शुक्ला का पूरा सम्मान करते नजर आते थे. वहीं अपने पिता की परंपरा को संजय शुक्ला ने भी निभाना कभी नहीं छोड़ा. विधानसभा चुनाव के पूर्व जब-जब कैलाश विजयवर्गीय के साथ उनका सामना हुआ, तो उन्होंने विजयवर्गीय का पूरा सम्मान किया और हमेशा उनका आशीर्वाद लिया.

विजयवर्गीय ने संजय शुक्ला को बेटे की तरह बताया: यही स्थिति विजयवर्गीय को लेकर भी है, चुनाव की घोषणा होते ही खुद विजयवर्गीय संजय शुक्ला के पिता विष्णु प्रसाद शुक्ला को श्रद्धा सुमन अर्पित करने के साथ ही चुनाव में उतरने की मंशा से शुक्ला के घर पहुंचे थे. हालांकि इस दौरान संजय शुक्ला ने बयान दिया था कि विजयवर्गीय के कारण उनके दो बेटे यानी आकाश विजयवर्गी और खुद संजय शुक्ला के राजनीतिक भविष्य को लेकर चुनौती है. इस बयान में संजय शुक्ल ने खुद को विजयवर्गीय का पुत्र बताते हुए विजयवर्गीय परिवार के प्रति अपनी निकटता दर्शायी थी, लेकिन खुद शुक्ला चाहते हैं कि किसी भी सूरत में वह विजयवर्गीय के सामने ही चुनाव लड़े. इसलिए संजय शुक्ला विजयवर्गीय के किसी भी बयान पर राजनीतिक रूप से सीधी बयानबाजी से बच रहे हैं.

Sanjay Shukla Touch Feet of Kailash Vijayvargiya
कैलाश विजयवर्गीय और संजय शुक्ला

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दोनों नेताओं के बीच आत्मीय संबंध: दरअसल, दोनों के लिए ही चुनावी बयानबाजी से बढ़कर दोनों परिवार की आत्मीयता और लगाव है. जाहिर है इंदौर की एक नंबर विधानसभा में पूरे चुनाव तक यह नजारा दिखने वाला है. जब कैलाश विजयवर्गीय ना तो शुक्ला परिवार के खिलाफ सीधी बयानबाजी कर सकेंगे और न ही संजय शुक्ला की ओर से कैलाश विजयवर्गीय के लिए असम्मानजनक स्थिति बने, ऐसा कोई बयान देंगे. दरअसल दोनों ही प्रत्याशियों के बीच प्रेम और आत्मीयता को लेकर भी इंदौर की एक नंबर विधानसभा सीट चर्चा में है. जहां खुद प्रत्याशियों के अलावा मतदाता भी इस बात को लेकर संशय में है कि दोनों प्रत्याशियों के बीच जब इतनी आत्मीयता है तो आखिरकार वोट किसे दें. हालांकि दोनों ही अपनी-अपनी और से जीत के दावे कर रहे हैं, लेकिन पूरे चुनाव के दौरान यह देखना दिलचस्प होगा कि विजयवर्गी और शुक्ला के बीच आत्मीयता और प्रेम के बीच चुनावी द्वंद में आखिर किसकी जीत होती है.

Last Updated : Oct 8, 2023, 10:54 PM IST
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