ETV Bharat / state

अनुशासनहीनता में इंदौर के क्या कहने, पिछले तीन महीनों में धारा 188 के तहत इतने मामले हो गए दर्ज - इंदौर में धारा 188 के तहत मामले

देश में इंदौर की बात होती है तो इंदौर के शहरवासियों की शालीनता और उनकी मिलनसरिता के लिए पहचान होती है, लेकिन पिछले तीन महीनों की बात की जाए तो इंदौर की पहचान अनुशासनहीनता के लिए हो रही है. जानें आखिर क्यों इंदौर को इस नए नाम और काम के लिए जाना जा रहा है.

indore
इंदौर
author img

By

Published : Aug 10, 2020, 5:33 PM IST

इंदौर। शालीनता और मिलनसारिता के लिए पहचाना जाने वाला इंदौर पिछले तीन महीनों से अनुशासनहीनता के लिए मशहूर हो रहा है. इंदौर में जब जनता कर्फ्यू की शुरुआत हुई थी, उस समय कई नासमझ लोग उसे सेलिब्रेट करने के लिए सड़कों पर निकल आए थे और उसी का अंजाम आज तक इंदौर भुगत रहा है कि अभी तक जिले में कोरोना मरीज लगातार शहर में निकल रहे हैं. हालांकि पुलिस ऐसे अनुशासित लोगों पर जमकर कार्रवाई कर रही है.

अनुशासनहीनता में अव्वल हो रहा इंदौर


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर जब पूरे देश में जनता कर्फ्यू का कड़ाई से पालन किया जा रहा था, तब इंदौर शहर में लोग उस जनता कर्फ्यू को सेलिब्रेट करने निकले थे. यही कारण था कि पूरे देश में इंदौर की काफी किरकिरी हुई थी.

वहीं जैसे-जैसे कोरोना ने देश में पैर पसारे तो पूरे देश में सख्ती के साथ लॉकडाउन की घोषणा हुई, लेकिन इंदौर की बात की जाए तो इंदौर में पुलिस की सख्ती के बावजूद मनचले बेखौफ होकर बाहर घूमते नजर आए. पिछले तीन महीनों की बात की जाए तो कई लोगों ने बेखौफ होकर लॉकडाउन के नियमों की धज्जियां उड़ाई. पुलिस ने भी नियमों की धज्जियां उड़ाने वालों पर सख्त कार्रवाई की और धारा 188 के तहत कार्रवाई भी की.

तीन महीनों मे 2200 मामले दर्ज

बीते तीन महीनों में लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले आंकड़ों की बात की जाए तो इन महीनों में इंदौर पुलिस ने करीब 2200 से ज्यादा लोगों पर धारा 188 के तहत कार्रवाई की, जो अपने आप में अजूबे से कम नहीं है. आमतौर पर धारा 188 की कार्रवाई एक साथ कई लोगों पर की जाती है और जिस तरह से 2200 से ज्यादा मामले इंदौर में पुलिस ने दर्ज किए तो अनुमान लगाया जा सकता है कि इन 2200 प्रकरण में कितने लोग शामिल हो सकते हैं. बता दें आम तौर पर पुलिस धारा 188 के एक मामले में एक या दो लोगों को आरोपी बनाती है. वहीं कई मामलों में पांच से ज्यादा आरोपी भी हो सकते हैं.

ये भी पढ़ें- बाल अपराध में भी पीछे नहीं है राजधानी भोपाल, हर महीने सामने आ रहे 70 मामले

बता दें इंदौर की मिलन सरिता और सभ्यता पूरे देश में विख्यात है, लेकिन पिछले तीन महीनों में इंदौर अपनी सारी खूबियों को छोड़कर एक अलग नाम और काम के लिए जाना जा रहा है. फिलहाल समय रहते इंदौर के लोग अनुशासित नहीं हुए तो इसके कई गंभीर परिणाम शहरवासियों को उठाने पड़ सकते हैं.

इंदौर। शालीनता और मिलनसारिता के लिए पहचाना जाने वाला इंदौर पिछले तीन महीनों से अनुशासनहीनता के लिए मशहूर हो रहा है. इंदौर में जब जनता कर्फ्यू की शुरुआत हुई थी, उस समय कई नासमझ लोग उसे सेलिब्रेट करने के लिए सड़कों पर निकल आए थे और उसी का अंजाम आज तक इंदौर भुगत रहा है कि अभी तक जिले में कोरोना मरीज लगातार शहर में निकल रहे हैं. हालांकि पुलिस ऐसे अनुशासित लोगों पर जमकर कार्रवाई कर रही है.

अनुशासनहीनता में अव्वल हो रहा इंदौर


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर जब पूरे देश में जनता कर्फ्यू का कड़ाई से पालन किया जा रहा था, तब इंदौर शहर में लोग उस जनता कर्फ्यू को सेलिब्रेट करने निकले थे. यही कारण था कि पूरे देश में इंदौर की काफी किरकिरी हुई थी.

वहीं जैसे-जैसे कोरोना ने देश में पैर पसारे तो पूरे देश में सख्ती के साथ लॉकडाउन की घोषणा हुई, लेकिन इंदौर की बात की जाए तो इंदौर में पुलिस की सख्ती के बावजूद मनचले बेखौफ होकर बाहर घूमते नजर आए. पिछले तीन महीनों की बात की जाए तो कई लोगों ने बेखौफ होकर लॉकडाउन के नियमों की धज्जियां उड़ाई. पुलिस ने भी नियमों की धज्जियां उड़ाने वालों पर सख्त कार्रवाई की और धारा 188 के तहत कार्रवाई भी की.

तीन महीनों मे 2200 मामले दर्ज

बीते तीन महीनों में लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले आंकड़ों की बात की जाए तो इन महीनों में इंदौर पुलिस ने करीब 2200 से ज्यादा लोगों पर धारा 188 के तहत कार्रवाई की, जो अपने आप में अजूबे से कम नहीं है. आमतौर पर धारा 188 की कार्रवाई एक साथ कई लोगों पर की जाती है और जिस तरह से 2200 से ज्यादा मामले इंदौर में पुलिस ने दर्ज किए तो अनुमान लगाया जा सकता है कि इन 2200 प्रकरण में कितने लोग शामिल हो सकते हैं. बता दें आम तौर पर पुलिस धारा 188 के एक मामले में एक या दो लोगों को आरोपी बनाती है. वहीं कई मामलों में पांच से ज्यादा आरोपी भी हो सकते हैं.

ये भी पढ़ें- बाल अपराध में भी पीछे नहीं है राजधानी भोपाल, हर महीने सामने आ रहे 70 मामले

बता दें इंदौर की मिलन सरिता और सभ्यता पूरे देश में विख्यात है, लेकिन पिछले तीन महीनों में इंदौर अपनी सारी खूबियों को छोड़कर एक अलग नाम और काम के लिए जाना जा रहा है. फिलहाल समय रहते इंदौर के लोग अनुशासित नहीं हुए तो इसके कई गंभीर परिणाम शहरवासियों को उठाने पड़ सकते हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.