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पति-पत्नी के बीच विलेन बना मोबाइल! 70 फीसदी रिश्तों का काट दिया 'कनेक्शन'

दुनिया भर में किसी से भी संवाद के इस सुलभ माध्यम के एडिक्शन (Mobile Addiction) के कारण लोग अपने परिवार को ही समय नहीं दे पा रहे हैं. लिहाजा, परिवारों में आए दिन की कलह और विवादों के बाद मोबाइल विवाह विच्छेद और तलाक की वजह बन चुका है. पारिवारिक न्यायालयों (family courts) में विवाह विच्छेद और तलाक के फिलहाल जितने भी मामले सामने आ रहे हैं. उनमें से 10 में से 7 केस मोबाइल के दुरुपयोग से जुड़े हुए हैं.

mobile addiction
मोबाइल एडिक्शन
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Published : Oct 16, 2021, 9:24 AM IST

Updated : Oct 16, 2021, 10:05 AM IST

इंदौर। वर्तमान में मोबाइल जिंदगी के हर पल का हिस्सा बन चुका है. अब फोन कई घरों के बिखरने की वजह भी बन रहा है. दरअसल, दुनिया भर में किसी से भी संवाद के इस सुलभ माध्यम के एडिक्शन (Mobile Addiction) के कारण लोग अपने परिवार को ही समय नहीं दे पा रहे हैं. लिहाजा, परिवारों में आए दिन की कलह और विवादों के बाद मोबाइल विवाह विच्छेद और तलाक की वजह बन चुका है. पारिवारिक न्यायालयों (family courts) में विवाह विच्छेद और तलाक के फिलहाल जितने भी मामले सामने आ रहे हैं. उनमें से 10 में से 7 केस मोबाइल के दुरुपयोग से जुड़े हुए हैं.

मोबाइल से वैवाहिक जीवन खतरे में.

कुटुंब न्यायालय में बढ़ रहे केस
इंदौर के कुटुंब न्यायालय में इन दिनों जल्द से जल्द अपनी पत्नी या पति से छुटकारे के केस लगाने वाले महिला पुरुषों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इन तमाम लोगों के प्रकरणों में एक सामान्य शिकायत मोबाइल को लेकर है. यहां पारिवारिक न्यायालय में सुनवाई के लिए आने वाले 10 में से सात प्रकरणों में पति एवं पत्नी पक्ष की शिकायत मोबाइल को लेकर सामने आ रही है. इसके अलावा मोबाइल पर ही पति पत्नी और वो से जुड़ी कहानियां भी सामने आ रही हैं. ऐसे में तमाम प्रकरणों में देखा जा रहा है कि दोनों पक्ष मोबाइल को लेकर समझौते की स्थिति में नहीं हैं. नतीजतन पेशियों के बाद ऐसे तमाम प्रकरणों को धारा 13बी के तहत सुनवाई के दायरे में आने के कारण न्यायालय द्वारा विवाह विच्छेद संबंधी फैसले देने पड़ रहे हैं.

न्यायालय में पहुंच रहीं ऐसी शिकायतें

  • पत्नी रात में 2:00 बजे उठकर किसी अज्ञात व्यक्ति से चोरी छिपे फोन पर बात करती है.
  • पत्नी हमेशा ही अपने मायके में फोन पर घरवालों से बात करती रहती है.
  • घर के काम के समय पत्नी किसी न किसी सहेली अथवा परिचित व्यक्ति से ऑफिस के काम के नाम पर चैट करती है. पूछो तो विवाद होता है.
  • पति रात में भी चोरी छुपे किसी अन्य के साथ बात करते रहते हैं. पूछो तो कहते हैं कि ऑफिस का काम है.
  • पति दिन में तो ऑफिस का काम करते ही हैं, रात में भी फोन पर ऑफिस का काम करते हैं. परिवार और बच्चों को टाइम नहीं दे सकते. इससे झगड़ा होता है.
  • शादी को 6 महीने से ज्यादा हो गए लेकिन पति मोबाइल से ही चिपके रहते हैं.
  • मोबाइल छीनने या नहीं देने पर आत्महत्या करने या मारपीट पर उतारू हो जाते हैं. उसके बाद घरेलू हिंसा भी बढ़ जाती है.

कोरोना की दूसरी लहर में कितने बढ़े घरेलू हिंसा के मामले? जानें, पारिवारिक विवाद के कारण

सबूत भी मोबाइल से ही हो रहे हैं प्रस्तुत
पारिवारिक झगड़ों और विवाह विच्छेद की वजह बन रहे मोबाइल को लेकर खास बात यह है कि जो मोबाइल विवाद की वजह बन रहे हैं, उन्हीं मोबाइल की रिकॉर्डिंग एक दूसरे के खिलाफ कोर्ट में प्रस्तुत की जा रही हैं. पेनड्राइव और सीडी के जरिए कोर्ट में मोबाइल की अन्य महिलाओं के साथ अंतरंग वीडियो की सीडी लाई जाती हैं. इसी प्रकार पुरुषों द्वारा महिलाओं की कॉल डिटेल साक्षी अथवा प्रमाण के तौर पर कोर्ट में प्रस्तुत की जा रही है. डिजिटल अथवा वीडियो बेस्ट प्रमाण की सत्यता की पुष्टि के बाद इस चरण के प्रमाण को कुटुंब न्यायालय द्वारा भी अधिकांश मामलों में मान्यता दी जाती है.

इंदौर। वर्तमान में मोबाइल जिंदगी के हर पल का हिस्सा बन चुका है. अब फोन कई घरों के बिखरने की वजह भी बन रहा है. दरअसल, दुनिया भर में किसी से भी संवाद के इस सुलभ माध्यम के एडिक्शन (Mobile Addiction) के कारण लोग अपने परिवार को ही समय नहीं दे पा रहे हैं. लिहाजा, परिवारों में आए दिन की कलह और विवादों के बाद मोबाइल विवाह विच्छेद और तलाक की वजह बन चुका है. पारिवारिक न्यायालयों (family courts) में विवाह विच्छेद और तलाक के फिलहाल जितने भी मामले सामने आ रहे हैं. उनमें से 10 में से 7 केस मोबाइल के दुरुपयोग से जुड़े हुए हैं.

मोबाइल से वैवाहिक जीवन खतरे में.

कुटुंब न्यायालय में बढ़ रहे केस
इंदौर के कुटुंब न्यायालय में इन दिनों जल्द से जल्द अपनी पत्नी या पति से छुटकारे के केस लगाने वाले महिला पुरुषों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इन तमाम लोगों के प्रकरणों में एक सामान्य शिकायत मोबाइल को लेकर है. यहां पारिवारिक न्यायालय में सुनवाई के लिए आने वाले 10 में से सात प्रकरणों में पति एवं पत्नी पक्ष की शिकायत मोबाइल को लेकर सामने आ रही है. इसके अलावा मोबाइल पर ही पति पत्नी और वो से जुड़ी कहानियां भी सामने आ रही हैं. ऐसे में तमाम प्रकरणों में देखा जा रहा है कि दोनों पक्ष मोबाइल को लेकर समझौते की स्थिति में नहीं हैं. नतीजतन पेशियों के बाद ऐसे तमाम प्रकरणों को धारा 13बी के तहत सुनवाई के दायरे में आने के कारण न्यायालय द्वारा विवाह विच्छेद संबंधी फैसले देने पड़ रहे हैं.

न्यायालय में पहुंच रहीं ऐसी शिकायतें

  • पत्नी रात में 2:00 बजे उठकर किसी अज्ञात व्यक्ति से चोरी छिपे फोन पर बात करती है.
  • पत्नी हमेशा ही अपने मायके में फोन पर घरवालों से बात करती रहती है.
  • घर के काम के समय पत्नी किसी न किसी सहेली अथवा परिचित व्यक्ति से ऑफिस के काम के नाम पर चैट करती है. पूछो तो विवाद होता है.
  • पति रात में भी चोरी छुपे किसी अन्य के साथ बात करते रहते हैं. पूछो तो कहते हैं कि ऑफिस का काम है.
  • पति दिन में तो ऑफिस का काम करते ही हैं, रात में भी फोन पर ऑफिस का काम करते हैं. परिवार और बच्चों को टाइम नहीं दे सकते. इससे झगड़ा होता है.
  • शादी को 6 महीने से ज्यादा हो गए लेकिन पति मोबाइल से ही चिपके रहते हैं.
  • मोबाइल छीनने या नहीं देने पर आत्महत्या करने या मारपीट पर उतारू हो जाते हैं. उसके बाद घरेलू हिंसा भी बढ़ जाती है.

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सबूत भी मोबाइल से ही हो रहे हैं प्रस्तुत
पारिवारिक झगड़ों और विवाह विच्छेद की वजह बन रहे मोबाइल को लेकर खास बात यह है कि जो मोबाइल विवाद की वजह बन रहे हैं, उन्हीं मोबाइल की रिकॉर्डिंग एक दूसरे के खिलाफ कोर्ट में प्रस्तुत की जा रही हैं. पेनड्राइव और सीडी के जरिए कोर्ट में मोबाइल की अन्य महिलाओं के साथ अंतरंग वीडियो की सीडी लाई जाती हैं. इसी प्रकार पुरुषों द्वारा महिलाओं की कॉल डिटेल साक्षी अथवा प्रमाण के तौर पर कोर्ट में प्रस्तुत की जा रही है. डिजिटल अथवा वीडियो बेस्ट प्रमाण की सत्यता की पुष्टि के बाद इस चरण के प्रमाण को कुटुंब न्यायालय द्वारा भी अधिकांश मामलों में मान्यता दी जाती है.

Last Updated : Oct 16, 2021, 10:05 AM IST
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